ब्रह्मा जी ने कहा है नारद तब तुमने युद्ध का विस्तारित प्रकार से प्रगति कर कहा है गिरजे देवता कितने दुष्ट हैं कि उन्होंने आपके पुत्र का वध निता के साथ कर डाला है उन्हें आपके प्रताप एवं तेज का कोई विचार नहीं किया आज तो आपको अब यही उचित है कि आप अपना तेज देवताओं को दिखाई दे जिससे वह अपने कर्मों का फल पावे तथा आपकी भी करती बने रहे यह कहकर तुम कहां से चले गए अस्तु गिरजा तुम्हारे मुख से अपने गांड किया दूरदर्शी सुन रो उठी तथा गोकुल को मूर्छित हो गई फिर अपने शरीर से उन्होंने 100 शक्तियां उत्पन्न की और सोच सोचा कि उन शक्तियों के द्वारा समस्त सी को नष्ट कर डाले उसे शक्तियों का स्वरूप बहुत ही उग्र था शरीर मा विकराल तथा अंग वंदन बहुत ही भयानक थे उन्होंने हाथ जोड़कर गिरजा से निवेदन किया कि आप हमें जो आज्ञा दें हम उसे पूरा करेंगे तब गिर जाने क्रोध आवेश में उनसे कहा कि जितने देवता सेवा में है तुम उन सबको उसे समय विष्णु में तथा समस्त देवता दुखी होकर कहने लगी कि वास्तव में प्रलय काल गया है अथवा शिव जी ने अपनी शक्ति प्रकट की है यह कहकर हम सब ने शिव की ओर दृष्टिपात की है नारद उसे समय तुमने शिवजी क आज्ञा से सब लोगों से यह कहा कि जब तक गिरजा को प्रसन्न न किया जाए तब तक यह पहले रूपी कास्ट किसी प्रकार भी दूर ना होगा यह सुनकर हम तथा सब देवता गिरजा के समीप जाकर हाथ जोड़ मस्तक झुका स्तुति करने लगे तथा यह निवेदन किया है गिरजिये वास्तव में हम सब अपराधी हैं अब आप हम सबको क्षमा करें यह सुनकर गिरिजा ने उत्तर दिया है देवताओं यदि हमारा पुत्र जीवित हो जाए तब तथा समस्त देवताएं पहले उसकी पूजा करें तब हम पहले नहीं होने देंगे यह सुनकर देवताओं ने यह हाल शिवजी से जाकर कहा उसे सुनकर शिवजी ने गणपति के जिसने विष्णु जी की बहुत स्तुति की जिससे प्रसन्न होकर विष्णु जी ने दूसरा सर उत्पन्न कर उसे आदमी के धार से जोड़ दिया तब वह आदमी पुन जीवित हो गए फिर विष्णु जी ने उसे आशीर्वाद दिया कि तुम एक कप तक जीवित रहोगे इसके पश्चात विष्णु जी हाथी के सर को लेकर शिव जी के पास पहुंचे तथा उसे गणपति में ध से जोड़ दिया उसे समय शिव जी ने प्रसन्न होकर उन्हें जीवन दान दिया इस प्रकार सब के दुख दूर हो गए तथा आनंद प्राप्त हुआ
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Brahma Ji said, Narad, then you have progressed the war in a detailed manner and said, how evil are the gods, that they have killed your son with the help of Nita, they did not think about your glory and glory, today it is appropriate for you that you show your glory to the gods, so that they get the fruits of their deeds and your blessings also remain, saying this, where did you go? So Girja cried after hearing this from your mouth, and Gokul fainted. Then she generated 100 powers from her body and thought that by those powers she should destroy all the world, the form of those powers was very fierce, the body was monstrous and the body parts were very scary, she requested Girja with folded hands that whatever you order us, we will fulfill it, then Girja said to him in anger that all the gods who are in your service, you should call them all in the name of Vishnu at that time and all the gods started saying sadly that in reality the time of doomsday has come or Shiv ji has revealed his power, saying this we all looked towards Shiv. Narad, at that time you killed all the gods with the order of Shiv ji. He told the people that till the time Girija is not pleased, this evil of the first form will not go away in any way. On hearing this, we and all the gods went near Girija with folded hands and bowed heads and started praying and requested that Girija, in reality we are all criminals, now please forgive us all. On hearing this, Girija replied that gods, if our son becomes alive and all the gods worship him first, then we will not let this happen. On hearing this, the gods went and told this to Shivji. On hearing this, Shivji praised Ganpati, who praised Vishnuji a lot. On being pleased with this, Vishnuji created another head and attached it to the head of the man. Then the man became alive again. Then Vishnuji blessed him that he will live for a long time. After this, Vishnuji took the head of an elephant and reached Shivji and attached it to the head of Ganpati. At that time, Shivji, being pleased, gave him life. In this way, everyone's sorrows were removed and they got happiness.
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