ब्रह्मा जी बोले हे नारद जब मैं ना राज्य के अहंकार सिया अनुचित विचार अपने मन में ले तथा उसके शिव के रूप की परीक्षा करनी चाहिए तब शिवजी यह जानकर का प्रसन्न हुए अब मैं ऐसा चरित्र करता हूं जिससे यह मूर्ख ऐसी बातों को भूल जाए ऐसा सोचकर शिवजी ने अपना विचार विष्णु को बुलाकर प्रकट किया और कहा एक विष्णु तुम और ब्रह्मा हमारे बड़े शुभचिंतक हो हम तुमको आदेश देते हैं कि तुम सबसे पहले अलग-अलग अपनी सुना सहित हिमाचल के द्वार पर चलो हम सब के पश्चात वहां आएंगे विष्णु जी ने यह सुनकर सबको शिवजी का आदेश सुनाया वह आदेश के अनुसार ही सब अलग-अलग अपनी सुना सहित चले तथा हिमाचल के द्वारा में प्रवेश करने लगे महीना ऐसी धूमधाम से आते हुए बारात को देखकर प्रसन्न हो का हमें लगी वह-वह कैसे सुंदर बारात है उसकी ऐसी दशा हुई की उसको देखते तुमसे उसी के विषय में पूछता की क्या यही गिरजा के पति है पहले जब मैं ने गंधर्व राज वासु को देखा तो तुम से कहा कि क्या यही शिव है तब तुमने उत्तर दिया नहीं यह तो शिव की सभा को गाने वाले हैं यह सुनकर मैं बोली कि जिसकी सभा के गाने वह नाचने वाले ऐसे हैं तब वह मुझको कब दिखाई पड़ेगी फिर महीना ने यह फोन के स्वामी मनी ग्रुप को देखा और तुमसे पूछा कि क्या यही शिव है तुमने उत्तर दिया नहीं हे नारद इसी प्रकार मैं ने धर्मराज सपरा वरुण धवन कुबेर ईशान ऑटो दीपाल रूद्र इंद्र चंद्र ग्रहपति शुक्र प्रजापति सप्त ऋषि ब्रह्मा तथा विष्णु जो एक के पीछे एक आते थे वह देखकर प्रसन्न हो तुमसे पूछा क्या यही शिव है परंतु तुम बारंबार यही उत्तर देते रहे कि नहीं या शिव नहीं है यह तो शिव के भक्त है यह सुनकर मैं अत्यंत प्रसन्न हुए तथा अपने को धन्य समझने लगे वह समझी कि हमारा कल किरदार हो गया इस प्रकार मैं के सब दुख दूर हो गए
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Brahma Ji said O Narada, when I am not taking any inappropriate thoughts in my mind due to the pride of the kingdom and I should test the form of Shiva, then Shiva Ji became happy to know this, now I will do such a thing that this fool will forget such things, thinking this, Shiva Ji called Vishnu and expressed his idea and said, Vishnu, you and Brahma are our great well-wishers, we order you that first of all you go to the gate of Himachal with your horses, we will come there after all, Vishnu Ji, on hearing this, conveyed the order of Shiva Ji to everyone, as per the order, everyone went separately with their horses and started entering the gate of Himachal, Mahina was happy to see the procession coming with such pomp and show, we felt that what a beautiful procession it is, its condition was such that on seeing it, I would have asked you about it that is he the husband of Girji, first when I saw Gandharva King Vasu, then I asked you that is he the one who sings in the court of Shiva, on hearing this I said that when will I see the one whose singers and dancers are like this, then Mahina said this on the phone I saw Swami Money Group and asked you if this is Shiva, you answered no, O Narada. Similarly, I saw Dharmaraj Sapra, Varun Dhawan, Kubera, Ishan Auto Deepal, Rudra, Indra Chandra, Grahapati, Venus, Prajapati, Saptarshi, Brahma and Vishnu coming one after the other and was pleased to see them and asked you if this is Shiva, but you kept on answering again and again that no, or he is not Shiva, he is a devotee of Shiva. On hearing this, I became very pleased and considered myself blessed and thought that our role was completed. In this way, all my sorrows were dispelled.
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