पापी देवराज की मुक्ति की कथा
सूट की बोल ही श्रेष्ठ ऋषियों जो दुराचारी पापी कमी एवं दुष्ट जान होवे भी इस कथा के द्वारा शुद्ध हो जाते हैं लालची मिथ्या भाषी माता-पिता को दुख देने वाले डैम में पाखंडी हिंसक प्रतीत हुए स्क्रूट आत्मा मित्र पुरुष की कलयुग में इसके द्वारा पवित्र हो जाते हैं इस प्रसंग में एक प्राचीन इतिहास आपको सुनाता हूं जिसके श्रवण करने पर सभी पापों का नाश होता है कीरत नगर में एक दरिद्र और दुराचारी ब्राह्मण रहता था जो धर्म एवं देवों से विमुख था संध्या वंदन तो क्या वह स्नान तक भी नहीं करता था उसने धर्म के द्वारा बहुत साधन इकट्ठा किया एक बार वह एक तालाब पर स्नान करने गया वहां एक शोभावती नाम की वेश्या भी आई थी वह उसे देखकर व्याकुल हो गया वह वेश्या भी एक धनी पुरुष को अपने और आकर्षित देखकर परम प्रसन्न हुए हुए दोनों स्त्री पुरुष क्या कल तक कामशक्ति होकर विहार करते रहे उसे ब्रह्म आधार को उसके माता-पिता आदि ने बार-बार समझाया परंतु उसने उसकी एक न मानी उसे नीचे ने एक दिन रात्रि में एशिया के कारण सोते हुए माता-पिता तथा स्त्री को मार डाला और धन संपत्ति ले जाकर वेश्या को दे दी देव योग्य सेवा प्रतिष्ठापुर में आया वहां उसने एक शिवालय देखा जिसमें अनेक साधु जाने कटरा थे वह ब्राह्मण वहां बीमार पड़ गया किसी अवस्था में उसने एक ब्राह्मण के मुख से शिवजी की परम पवित्र कथा सुनी एक मास के अंतर वह देवराज नामक ब्राह्मण मर गया यमदूत उसे पकड़ कर यमपुरी ले गए इस समय शिवलोक से शिवजी के दूध त्रिशूल लिए भस्म लगाए हुए और रुद्राक्ष धारण किया उसे लेने यमलोक में पहुंच आए और यमदूतों से देवराज को छुड़ा लिया फिर उसे दिव्या विमान पर चढ़कर कैलाश पर ले जाने लगे उसे समय एवं पूरी में भारी कोलाहल हुआ उसे सुनकर स्वयं यमराज वहां आए और साक्षात शिव के समान उसके चार दूधों को देखकर उसकी व्यथा विधि पूजा की धर्मराज ज्ञान के द्वारा सब कुछ जान गए थे दूधों ने ब्राह्मण को ले जाकर दया के सागर शिव को अपठित किया है मनी शिव की यह कथा परम पावनी है जिसके श्रवण मात्र से महा पापी ब्राह्मण भी मुक्त हो गया अतः शिव पुराण की कथा को विधि पूर्वक सुनने से तो अमर फल की प्राप्ति होती है
TRANSLATE IN ENGLISH
Story of salvation of sinner Devraj
The very words of the suit, the great sages who are evil-doers, sinners, lackeys and evil souls also get purified through this story, the greedy liars who hurt the parents, the hypocrites who appeared violent in the dam, the soul-friendly men get purified through it in Kaliyuga. In this context, let me tell you an ancient history, on listening to which all sins are destroyed. There lived a poor and wicked Brahmin in the city of Kirat, who was averse to religion and Gods and did not even take a bath in the evening. He gathered a lot of resources through religion. Once he went to a pond to take a bath. There a prostitute named Shobhavati also came. He became distraught after seeing her. The prostitute also became very happy after seeing a rich man attracted towards her. Both the man and woman were very happy. Till yesterday, he continued to roam around in the form of sexual power. His parents etc. repeatedly explained Brahma Aadhar to him, but he did not listen to them. One day in the night, because of Asia, he killed his sleeping parents and his wife and took away the wealth and property. He took him and gave him to a prostitute for service worthy of God. He came to Pratisthapur and there he saw a Shiva temple in which many sadhus were going to Katra. That Brahmin fell ill there. At some stage, he heard the most sacred story of Lord Shiva from the mouth of a Brahmin. After a month, he became the king of gods. A Brahmin named died, the Yamdoots caught him and took him to Yampuri. At this time, they took Shivji's milk trident from Shivlok, smeared it with ash and wore Rudraksh. They reached Yamlok to take him and rescued Devraj from the Yamdoots. Then they boarded the Divya Viman and took him to Kailash. Hearing this, Yamraj himself came there and seeing his four milks like Shiva in person, worshiped his pain and Dharmaraj knew everything through knowledge. The milks took the Brahmin to Shiva, the ocean of mercy. I have not read this story of Lord Shiva, it is very sacred, just by listening to it, even a great sinner Brahmin got liberated, therefore, by listening to the story of Shiva Purana properly, one gets immortal results.
0 टिप्पणियाँ