श्री शिव महापुराण चतुर्थ खंड अध्याय 28 का भाग 2



नारद शिव एवं गिरजा गणेश कैसे चतुर्थ पूर्ण वचन सुनकर का अत्यंत चिंतित हुए तथा उसकी यह चतुराई देखकर प्रसन्नता भी हुई तब उन्होंने कहा है गणेश तुमको शुभ माटी उत्पन्न हुए हैं इसलिए तुमने ऐसे धर्म क्यों वाक्य कहें हम तुमसे कहते हैं कि तुम्हारा यह कथन वेद पुराण एवं सहस्त्र के समान विश्वास के योग्य प्रमाणित महान जाएगा इसके अनुसार हम पहले तुम्हारा ही विवाह करेंगे तब शिवजी की इच्छा जानकर विश्व रूप से अपनी दोनों पुत्री को जिनका नाम सिद्धि एवं वृद्धि था गणपति से साथ विवाह किया विवाह में इस प्रकार सब बातें हुई जिस प्रकार शिव जी के विवाह में हिमाचल की ओर से हुई थी ऐसे सुंदर तथा कुशल स्त्रियां प्रकार गर्भवती अत्यंत प्रसन्न हुए कुछ समय के पश्चात गणपति ने दोनों पुत्र उत्पन्न हुए सिद्धि से छम तथा रिद्धि से लाभ उत्पन्न हुआ समस्त संसार में उनके नाम कोई पंडित तथा कलाकार नाक हुआ हो इतने ही में स्कंद की संपूर्ण संसार की परिक्रमा लौटकर आए हैं नारद उसे समय तुमने पहले स्कंद को बहुत भड़काया था तथा यह कहा कि है इसका देखा तुमक बहा कर तुम्हारे पीछे गणपति का विवाह कर दिया गणपति ने दोनों स्त्रियों से दो पुत्र उत्पन्न किया मेरी समझ में तो उन्होंने यह काम उचित नहीं किया जो माता-पिता स्वयं ही अपने संतान को भेजें या 20 दें या उसका राज्य धन द्रव्य आदि लूट लेता मनुष्य किसके पास जाकर अपना दुख काहे इसमें पुत्र को यही उत्तम है कि वह फिर ऐसे माता-पिता का विवाह ना माता-पिता का मुंह ना देखें ही नारा देश प्रकार की बात करने से तुम्हारा तेज घट गया तब इसका ना अपने माता-पिता के पास गए वह माता-पिता की स्तुति करने के पश्चात हुए अत्यंत दुखी होकर कोच पर्वत पर चले गए यद्यपि उन्हें वहां जाने से माता-पिता ने बहुत रोका परंतु स्कंद जी नहीं लौटे हैं नारद शिव जी के चरित्र ऐसे आश्चर्यजनक है कि उनका कोई नहीं ध्यान पता यह नारद इसकांजी कोच पर्वत में जब से स्थित हुए तब से वहां की दशा ही बदल गई यह पर्वत यस में वृद्धि करने वाला पापों को के आने का समाचार जानकर उन्हें यही इच्छा की की वहां से कहीं और दूर जाकर वास करें इसलिए वह वहां से तीन योजन दूर जाकर स्थित हुए शिवजी वहां पर हर पूर्णिमा मासी को जाते हैं इन नारद हमने तुमको इसका तथा गणपति का यह चरित्र सुनाया जिसके सुनने या खाने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं मल्लिका अर्जुन स्थान का यशवड गाते हैं गणपति के इस चरित्र को जो कोई सुनेगा वह संसार में आनंद तथा अंत में शिव जी के धाम को प्राप्त करेगा

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Narada, Shiva and Girija Ganesh became very worried after hearing the fourth complete statement and were also happy to see his cleverness. Then they said, Ganesh, you are born from auspicious soil, so why did you say such a religious sentence? We tell you that your statement will be proved to be worthy of trust like Vedas, Puranas and Sahastras. According to this, we will marry you first. Then, knowing the wish of Shivji, Vishwaroop got his two daughters named Siddhi and Vriddhi married to Ganpati. In the marriage, everything happened in the same way as it happened in the marriage of Shivji from Himachal. Such beautiful and skilled women became pregnant. They became very happy. After some time, Ganpati gave birth to two sons. Siddhi gave birth to Chham and Riddhi gave birth to Labh. There was no scholar or artist named after them in the whole world. Meanwhile, Skanda returned after circumambulating the whole world. Narada, at that time, you provoked Skanda a lot and said that hey, I saw this, I got Ganpati married behind your back. Ganpati gave birth to two sons from both the women. In my opinion, he did not do the right thing. Parents themselves send their children or give them money or loot their kingdom, wealth etc. To whom should a man go and share his sorrows? It is best for the son to never marry such parents again, and never see the face of his parents. By talking about such things, your glory has diminished, then he went to his parents. After praising his parents, he became very sad and went to Koch mountain. Although his parents stopped him a lot from going there, but Skand ji did not return. Narad, the character of Shiv ji is so amazing that no one pays attention to him. Ever since Narad settled in Koch mountain, the condition of that place has changed. This mountain increases the sins. Knowing the news of the arrival of sins, he wished to go and live somewhere else far from there. Therefore, he went three yojanas away from there and settled there. Shiv ji goes there every full moon day. Narad, we have narrated to you this and this character of Ganpati, by listening to or eating which all sins are destroyed. Mallika sings the glory of Arjun sthan, this is the story of Ganpati. Whoever listens to the story will attain happiness in this world and ultimately reach the abode of Lord Shiva.


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