श्री शिव महापुराण कथा

चंचुला की कथा



समुद्र के तट पर स्थित देश के अंतर्गत वाष्प कल नामक एक ग्राम के निवासी स्त्री पुरुष दुष्ट प्रकृति और पाप बुद्धि के थे पुरुष पशु वृद्धि के और स्त्रियां व्यक्ति चरणी थी उसे ग्राम में बिंदु का नामक एक ब्राह्मण भी रहता था उसने अपने काम अटल वास अत्यंत रूपवती भवर के होते हुए भी एक सुंदरी वेश्या को अपना रखा था वेश्या में आसक्त ब्राह्मण अपनी पत्नी से धीरे-धीरे विमुख होता गया कुछ समय तक तो ब्राह्मण की पत्नी चंचुला काम के विवेक को सहन करती रही परंतु उसे युक्ति के लिए सदा के लिए अपने इंद्रियों पर नियंत्रण रखना संभव न हुआ फलता हुआ एक जार से रति करने लगी एक रात्रि को बिंदुओं ने अपनी पत्नी को परम पुरुष के साथ रमन करते हुए देखा तो वह क्रॉस से विपक्ष होता जार पुरुष तो वहां से भाग गया अब बंधुआ अपना सारा क्रोध अपनी पत्नी पर उतरने लगा तथा मुझको से उसकी पिटाई करने लगा चंचुला ने अपने पति से विनय पूर्वक कहा कि जब आप मुझे जैसी पवित्रता और रूपवती युक्ति को छोड़कर वेश्या गमन करते हो तो मैं कितनी दुखी होती हूं इसका आप अनुमान लगाए की भला मैं किस प्रकार सुधरी कल के लिए काम पीड़ा को सहन कर सकती हूं यह सब आप सोच समझ कर बताएं पत्नी के वचनों को सुनकर डर बुद्धि बिंदुगत बोला है प्रिया तुम्हारा विश्लेषण सत्य है तुम निर्भय होकर जार पुरुषों के साथ बिहार करो परंतु उन्हें रति सुख देकर बदले में उनसे धन कमाओ उसे धन से हम दोनों का बहुत लाभ होगा चंचुला ने पति की आज्ञा को स्वीकार कर लिया और फलता दोनों को कर्मियों हो गए समय आने पर बिंदुगत की मृत्यु हो गई और वह नरक में आने को दुख भोगकर पीस आचार्य योनि में उत्पन्न हुआ चंचुला का ही वन भी परम पुरुष का संघ करते-करते बीत गया एक बार वह अचानक भ्रमण करते हुए वह कारण क्षेत्र में आई और वहां उसे मंदिर में एक पंडित जी को कथा बजाते हुए देखा वहां बैठकर दत्त के चित्त होकर कथा सुनाने लगी इस कथा में चार पुरुषों ने आसक्त स्त्रियों के दर परिणाम नरक भोग की व्यथा जनक बात जिओ ही सुनी क्यों ही वह कांप उठी कथा की समाप्ति पर सब लोगों के चले जाने पर वह कथा वाचन ब्राह्मण के चरणों में गिरकर भी लगने लगी ब्राह्मण द्वारा पूछे जाने पर चंचुला ने अपनी सारी करनी वहां सुने और रो-रो कर ब्राह्मणों से अपने उदार का उपाय पूछने लगी ब्राह्मण ने कहा कि जिस शिव पुराण की कथा को सुनकर तुम्हारे जीत में विवेक जागृत हुआ है इस पुराण को सुनने से तुम्हारा मोक्ष हो सकता है जिस प्रकार निरमा निर्मल दर्पण में प्रतिबिंब सही दिखता है उसी प्रकार शिव पुराण को सुनने से विशुद्ध चित