श्री शिव महापुराण कथा पंचम खंड अध्याय 32



ब्रह्मा जी बोले हे नारद जब पुष्प पदार्थ सॉन्ग चरण के पास चले आए टॉप सॉन्ग अपनी रानी के पास गया और प्रातः काल शिवजी से युद्ध करने का प्रावधान उसे का सुनाया उसे सुनकर रानी अशोक कल होकर रोने लगी तथा बोली हे नाथ शिव जी के सब अधीन है आप उसे युद्ध करते हैं आपको यह उचित नहीं है कि आप उसे वेयर करें इस प्रकार शिवजी की महिमा का वर्णन करके वह बोली है स्वामी कल रात्रि को मैंने एक बड़ा स्वप्न देखा है अर्थात मेरा बाया आंख फड़क है या आप शगुन देखकर आपको शिवजी से युद्ध नहीं करना चाहिए संघ छोड़ने उसके बातों पर कोई ध्यान न देते हुए कहा है प्रिया दुख की बात कोई नहीं है तीनों लोकों में सब कार्य समय अनुसार ही होते हैं समय ही अच्छे तथा बुरे बातें सुख-दुख वृक्ष एवं पुष्पों का फलना फूलना देवताओं तथा सृष्टि की उत्पत्ति संसार का जीवन मरण तथा अंत काल आदि सभी कार्य होते हैं हे नारद सॉन्ग सुनने इस प्रकार अपने स्त्री को समझ कर उसके साथ संभोग किया और अपने धर्म को भूल गया उसकी स्त्री को या भोग करना अच्छा ना लगा क्योंकि वह सदा शिव जी के साथ युद्ध करने जा रहा था परंतु सॉन्ग उसे बहुत कुछ समझ कर भोग विलास करता रहा प्रातः काल उठकर उसने अपने पुत्र को तिलक दे दिया फिर अपनी रानी को रोते हुए देखा अपने पुत्र को उपदेश दिया तथा स्त्री को उसी शॉप कर शिव जी के साथ युद्ध करने के लिए चल दिए उसने सेनापति को बुलाकर कहा आज हमारी परीक्षा का दिन है इसलिए तुम अपनी संपूर्ण सेवा साथ ले चलो शिवजी देवताओं को राज देने तथा मुझे अपने अधीन करने की इच्छा रखते हैं इसलिए चलकर भली भांति युद्ध करो सिपाही कल कामिनी 50 स्कूल असुर बंदर एवं कोटि वीर्य तथा साथ कल दानव फ्रॉम यह सब शास्त्र आदि लेकर चले तथा कलक में अपनी सेवा को साथ लेकर चले या आजा देकर संपूर्ण घर से निकाल तथा सोने चांदी के विमान पर चढ़कर शिवजी के साथ युद्ध करने चल दिए उसे समय युद्ध के बजे बजने लगे सब सुना तथा सेनापति प्रशांत पूर्वक चले आ रहे थे सोंग उसे स्थान पर आ गया जहां शिवजी विराजमान थे वहां पहुंचकर वह राजनीति का स्मरण कर शिवजी की सेवा से कुछ दूर पर ही ठहर गया

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Brahma Ji said, O Narada, when the flower substance came near Song's feet, Song went to his queen and told her the provision of fighting with Shiv Ji in the morning. Hearing this, Queen Ashoka started crying and said, O Nath, everything is under Shiv Ji's control, you fight with him, it is not right for you to wear him. In this way, after describing the glory of Shiv Ji, she said, Swami, last night I have seen a big dream, that is, my left eye is twitching or you should not fight with Shiv Ji by seeing the omen. Not paying any attention to her words, she said, Priya, there is nothing to be sad about in all the three worlds, all the works happen according to time. Time is the time of good and bad things, happiness and sorrow, the blossoming of trees and flowers, the origin of gods and creation, the life, death and end of the world, etc. O Narada, after listening to Song, he considered her as his wife and had sex with her and forgot his religion. His wife did not like this enjoyment because he was always going to fight with Shiv Ji, but Song kept on enjoying after thinking her a lot in the morning. He applied tilak to his son, then saw his queen crying, gave advice to his son and after marrying his wife he left for the war with Lord Shiva. He called the commander and said, today is the day of our test, so take your entire army with you. Lord Shiva wishes to give the kingdom to the gods and make me under his control, so go and fight well. Soldier, take all your soldiers, women, 50 demons, monkeys and crores of semen and also demons, take all these weapons etc. with you and take your army with you to the war. He brought you out of the house and boarded a plane made of gold and silver and went to fight with Lord Shiva. At that time the war bells started ringing, he heard everything and the commander was coming peacefully. He reached the place where Lord Shiva was seated. After reaching there, he remembered the throne and stopped at some distance from Lord Shiva.

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