नाराज जी बोले ही पिता सॉन्ग चूर्ण को राधिका जी ने किस बात से रोस्ट होकर श्राप दिया था वह मुझे बताएं ब्रह्मा जी बोले हे नारद कृष्ण जी को लोक में निवास करते हैं वहां कृष्ण जी के परम मित्र सुदामा रहते थे राधा जी ने उनका आना चार देखकर ही उन्हें श्राप दिया जिससे उन्होंने दैत्य का शरीर धारण किया नारद जी बोले ही पिता गोलोक कहां है क्या उसी को गांव लोग कहते हैं जहां श्री कृष्ण जी विराजमान है ब्रह्मा जी ने उत्तर दिया है पुत्र प्रथम मेरा लोक है जहां मैं शिव जी के ध्यान में सदैव मार्ग में रहता हूं उसके ऊपर बैकुंठ है जहां विष्णु भगवान विराजमान है उसके ऊपर शिवजी का शासन है जहां शिव जी के भक्त रहते हैं उन्हें शिव जी के भजन से किसी प्रकार का खेत तथा शोक नहीं होता उसके ऊपर वीरभद्र का लोक है जहां इस्कॉन अर्थात स्वामी का कार्तिकेय रहते हैं उसके ऊपर उमा लोक है जहां शिवरानी विराजमान है उसके ऊपर शिवलोक है जहां शिवजी परम ब्रह्म जगत के स्वामी है अंतर्यामी विराजमान है उसको आनंद वन तथा काशी भी कहते हैं वहां के राजा शिवाजी है जो तीनों देवताओं को उत्पन्न करने वाले हैं मैं इस प्रकार के शिवलोक का जो वर्णन किया है उसी के निकट गांव लोक है जहां कृष्ण जी विराजमान है अर्थात जहां शिवजी की रहती है वहां कृष्ण जी का ध्यान स्थान है जिससे वह उनका पालन करें वह गांव लोग ही कृष्ण लोक कहलाता है प्रथम उसे शिवजी ने विष्णु जी को दिया था परंतु जब विष्णु जी ने कृष्ण जी का और लक्ष्मी जी ने राधा जी का अवतार लिया तब शिवजी ने उनका अभिषेक करके उन्हें ब्रह्मांड का राज्य दिल तथा उन्हें सबसे बड़े पदवी दी इस समय शिव जी ने किया कहा है कृष्ण जैसे तुम्हारी इच्छा हो तुम वैसे ही करना तुम्हारी महिमा तथा बधाई विष्णु जी से अधिक होगी तुम गोपियों के साथ बिहार किया करना इसी कारण श्री कृष्ण जी राधा जी को लेकर गोपियों के नगर में आए तथा गांव लोक का पालन करने लगे एक दिन श्री कृष्ण जी ने राधा जी को कहीं भेज दिया तथा स्वयं विराज के साथ बिहार करने लगे राधा जी ने यह बात किसी राखी ने कहा दी राधा जी ने यह सुनकर अत्यंत क्रोधित हो इस चरित्र को देखने के लिए आए हुए विराज के घर जाकर रथ से उतरी और छह की भांति जाए परंतु सुदामा जो एक लक्ष्य गोपियों के साथ द्वार पर बैठा था उसे राधा जी को अंदर जाने नहीं दिया तब बहुत चिडचिडाहट हुई तब कृष्ण जी ने जन की राधा आई है इसलिए हुए भयभीत होकर स्वयं तो वहां से अंतर ध्यान हो गए तथा बिरसा ने अपने शरीर को नदी बना लिया चारों और और मीठे जल से वह निकल जब राधिका जी ने अंदर जाकर दोनों में से किसी को ना पाया तब उन्हें कृष्ण जी पर बहुत क्रोध दिया
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Naraj ji said, father tell me why Radha ji cursed Song Churna after getting roasted. Brahma ji said, hey Narad, Krishna ji resides in the world where Krishna ji's best friend Sudama lived. Radha ji cursed him on seeing him coming, due to which he assumed the form of a demon. Narad ji said, father where is Golok? Is that the place where people call it where Shri Krishna ji resides? Brahma ji replied, son, first is my world where I always stay on the way in the meditation of Shiva ji. Above that is Vaikunth where Lord Vishnu resides. Above that is the rule of Shiva ji. Where the devotees of Shiva ji reside, they do not suffer any kind of pain or grief by the hymns of Shiva ji. Above that is the world of Veerbhadra where ISKCON i.e. Swami Kartikeya resides. Above that is Uma Lok where Shivrani resides. Above that is Shivlok where Shiva ji is the lord of the supreme Brahma world. Antaryami resides. It is also called Anand Van and Kashi. The king there is Shivaji who is the creator of all the three gods. I am of this type. The Shivlok that has been described is near the village where Krishna resides, i.e. where Shivji lives, there is Krishnaji's meditation place, from where he takes care of him. That village is called Krishnalok. First Shivji gave it to Vishnuji, but when Vishnuji took the form of Krishnaji and Lakshmiji took the form of Radhaji, then Shivji anointed them and gave them the kingdom of the universe and the highest title. At this time Shivji said, Krishna, do as you wish, your glory and praise will be greater than Vishnuji's, you should have fun with the gopis. For this reason, Shri Krishna came to the city of gopis with Radhaji and started taking care of the village people. One day Shri Krishna sent Radhaji somewhere and himself started having fun with Viraj. Radhaji was told this by a Rakhi. On hearing this, Radhaji became very angry. She got down from the chariot and went to Viraj's house, who had come to see this act, and went like a chashma, but Sudama, who was sitting at the door with a few gopis, did not let Radhaji go inside. Then she got very irritated. Then Krishna Ji got scared and thought that Radha has come, so he himself disappeared from there and Birsa turned his body into a river and he came out with sweet water all around. When Radha Ji went inside and did not find either of them, then she got very angry with Krishna Ji.
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