ब्रह्मा जी ने कहा है नारद हिमाचल ने भी इस विवाह के लिए अपने भाई बंडवत तथा समस्त नदी नाद एवं समुद्रों को स्त्रियों सहित निमंत्रित किया और अपने नगर को भली भांति सजाया अनेक मंदिरों को रत्न आदि से पूर्ण कर घोषित किया गया अच्छा मांडव छकर बंदर भगवान तथा मोतियों की झलकारी लटका दी समस्त नियंत्रण भाई बंधु उसके घर एक एकत्र हुए इस प्रकार वहां एक आश्चर्यजनक सामग्री एकत्र हुए हिमाचल ने अपने दान से सब याचकों को संतुष्ट किया प्रत्येक ने अपने को सुसज्जित किया तथा अनेक प्रकार के सजा सजे लगे स्त्रियों के समूह में एकत्र होकर गिरजा को स्थान कराया जो स्कूल देवता आदि की पूजा निर्मित है वह सब गिरजा से कराई गई तुमको शिवजी की ओर से देवताओं ने पहले हिमाचल के पास भेजा जहां तुम्हारा बहुत ही आदर सत्कर हुआ सब रीति-रिवाज को पूरा हो जाने के पश्चात हिमाचल ने पहले अपने पुत्रों को बारात की अगवानी के लिए भेजा तथा स्वयं भी बरात आने की प्रतीक्षा करने लगे जब बारात में कट पहुंची तो हिमाचल स्वयं अपने समस्त भाई बांधो सहित अगवानी के लिए चले हुए बारात की शोभा असम के सी तथा विचित्र सामग्री देखकर साथियों सहित आश्चर्य चकित हुए उन्होंने हम सबको झुका कर प्रणाम किया तथा बहुत कुछ स्तुति की तद्धु प्रांत बढ़ाने के लिए एक बहुत अच्छा स्थान दिया ब्रह्मा जी बोले हे नाथ बारात की उसे शोभा का वर्णन किसी प्रकार भी नहीं किया जा सकता सब बरात बड़ी सज धज के साथ अपने-अपने वाहनों पर चढ़कर हिमाचल के घर की ओर चली बारात को द्वार पर आया हुआ देखकर मैं की इच्छा हुई थी सर्वप्रथम मैं अपने दामाद को देखूं उसके पक्ष द्वारा चार की रीति पुरी की जाए यह विचार कर मैंने तुमको बुलाया तथा अपनी मनोक आकांक्षा प्रकट की वह बोली कि तुम जिसको परम ब्रह्म तथा सर्वश्रेष्ठ कहते थे उसे देखकर ही सब काम किया जाएगा
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Brahma Ji has said that Narad Himachal also invited his brother Bandwat and all the rivers and seas along with their women for this marriage and decorated his city very well, many temples were decorated with gems etc. and declared good, Mandav Chhakar, monkey god and pearl garland were hung, all the brothers and relatives gathered at his house, in this way amazing material was collected there, Himachal satisfied all the beggars with his donation, everyone decorated themselves and got decorated in many ways, gathered in a group of women and made a place for the church, the worship of school deity etc. was done in the church, on behalf of Lord Shiva, the gods first sent you to Himachal where you were given a lot of respect and honor, after all the rituals were completed, Himachal first sent his sons to receive the wedding procession and he himself started waiting for the wedding procession to arrive, when the procession reached the city, Himachal himself went to receive it along with all his brothers and relatives, and seeing the beauty of the procession like Assam and the strange material, Himachal and his companions were surprised, he made us all bow down He bowed down and praised her a lot and gave her a very good place to expand his province. Brahma ji said, O Lord, the beauty of the wedding procession cannot be described in any way. The entire wedding procession, decorated grandly, boarded their respective vehicles and proceeded towards Himachal's house. Seeing the wedding procession coming to the door, I desired to see my son-in-law first and the four rituals should be completed by his side. Thinking this, I called you and expressed my heart's desire. She said, all the work would be done only after seeing the one whom you used to call Param Brahma and the best.
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