हे नारद इतना कह कर शिवजी ने मुझे विश्वास से मस्ताक्स पर हाथ फेरा दादू प्रांत इस प्रकार कहा है यह तस्वीर तुम जरा आंसू से रहित हो जाओ यद्यपि संसार में अनेक संयम नियम है परंतु तुम्हारे समान नियमों का पालन करने वाला और कोई नहीं है तुम हमारा दर्शन किए बिना कभी पानी भी नहीं पीते थे जो मनुष्य हमारा दर्शन किए बिना भोजन कर लेता है उसका सामान पापी और किसी को नहीं समझा जाना चाहिए तुम हर समय हमारे समीप रहा करो तुम्हें मोक्ष पद की प्राप्ति होगी तीनों लोक में किसी भी भक्त के साथ तुम्हारी समानता नहीं की जाए तुमने हमारे जिस लिंग की स्थापना की है वह जागेश्वर नाम से प्रसिद्ध होगा जो मनुष्य उसे लिंग की तीन वर्ष तक सेवा करेगा उसे योग सिद्धि प्राप्त होगी उसे लिंक के दर्शन तथा पूजन से संपूर्ण पाप नष्ट हो जाए करेगा और वह परम सिद्ध को प्रदान करने वाला होगा हमारी आज्ञा अनुसार इस क्षेत्र का नाम जटेश्वर होगा यहां पर आने से सब प्रकार की प्रसन्नता प्राप्त होगी यदि यहां पर किसी एक शिव भक्त को भोजन कराया जाए तो उसका फल एक करोड़ गुना होगा हे जेतेश्वर तुम्हारी स्थापना किए हुए लिंग में हम पूर्ण रूप से सदैव स्थित रहेंगे परंतु कलयुग में यह लिंक सब की दृष्टि से छिपी रहेगी जो लोग योग साधना करने वाले होंगे वह ही इसके दर्शन प्राप्त कर सकेंगे तुमने जीसी स्तुति को बनाया है वह संपूर्ण स्तुति की शिरोमणि होगी और उसे पढ़ने से सब लोग के मनोरथ पूर्ण होंगे इस स्तुति के पढ़ने तथा सुनने पर लोक में ऐसा कोई कार्य नहीं रह जाएगा जो सिद्ध ना हो सके शिव जी के श्री मुख से यह वचन सुनकर जगदीश मुनि उसके चरण कमल पर गिर पड़े तब शिवजी ने उन्हें उठाकर अपने हृदय से लगा लिया मैंने तथा विष्णु जी ने भी मुनि को अपने कंठ से लगाए शिवजी क की इस दयालुता को देखकर सब लोग आनंद में भरकर जय जयकार करने लगे तदुपरांत जब शिवजी आगे बढ़ाने बढ़ाने को हुए इस समय ब्राह्मणों ने वहां जाकर शिवजी की स्तुति की
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O Narada, saying this, Shivji stroked my forehead with confidence. Dadu said, this picture, you should be free from tears. Although there are many rules and regulations in the world, but there is no one who follows rules like you. You never used to drink even water without seeing us. The person who eats food without seeing us, no one should be considered as a sinner. You should stay near us all the time. You will attain salvation. In the three worlds, you should not be compared with any devotee. The Linga of ours that you have established will be famous by the name Jageshwar. The person who will serve that Linga for three years will get Yog Siddhi. All his sins will be destroyed by seeing and worshipping the Linga and he will be the one to give Param Siddha. As per our orders, this area will be named Jateshwar. By coming here, one will get all kinds of happiness. If any one Shiv devotee is fed food here, then its reward will be one crore times. O Jeteshwar, we will always remain completely situated in the Linga established by you, but in Kaliyug, this Linga will remain hidden from everyone's sight. Those who will do Yog Sadhna, Only then will one be able to get its darshan. The stuti that you have composed will be the crown of all stutis and by reciting it, everyone's desires will be fulfilled. By reciting and listening to this stuti, there will be no task left in the world that cannot be accomplished. On hearing these words from the mouth of Lord Shiva, Jagdish Muni fell on his lotus feet. Then Lord Shiva lifted him up and embraced him. I and Lord Vishnu also embraced the Muni. Seeing this kindness of Lord Shiva, everyone was filled with joy and started hailing him. Thereafter, when Lord Shiva was about to proceed ahead, the Brahmins went there and praised Lord Shiva.
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