हे नारद गिरिजा को देने के लिए या सब सामग्री अपने साथ लेकर हिमाचल अत्यंत आकार में भरकर …
ब्रह्मा जी ने कहा हे नारद काशी में स्थित होने के उपरांत शिवजी ने विश्वकर्मा को बुलाकर …
हे नारद यह सब ब्राह्मण अपने हाथों में मांगलिक वस्तु लिए हुए थे यह सब जय जयकार करते हुए…
नारद जी ने कहा हे पिता ब्राह्मणों तथा शिवजी में जो वार्तालाप हुआ अब आप उसका वर्णन करने…
हे नारद इतना कह कर शिवजी ने मुझे विश्वास से मस्ताक्स पर हाथ फेरा दादू प्रांत इस प्रकार…
इतनी कथा सुनकर नारद जी ने कहा हे पिता जब शिवजी अपने भवन में आए उसे समय हुए मार्ग में क…
नंदीश्वर ने कहा हे प्रभु मैं आपकी आज्ञा अनुसार आठ बैलों का रात सजाया है उन सभी बैलों क…
हे नारद इस प्रकार मुझे सांत्वना देकर शिवजी ने योगिनी सूर्य तथा गानों की लज्जा को भी दू…
ब्रह्मा जी बोले हे नारद विष्णु जी को प्रणाम करने के उपरांत गरुड़ ने उन्हें यह शुभ समाच…
ब्रह्मा जी बोले हे नारद विष्णु जी की आज्ञा अनुसार गरुड़ शिव जी के समीप पहुंचे उसे समय …
इतनी कथा सुनकर नारद जी ने कहा हे पिता आप मुझे यह संपूर्ण वृतांत विस्तार पूर्वक सुनाएं …
हे नारद राजा देवदास की बात सुनकर ब्राह्मण रूपी विष्णु जी ने उसकी बहुत प्रशंसा करते हुए…
ब्रह्मा जी ने कहा हे नारद जब 18 दिन आया तो राजा देवदास नित्य कर्म से निर्मित होकर गणपत…
है शिष्य दान चार प्रकार के होते हैं रोगी को औषधि देना चाहिए भयभीत का भाई छोड़ना भूखे क…
ब्रह्मा जी ने कहा हे नारद विष्णु जी आपने आदि केशव मूर्ति में प्रविष्ट होकर खांसी में स…
इतनी कथा सुनकर नारद जी ने कहा है पिता राजा देवदास ने अपना राज्य किसी प्रकार छोड़ तथा श…
हे नारद एक दिन राजा देवदास की पत्नी लीलावती ने उचित अवसर जानकर अपने पति से यह कहा है स…
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