श्री विष्णु पुराण कथा पांचवा स्कंद अध्याय 5

पूतना वध 



श्री पाराशर जी बोले कारागार बंदी गिरी से मुक्त होने के पश्चात वासुदेव जी नंद जी के छक्के पर गए और उन्हें इस समाचार से बहुत ही प्रसन्न देखा कि मेरे पुत्र का जन्म हुआ है तब वासुदेव जी ने भी उसे प्रसन्नता पूर्वक कहा आपने वृद्धावस्था में भी पुत्र का मुख देख लिया है या तो बहुत ही सौभाग्य की बात है आप लोग जिस कारण से यहां आए थे वह कार्य कर चुके हैं यहां पर धनवान पुरुषों का अधिक देर तक रुकना उचित नहीं है इसलिए नाम जी आप लोग शीघ्र ही गोकुल चले जाएं वहां पर रोहिणी से जो मेरा पुत्र उत्पन्न हुआ है उसे बालक की भी आप अपने बालक की तरह रक्षा कीजिए वासुदेव जी की बात सुनकर नंद सहित सभी गोविंद ठाकुर में रहकर लाए हुए भांडुप से कर चुका कर वहां से चल दिए उसके गोकुल में रहते समय बाल गीत ने पूतना ने रात्रि के समय सोए हुए कृष्ण को अपने गोद में उठाकर उसके मुख में अपना स्थान दे दिया रात्रि के समय पटना जिस बालक के मुंह में अपना स्थान दे दिए हैं वह भूत बालक का शरीर तत्काल ही नष्ट हो जाता था उतना के स्तंभ को क्रोध में कृष्ण ने अपने हाथों से खूब जोर से दबा कर पकड़ लिया और उसके प्राणों सहित पीने लगे पटना की शक्ति के आगे बेहोश होकर जोर-जोर से जीते हुए मां भयंकर रूप धारण कर पृथ्वी पर गिर कर मर गया उतना ही सीख सुनकर समस्त बृजवासी निंद्रा से जाग उठे और उन्हें देखा कि पूतना  मरी पड़ी है और कृष्णा उसके गोद में है तब यशोदा ने प्यार से कृष्ण को अपने गोद में लेकर उन्हें गाय की पूछ से झाड़कर बालक काकरिया दोस्त निवारण किया नॉन ग्रुप ने कृष्ण के मस्तक पर गोबर का चुण॔  लगाकर कहा नंद ग्रुप बोले जिसकी नाभि से प्रकट हुए कमल से समस्त जगत की उत्पत्ति हुई है वह समस्त भूतों के आदि स्थान प्रभु श्री हरि विष्णु जी सदैव तेरी रक्षा करें जिनकी दरों के अग्रभाग पर स्थापित होकर भूमि समस्त जगत को धारण करती है हुए द्वारा रूप धारी श्री केशव सहदेव तेरी रक्षा करेंगे जिन विभु ने अपने नाखून से शत्रुओं के स्थल क्षति को फाड़ कर दिया था हुए नरसिंह रूप जन आधार सदैव तेरी रक्षा करेंगे जिन्होंने क्षण मात्र से समस्त त्रिविक्र रूप धारण करके अपने तीनों भाग से तीन लौकी को नाप दिया था वह वामन प्रभु सदैव तेरी रक्षा करेंगे गोपी तेरे सिंह की केशव कास्ट की विष्णु वस्त्र स्थान की और जठर की तथा जनार्दन जांघों और चरणों की रक्षा करें तेरे मुखबाहु प्रलह हो मां और संपूर्ण इंद्रियों की अखंड ऐश्वर्या से संपन्न अविनाशी श्री हरि नारायण की रक्षा करें तेरे अनिष्ट करने वाले जो प्री रीत कमान और राक्षस है हुए शंकर धनुष चक्र और गधा धारण करने वाले प्रभु श्री हरि विष्णु जी की शंख ध्वनि से नष्ट हो जाए प्रभु बैकुंठ दिशाओं में मधुसूदन विदिशाओं कोनों में हंसी कैसे आकाश में तथा पृथ्वी को धारण करने वाले श्री शेष की पृथ्वी पर सदैव तेरी रक्षा करें श्री श्री पाराशर जी बोले इस तरह इस नाम करनाल ग्रुप ने बालकृष्ण को छठ के के दिन एक खतौली पर सुला दिया मरी हुई पटना के महान कालेश्वर को देखकर उन समस्त गोपियों को अत्यंत भाई और विश्व में हुआ

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Putna Slaughter

Shri Parashar ji said, after being freed from the prison prisoner Giri, Vasudev ji went to Nand ji's house and saw him very happy with the news that his son was born, then Vasudev ji also told him happily that you have a son even in old age. Either it is a matter of great good fortune that you people have done the work for which you came here, it is not appropriate for rich men to stay here for a long time, so Nam ji, you people should go to Gokul soon. My son born from Rohini, please protect the child like your own child. After listening to Vasudev ji, everyone including Nand stayed in Govind Thakur, paid the taxes brought from Bhandup and left from there. While staying in his Gokul, Bal Geet At night, Putana picked up the sleeping Krishna in her lap and gave her place in his mouth. The body of the child to whom Putana gave her place in the mouth of the ghost child was immediately destroyed, that much the pillar got angry. Krishna held her tightly with his hands and started drinking her life along with her. Fainting in front of the power of Patna, the mother assumed a terrible form and fell down on the earth and died. Hearing this lesson, all the people of Brij fell asleep. He woke up and saw that Putana was lying dead and Krishna was in her lap. Then Yashoda lovingly took Krishna in her lap and brushed him off with the tail of the cow. The child Kakariya friend was cured by applying dung cakes on Krishna's head. Where Nand Group said, the one from whose navel the lotus emerged from the navel, the whole world was born, he is the original place of all the beings, may Lord Shri Hari Vishnu ji always protect you, on whose feet the land is established and holds the entire world and takes the form of Shri Keshav Sahadev will protect you, the Vibhu who had torn away the damage done by the enemies with his nails, the public support in the form of Narasimha, who had assumed the form of the entire Trivikra in a moment and measured three gourds with his three parts, is the one who Vamana Prabhu will always protect you, may the Gopis of your lion, Keshav caste, Vishnu protect your clothes, your stomach and Janardan, your thighs and feet, may your mouth and arms be filled with water, may the mother and the indestructible Shri Hari Narayan, endowed with the unbroken opulence of all the senses, protect you from all evils. May the one who worships and commands the demons and Shankar, who holds the bow, chakra and donkey, be destroyed by the sound of Lord Shri Hari Vishnu's conch, Lord Madhusudan in the Vaikuntha directions, laughter in the corners of Vidishas, how can Shri Shesh, who holds the sky and the earth, be destroyed. May Shri Shri Parashar ji always protect you on earth. In this way, in this name, the Karnal group made Balkrishna sleep on a Khatauli on the day of Chhath. Seeing the great Kaleshwar of Patna dead, all those Gopis felt like great brothers and sisters in the world.

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