नारद जी बोले ही पिता अब आप मुझे यह बताएं कि शिवजी ने सॉन्ग क्यों को किस प्रकार मारा यह सुनकर ब्रह्मा जी ने कहा है पुत्र सॉन्ग सुनने सब देवताओं को निकाल दिया तथा अच्छी प्रकार राज करने लगा तब सब देवता चिंता मग्न होकर इंद्र के पास गए तथा उनको आगे करके मुनीश्वरों सहित मेरे पास आए और अशोक कल होकर संक्चूर का सब वृतांत सुनने आने लगे यही दशा देखकर मैं सबको विष्णु जी के पास लेकर गया तथा स्तुति कर संपूर्ण का संपूर्ण वृतांत उन्हें का सुनाया हे नारद तब विष्णु जी ने प्रसन्न होकर यह कहा है देवताओं सॉन्ग चरण हमारा परम भक्त है इसलिए वह त्रिशूल के अतिरिक्त और किसी शास्त्र से नहीं मारेगी यह कहकर विष्णु जी हम सबको साथ लेकर शिवलोक में गए वहां डैडीयों पर पहुंचकर हम सब लोग शिवजी की आज्ञा अनुसार अंदर गए तथा उन्हें स्तुति करते हुए बोले ही सदा शिव हम दैत्यों के साथ से मारे जाते हैं यह दशा देखकर शिवजी हम पर दयाल हुए
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Narad ji said, father now you tell me how Shiv ji killed Song Charan. On hearing this Brahma ji said, son, to listen to Song, he drove out all the gods and started ruling well. Then all the gods worriedly went to Indra and putting him in front, came to me along with the sages and people started coming to listen to the whole story of Sanchur. Seeing this condition, I took everyone to Vishnu ji and after praising him, narrated the whole story to him. O Narad, then Vishnu ji became happy and said, gods, Song Charan is our ultimate devotee, that is why he will not kill with any weapon other than trident. Saying this Vishnu ji took all of us along to Shivlok. After reaching the Dadiyon, we all went inside as per the order of Shiv ji and while praising him said, O Shiv, we always get killed with the help of demons. Seeing this condition, Shiv ji became kind to us.
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