ब्रह्मा जी ने कहा है नारद हिमालय के घर से जब शिवजी के दोनों शिष्य चले गए तो उसे समय सब लोगों ने हिमालय के पास पहुंचकर कहा है राजन आप तो नगर में अलंकार ली मात्रा भी नहीं रहा है भला हम लोग किस प्रकार जीवित रहेंगे आप ही सीख रही हो वह उपाय कीजिए जिससे प्रजा या दुख दूर हो या सुनकर ही हिमाचल में उनसे कहा है भाइयों हमारे नगर के पास उद्यम में एक बूढ़ा योगी वहीं से आकर धारा हुआ है उसके साथ एक बैल है और दोनों शिष्य है वह मेरी पुत्री के साथ विवाह करने की इच्छा रखता है उसके शिष्यों ने ही नगर में आम का आकार उपस्थित कर दिया है ऐसी दशा में अब आप ही बताएं कि हमें क्या करना चाहिए यह सुनकर सब लोगों ने उत्तर दिया है राजा एन इसको भेद तो पुरोहित अथवा गिरजा से ही पूछना उचित है परंतु एक बात तो हम लोग अवश्य स्वीकार करते हैं कि यदि उसे योगी में कोई दोस्त होता हो तो गिरजा उसे पति रूप में पानी की इच्छा कभी नहीं करती यह नारद सुनकर हिमाचल में पुरोहित को अपने पास बुलाकर पूछा ही उपरोक्त तुम सच-सच बताओ कि जो योगी दो शिष्यों को साथ लेकर यहां आए हैं वह वास्तव में कौन है रोहित में उत्तर दिया है राजन गिरिजा ने मुझे उसे योगी का पता बतलाया था तब मैं उसे तिलक चढ़ना इतना कह कर पुरोहित ने योगी रूप शिव जी की महिमा को सुनते हुए कहा है राजा नहीं होगी रूप से साक्षर शिव है और तुम्हारी पुत्री खरीद आदि शक्ति भवानी का अवतार है यदि आप इससे कुछ और अधिक जाना चाहते हो तो गिरजा से ही पूछ लीजिए इसके संबंध में आपको और अधिक बात बता सके उपरोहित के मुख से यह सुनकर सब लोग ने गिरजा की बात सुनने की निश्चय किया तब हिमाचल ने गिरजा को अपने सभा में बुलाया पिता की आज्ञा सूत्र गिरजा अपने माता-पिता दोष क्यों साथ लेकर सभा में पहुंची जब गिरिजा ने लोगों को प्रणाम किया तो हिमाचल ने प्रसन्न होकर उन्हें अपने पास बैठा लिया
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Brahma Ji has said that when both the disciples of Shivji left from the house of Narad Himalaya, at that time all the people reached Himalaya and said, Rajan, there is not even a single ornament in the city, how will we live, you are learning, find a way by which the suffering of the people can be removed or on hearing this Himachal said to them, brothers, an old yogi has come from there to Udyam near our city, he has a bull with him and two disciples, he wants to marry my daughter, his disciples have brought mango trees in the city, in such a situation, now you tell us what we should do, on hearing this all the people replied, Rajan, it is better to ask this secret from the priest or Girija only, but we definitely accept one thing that if she had a friend in Yogi, then Girija would never wish to have him as her husband, on hearing this Narad called the priest in Himachal and asked him the above, tell me the truth that who is the Yogi who has come here with two disciples, Rohit replied, Rajan Girija told me that Yogi is a Yogi. He had told me the address of, then I will apply Tilak on him. After saying this, the priest, listening to the glory of Shiv Ji in the form of Yogi, said that King, Shiv is literate in form and your daughter Kharid is the incarnation of Adi Shakti Bhavani. If you want to know more than this, then ask Girja herself, she could tell you more about this. After listening to this from Uprohit, everybody decided to listen to Girja. Then Himachal called Girja in his meeting. On receiving father's orders, Girja reached the meeting taking her parents along with her. When Girija greeted the people, Himachal was pleased and made her sit beside him.
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