हे नाथ इस प्रकार विचार करने के उपरांत सती अत्यंत क्रुद्ध होकर शिव नाम का जोर-जोर से उच…
इतना कहा कर सती ने अंत क्रोध ब्रह्मा तथा विष्णु से इस प्रकार कहा है ब्रह्मा तथा है विष…
ब्रह्मा जी बोले हे नारद इस प्रकार सती दक्ष ने भयभीत यज्ञशाला में पहुंची परंतु वहां किस…
ब्रह्मा जी ने कहा हे नारद सती ने अपने पिता के घर यज्ञ का हाल सुना कर चाहा कि मैं भी वह…
ब्रह्मा जी बोले हैं नारद जब हमने दक्ष प्रजापति का अभिषेक कर उसको सब जातियों के अधिकार …
इतनी कथा सुनकर नाराज जी बोले हे जगत् पिता इसके पश्चात शिव जी ने जो जो कार्य किया उन पर…
रामचंद्र जी ने कहा हे देवी एक बार शिव जी ने विश्वकर्मा को बुलाकर हमारे गौशाला में एक अ…
ब्रह्मा जी ने कहा है नारद शिव की लीला अत्यंत थी पवित्र एवं स्वाध्याय जिसको पूर्ण रूप स…
हे नारद इतना कह कर दक्ष ने शिव जी को या श्राप दिया की है शिव तुम मूर्ख के सामान कम करन…
ब्रह्मा बोले हैं नारद सती ने सदाशिव कैसे वचन सुनकर अपने को भगवान समझा उन्होंने प्रेम प…
श्री शिव जी बोले ही सती आप मैं तुम्हें दसवत भाव के विषय में बताता हूं जो इंद्रियों को …
ब्रह्मा जी ने कहा हे नारद भक्ति की ऐसी प्रशंसा सुनकर सती अत्यंत प्रसन्न हुई उन्होंने द…
इतनी कथा सुनकर शौकत आदि ऋषियों ने कहा यह सूट की सती के विवाह का वृतांत सुनने के उपरांत…
Social Plugin