मगध वंश का वर्णन
श्री पाराशर जी बोले मैं अब तुम्हें मध्य देशवासी वृद्धि रात की होने वाली भाभी संतान का वर्णन करता हूं इस वन स्कूल में पराक्रमी जरासंध आदि रजागन प्रधान थे जरासंध काश देव नामक पुत्र होगा सहदेव के सोमापी नामक पुत्र होगा सोमापी से स्रावित रिश्रवत से आयु तनु तनु से निर्मित्र नामक पुत्र होगा निर्मित्र के सुमित्रा सुमित्रा के भाई प्रीत भाई कृत से सेनजीत सिंह जीत के श्रद्धा जैन नामक पुत्र होगा श्रद्धा जाए के भी प्रातः भी प्रका सूची नाम का एक पुत्र होगा सूची के श्रम नाम पुत्र होगा स्वयं के सुब्रत सुब्रत के धर्म धर्म के स्त्रोत्राव श्रुथव के दिन सेंड के शुभम नामक पुत्र होगा सुबह के सुनीति सुनीति के सत्यजीत सत्यजीत के विश्वजीत विश्वजीत के रितु जय नाम पुत्र होगा इस तरह से वृहद डाल वंशी राजगढ़ का एक सहस्त्र वर्ष पर्यंत मुग्ध में राज करेगा
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Description of Magadha Dynasty
Shri Parashar ji said, now I will describe to you the child of the sister-in-law of Vriddhi Raat, a resident of the middle country. In this forest school, the mighty Jarasandha and Rajagan were the chiefs. Jarasandha would have a son named Kashdev. Sahadev would have a son named Somapi. The age would be diluted due to the bribe secreted from Somapi. From Nirmitra, there will be a son named Nirmitra, from Nirmitra there will be a son named Sumitra, from Sumitra's brother Preet Bhai Krit, from Senjeet Singh Jeet, there will be a son named Shraddha Jain, from Shraddha Jaye, Praka, there will be a son named Susthi, from Susthi, there will be a son named Shram, Subrata, Subrata's religion, religion. On the day of Strotrava Shruthav, Send will have a son named Shubham. Suniti of the morning Suniti will have a son named Satyajeet Satyajeet of Vishwajeet Vishwajeet will have a son named Ritu Jai. In this way, the great Daal dynasty of Rajgarh will rule under enchantment for a thousand years.
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