फिर पहिया के सोमनाथ नामक पुत्र हुआ सोमनाथ के तीन पुत्र हुए उनके नाम भूरी भूरी शराव और सेल्फ थे शांतनु के गंगा जी से अति शांत्रित मां तथा समस्त शास्त्रों का ज्ञाता भी नामक पुत्र हुआ शांतनु के सत्यवती से चित अंगद के विचित्र वीर नाम के दो पुत्र और भी उत्पन्न किये उनमें से चित्र अंग को भी बाल्यावस्था बचपन में ही चित्र अंग नाम गंधर्व से ही युद्ध में मार डाला विचित्र वीर्य में काशीराज की पुत्री अंबिका और अंबा लिखा से विवाह किया में अत्यंत भोगस्त रहने के कारण आती श्राप खेल रहने से यह यक्ष रोग से पीड़ित होकर मृत्यु को प्राप्त हो गया तदांतर मेरी पुत्र कृष्ण वाडिया ने सत्यवती के नियुक्ति करने से माता का वचन डालना उचित न जान भी चित्र वीर्य की पत्तियों से ग्रीस राष्ट्र और पांडु नाम दो पुत्र उत्पन्न किया और उनकी भेजी हुई दासी से विदुर नामक एक पुत्र उत्पन्न हुआ घृत राष्ट्र ने भी गांधारी से दुर्योधन और दुशासन आदि 100 पुत्रों को जन्म दिया पांडू कुमार में शिकार करते समय ऋषि के श्राप के कारण संतान उत्पन्न में असमर्थ हो गए थे अतः उनकी पत्नी कुंती से धर्म वायु और इंद्र के क्रमशः युधिष्ठिर भीम और अर्जुन नामक तीन पुत्र और माधुरी से दोनों अश्वनी को मारो में नकुल और सहदेव नामक दो पुत्र उत्पन्न किया इस तरह उनके पांच ही पुत्र उत्पन्न हुए उन पोंचो के द्रोपति से पांच पुत्र हुए उसमें से युधिष्ठिर के प्रतिबिंब भीमसेंस से शुरू से और अर्जुन से प्रीत कृति नकुल से स्तुति का तथा सदेव से स्रावित नामक पुत्र हुआ हिंदी अलावा पांडवों के भी अन्य पुत्र हुए जैसे युधिष्ठिर से युद्ध के देवक नामक पुत्र व भीमसेन से हिड़मा के घटोत्कच और काशी से स्वर्ग नाम पुत्र हुआ सहदेव से विजय के सुभद्रा करना का जन्म हुआ नकुल से हरिओम माटी से निर्मित को उत्पन्न किया अर्जुन के नागकन्या मुस्लिम से ईरान नामक पुत्र हुआ मणिपुर नरेश की पुत्री से अर्जुन ने पुत्री का धर्म अनुसार भगवान नामक एक पुत्र उत्पन्न हुआ और सुभद्रा से अभियान उत्पन्न हुआ जो की बाल्यावस्था में ही आती बलशाली तथा अपने समस्त शत्रुओं विजय प्राप्त करने वाला था तदांतर गुरुकुल के छिड़ हो जाने पर जो अश्वत्थामा के प्रहार किए हुए ब्रह्मास्त्र द्वारा गर्भ में ही भस्मिथ भूत हो चुका था लेकिन फिर जिन्होंने अपनी इच्छा से ही माया मानव दे धारण किया है उन शक्ल सुरासुर वंदित चरण बिंदु प्रभु श्री कृष्ण के प्रभाव से पुनः जीवित हो गया उसे परीक्षित ने अभिमन्यु द्वारा उत्तर के गर्भ से जन्म लिया जो कि इस समय इस तरह धरमपूर्वक समस्त भूमंडल पर शासन कर रहा है कि जिससे भविष्य में भी उसकी संपत्ति छिड़ ना हो
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Then Pahaiya had a son named Somnath. Somnath had three sons, their names were Bhuri, Bhuri, Sharav and Self. Shantanu had a son named Ganga, who was a very peaceful mother and also a knower of all the scriptures. Shantanu had a son named Satyavati from Satyavati, Chit Angad had two sons named Vichitra Veer. He gave birth to many more and among them, Chitra Anga was also killed in the battle with a Gandharva named Chitra Anga in his childhood. Married to Ambika, the daughter of Kashiraj and Amba Likha in Vichitra Veerya. Due to being extremely indulgent, this Yaksha was cursed by playing the game. Suffering from the disease, he died. Thereafter, my son Krishna Wadiya, on the appointment of Satyavati, did not think it appropriate to put his mother's promise, and gave birth to two sons named Greece Rashtra and Pandu from the leaves of Chitra semen and a son named Vidur from the maid sent by him. A son was born, Ghrit Rashtra also gave birth to 100 sons from Gandhari, Duryodhana and Dushasan etc. While hunting, Pandu Kumar was unable to have a child due to the curse of the sage, hence, from his wife Kunti, Dharma Vayu and Indra were born to Yudhishthir and Bhima respectively. And he gave birth to three sons named Arjun and two sons named Nakul and Sahadev from Madhuri and two sons named Nakul and Sahadev from Madhuri. In this way only five sons were born from them. Draupathi of Poncho had five sons and out of them Yudhishthir's reflection was from Bhimsens and love from Arjun. Kriti Nakul had a son named Stuti and Sadev had a son named Saravit. Apart from this, Pandavas also had other sons like Yudhishthir had a son named Devak, Hidma had a son named Ghatotkach from Bhimsen and Kashi had a son named Swarga. Vijay's Subhadra Karna was born from Sahadev. From Nakul, Hariom was born made of clay, from Arjun's snake girl Muslim, he had a son named Iran, from the daughter of the king of Manipur, Arjun gave birth to a son named Bhagwan according to the religion of the daughter and from Subhadra, Abhiyaan was born, who was strong in childhood itself and He was about to conquer all the enemies and after the Gurukul was disintegrated, he had already turned into a ghost in the womb due to the Brahmastra attacked by Ashwatthama, but then he who had given Maya Manav by his own wish, in the form of Surasura, worshiped the feet of Bindu Prabhu. Parikshit came back to life due to the influence of Shri Krishna and was born from the womb of Uttara by Abhimanyu, who is currently ruling the entire earth with such righteousness that his wealth does not get dispersed even in the future.
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