श्री शिव महापुराण कथा पंचम खंड अध्याय 2 का भाग दो



हे नारद विष्णु जी ने यह कहकर समस्त देवताओं सहित शिवजी के पूजन का आयोजन किया इस समय एक करोड़पति की लिंग मिट्टी से बनाकर प्रथम प्राण प्रतिष्ठा एवं भगवान करके पश्चात इसकी अवश्य चंदन सुगंधित पुष्प एवं बैल पत्रों से पूजा की इस प्रकार विष्णु जी शिव जी के ध्यान में मग्न हुए तब शिव जी के प्रसन्न होने से त्रिशूल गधा आदि लिए हुए असम के भूत पाटो की सेवा प्रकट हुई उसे समय विष्णु जी ने उन्हें देखकर यह कहा कि तुम सब तुरंत तिरुपुर का नाश कर दो अर्थात तीनों नगरों को जलाकर भस्म कर डालो इस प्रकार संसार में तुम्हारी कीर्ति फैलेग विष्णु जी का ऐसा देश सुनकर भूतों की सेवा वायु वेग से चली तथा तिरुपुर में पहुंचकर चारों ओर फैल गई परंतु जब यह हुआ नगर के भीतर पहुंची तब शिवजी की लीला से जलकर तुरंत भस्म हो गई हे नारद जिसके मन में शिव जी की ड्रेन भक्त हो उसके निकट संकट आकर स्वयं ही नष्ट हो जाते हैं देवताओं ने यह हाल देखकर विष्णु जी के पास जाकर सब वृतांत सुनाएं तथा वह या सोचने लग की किस उपाय से त्रिपुर का नाश किया जाए क्योंकि अभी चार अर्थात है धर्मी से भी शिव जी के भक्तों को कोई कष्ट नहीं पहुंचा जा सकता है वास्तव में शिव की भक्ति के ही कारण हुए सब देते वक्त गए हैं यदि शिवजी हमारी सहायता करें तब हम शत्रुओं के इन अत्याचारों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं इसलिए हमें कोई ऐसा उपाय करना चाहिए जिससे आदित्य धर्म से भ्रष्ट हो जाएंगे उसे स्थिति में शिवजी स्वयं ही उसको नष्ट कर देंगे विष्णु जी ने यह विचार कर देवताओं से कहा है देवताओं अब तुम सब लोग अपने घरों में जाकर शिव जी के नाम का जाप करो तथा दिन-रात प्रतिक पूजन करके उसकी स्तुति करो विष्णु जी के ऐसे वचन सुनकर समस्त देवता अत्यंत प्रसन्न हो अपने अपने घरों को गए

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O Narada, Vishnu ji said this and organized the worship of Lord Shiva along with all the gods. At this time, a millionaire's linga was made from clay and after doing Pran Pratishtha and Bhagwan, it was worshipped with sandalwood, fragrant flowers and Bel leaves. In this way, Vishnu ji got engrossed in the meditation of Lord Shiva. Then, due to Shiva's pleasure, the ghosts of Assam appeared with trident, donkey etc. At that time, Vishnu ji saw them and said that all of you should immediately destroy Tirupur, that is, burn all the three cities to ashes. In this way, your fame will spread in the world. Hearing such a statement of Vishnu ji, the ghosts moved with the speed of wind and after reaching Tirupur, spread all around. But when it happened, they reached inside the city and were immediately burnt to ashes by the play of Lord Shiva. O Narada, the one who has devotion of Lord Shiva in his heart, gets destroyed by troubles. Seeing this, the gods went to Vishnu ji and narrated the whole incident and he started thinking about the way to destroy Tripura because even the four, that is, the dharmis, cannot cause any harm to the devotees of Lord Shiva. In fact, all these hardships have happened because of the devotion to Shiva. If Lord Shiva helps us, then we can get freedom from these atrocities of the enemies. Therefore, we should adopt such a measure which will corrupt the Aditya Dharma. In such a situation, Lord Shiva himself will destroy him. Thinking this, Lord Vishnu said to the Gods that now all of you should go to your homes and chant the name of Lord Shiva and praise him by doing symbolic worship day and night. Hearing such words of Lord Vishnu, all the Gods became very happy and went to their homes.

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