में अंबिका सहित भगवान शिव का साक्षात हो जाता है शिवजी की कथा के श्रवण मनन चिंतन शुद्ध तथा गणेश कार्तिकेय सहित शिव की भक्ति प्राप्त होती है शंकर का भक्ति उसकी कृपा से देव दुर्लभ मुक्ति पा लेता है अतः है ब्राह्मण स्त्री तुम्हारे कल्याण का एकमात्र उपाय शिव पुराण का श्रवण ही है ब्राह्मण के वचन सुनकर उसके प्रति आभार प्रकट करती हुई चंचुला उससे ही शिव कथा सुनने का अनुरोध करने लगी ब्राह्मण ने उसे दिन वाला की प्रार्थना को स्वीकार किया और चंचल ब्राह्मण द्वारा बताएं विधि से स्नान करके जाता विकल धारण करके शरीर पर भ्रम लगाएं और रुद्र धारण कर तथा जितेंद्रिय होकर श्रद्धा भक्ति पूर्वक शिव पुराण की श्रवण करने लगी इस प्रकार शिव के ध्यान में मग्न होकर ही चंचुला में शरीर त्याग किया और शिवपुरी में पहुंचकर उमा सहित भगवान शंकर के साक्षात दर्शन की उसकी श्रद्धा भक्ति को देखते हुए पवित्र पार्वती ने उसे नित्य के लिए अपना शमीपी प्रदान किया शौनकजी ने सूट की से निवेदन किया कि चंचुला का और आगे का वृतांत सुनने की कृपा करें तब सूत जी ने कहा है मुनि प्रवर चंचुला ने अपने निश्चल भक्ति से भगवती पार्वती का संध्या प्राप्त कर लिया एक दिन उसने दया करुणा की स्रोत स्वामी भगवती पार्वती से अपने पति के संबंध में जिज्ञासा की तो भगवती ने उसे बताया कि बिंदुगत नरक के अनेक यातनाएं भोगने के उपरांत इस समय पिशाच्चर योनि में पड़ा हुआ कष्ट में जीवन बिता रहा है यह सुनकर चंचुला कीं और उद्दीन हो उठी वह भगवती की अनेक प्रकार की स्तुति वंदना करके उसने अपने पति के उधर की याचना करने लगी अपने भक्तों को कृत कृत्य करने वाले माता पार्वती ने तुम रख गंधर्व को बुलाकर उसे विंध्याचल पर्वत पर जाकर वहां पर सच्चर योनि में पड़े बिंदुओं को शिव पुराण सुनने और उसमें उसका उद्धार करने का आदेश दिया माता की आज्ञा को शिरोधारा करते हुए तुम बुक विंध्याचल पहुंचा और वहां उसे विचार को बलपूर्वक बिठाकर कथा सुनने लगा शिव कथा में आयोजन को सुनकर देवता लोग भी वहां पहुंच गए इस श्रोताओं का वहां एक सुंदर समाज झूठ गया तो मुख में शिव कथा सुनकर जहां अन्य सभी उपस्थित सज्जन प्रीत किया हो गई वहीं बिंदु गण निष्पाप होकर पिशाचार योनि से मुक्त हो गया बिंदु घर आप निरंतर शिवजी का गुणगान करने लगा भगवान शंकर ने उसकी अचल प्रतीत को देखकर उसे अपना गांड बना दिया सुधीर बोल ही शौकत महाराज इस प्रकार इस शिव पुराण की कथा बड़े से बड़े पपिया का उद्धार करके उसे सद्गति प्रदान करने वाली है अब मैं आपको इस पुराण को सुनने की विधि बताता हूं क्योंकि विधिपूर्वक संपन्न कर अतुलित सिद्ध डाटा होता है

TRANSLATE IN ENGLISH

story of chanchula

The inhabitants of a village named Vaap Kal in the country situated on the coast of the sea, the men and women were of evil nature and sinful intellect. The men were of animal growth and the women were human beings. There also lived a Brahmin named Bindu in the village. He remained steadfast in his work and was extremely Despite being beautiful, he had adopted a beautiful prostitute. The Brahmin, who was enamored with the prostitute, gradually became alienated from his wife. For some time, the Brahmin's wife continued to tolerate the discretion of the naughty woman, but for the sake of tact, she had to remain with him forever. As it was not possible to control the senses, she started having sex with a jar. One night, when Bindu saw his wife having fun with the supreme man, he objected to the cross. The jar man ran away from there. Now the captive vented out all his anger on himself. He started getting down on his wife and started beating her with me. Chanchula politely said to her husband that when you leave the purity and beauty like me and become a prostitute, then how sad I feel, you can imagine how I improved. I can bear the pain of sex for tomorrow. You tell all this after thinking carefully. After listening to the words of your wife, your fear and wisdom have been put to the point. Priya, your analysis is correct. You should be fearless and do Bihar with men but give them sexual pleasure and get money from them in return. Chanchula accepted her husband's order and both of them became servants. When the time came, Bindugata died and after suffering the pain of coming to hell, Chanchula was born in the Acharya vagina. Even the forest itself passed away in the company of the supreme man. Once she suddenly came to the causal area while travelling, and there she saw a Pandit ji playing a story in the temple. She sat there and started narrating the story in the mind of Datta. There are four stories in this story. When Jio heard the painful talk about the consequences of suffering in hell at the rate of women who are infatuated by men, why did she tremble? At the end of the story, when everyone left, she even fell at the feet of the Brahmin while reciting the story. On being asked by the Brahmin, Chanchula said her story. She heard all the deeds there and started crying and asking the Brahmins for the solution to her generosity. The Brahmin said that by listening to the story of Shiv Purana, your conscience has been awakened in your victory. By listening to this Purana, you can get salvation just like a pure and clean mirror. In the same way, by listening to Shiva Purana, one gets to see Lord Shiva along with Ambika in a pure mind. By listening to Shiva's story, meditating and thinking pure and devotion to Lord Shiva along with Ganesh Kartikeya is achieved. Devotion to Shankar is rare due to his grace. One attains salvation, therefore, being a Brahmin woman, the only way for your welfare is to listen to Shiv Purana. Chanchula, after listening to the Brahmin's words and expressing her gratitude to him, started requesting him to listen to the story of Shiva. The Brahmin accepted her request of the day and After taking bath in the manner explained by Chanchal Brahmin, she went to Chanchula, donned Vikal and applied illusion on her body and wearing Rudra and being Jitendriya, she started listening to Shiv Purana with devotion and devotion. In this way, being engrossed in the meditation of Shiva, she left her body in Chanchula and reached Shivpuri. Seeing his devotion and devotion to the personal darshan of Lord Shankar along with Uma, the holy Parvati gave him her Shampi for daily use. Shaunakji requested Sut ji to please listen to the further story of Chanchula. Then Sut ji said Muni. Pravara Chanchula attained the glory of Goddess Parvati with her unwavering devotion. One day when she inquired about her husband from Swami Bhagwati Parvati, the source of mercy and compassion, Bhagwati told her that after suffering many tortures of pointless hell, at this time she was in the demonic form. Hearing this he was spending his life in pain, she became agitated and Uddin became agitated. After worshiping Goddess Bhagwati in various ways, she started pleading for the welfare of her husband. Mother Parvati, who does good deeds for her devotees, kept you and called Gandharva. He was ordered to go to Vindhyachal mountain and listen to Shiv Purana and read Shiv Purana from the points lying in Sachhar Yoni and in that, obeying the orders of the mother, he reached Book Vindhyachal and by forcefully inculcating his thoughts there, he started listening to the story and organized events in Shiv Katha. Hearing this, the gods also reached there, a beautiful society of listeners gathered there and after listening to the story of Shiva, all the other gentlemen present fell in love while Bindu Gana became sinless and got free from the evil spirits. Bindu Ghar kept on singing the praises of Lord Shiva. It seemed that Lord Shankar, seeing his immovable appearance, made him his ass. Sudhir, speak only Shaukat Maharaj. In this way, the story of this Shiv Purana is going to save the biggest papaya and give him salvation. Now let me tell you the method of listening to this Purana. Because it is done systematically and has incomparable proven data.

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