श्री विष्णु पुराण कथा तीसरा स्कंद अध्याय दो

सवानी मनु की उत्पत्ति और साथ मनु अंतरण क मनु मनु पुत्र देवता इंद्र तथा सप्त ऋषि यों का वर्णन



श्री मैथिली जी बोले है मित्र कृपा करके आप मुझे आगामी मन्वंत्रण की कथा सुनाएं श्री पाराशर जी बोले विश्वकर्मा की सुपुत्री श्री संज्ञा सूर्य देव की पत्नी थी उसके मनु यह और यमी तीन संताने हुई कुछ कल पश्चात संज्ञा ने अपने पति सूर्य देव की सेवा के लिए छाया को लगा दिया और स्वयं तपस्या के लिए वन को चली गई सूर्य देव ने छाया को संज्ञा ही जानकर उसे शनिचरा एक और मनु तथा ताप्ती से तीन संतान उत्पन्न हुए एक दिन छाया रुपाणी संज्ञा ने क्रुद्ध होकर अपने पुत्र के पक्षपात से यह को साथ दिया तो यह का तथा सूर्य दोनों को ही ज्ञात हुआ कि यह तो कोई और है फिर छाया ने अपने मुंह से समस्त वृतांत सुना दिया छाया द्वारा सहारा रहस्य खुल जाने पर सूर्य देव ने समाधि में स्थित होकर देखा की संज्ञा घोड़ी रूप धारण कारवां में तप कर रही है तथा सूर्य देव ने घोड़े अशोक का रूप धारण कर उसके गर्भ द्वारा दो अश्वनी को मारो हर रेवत को उत्पन्न किया फिर सूर्य देव यह संज्ञा को अपने स्थान पर ले आए तथा विश्वकर्मा ने उसके तेज को शांत कर दिया लेकिन वह उसे अशुद तेज का राष्ट्र मास की कम पाई है मैथिली सूर्य के जिस अस्त्र मांस तेज को विश्वकर्मा ने छेड़ा किया था वह पृथ्वी पर गिरा उसे पृथ्वी पर गिरे हुए सूर्य देव से विश्वकर्मा ने पुत्र श्री हरि विष्णु जी का चक्र बनाया शिव शंकर जी का त्रिशूल कुबेर का विमान बनाया इस तेज से कार्तिकेय की शक्ति बनाई तथा अन्य देवताओं के साथ थे उन्हें उस पोस्ट किया छाया संज्ञा के पुत्र दूसरे मनु के संवर्णन होने से सर्वानी कल लाया है मा भाग ध्यान पूर्वक सुनो अब मैं उनके इस सर्वाधिक नमक आठवी मन्वंतरण का वर्णन करता हूं यह श्रावणिक उसे समय मनु बनेगा तथा सूक्त अमिताभ और मुख गांड देवता होंगे उन देवताओं का प्रत्येक गण 20-20 का सामू हा कहा जाता है है मनु सप्तम आप में आगे होने वाले शब्द ऋषियों के नाम बताता हूं तृप्ति मां गलवा राम कृपा पुत्र अश्वत्थामा मेरे सुपुत्र विकास और रन शिरीन तथा पाताल लोक निवासी विरोचन के पुत्र बाली प्रभु श्री हरि विष्णु जी की कृपा से तत्कालीन इंद्र तथा सर्वाधिक मनु के सुपुत्र विराज सर्वमान्य तथा निष्कर्ष राजा बने है मनु नव मनु दक्ष श्रावणिक बने तीन देव वर्ग बन पर मस्जिद गर्व और सुधर्म इनके प्रत्येक वर्ग में 12 12 देवता होंगे उनके नायक महाप्रक में अद्भुत नायक इंद्र होगा उसे समय के सप्त ऋषि ए होंगे सावन गीत मार्च भाव वासु मेधा तिथि ज्योतिष महान एवं व्यय तथा मृत केतु दक्षिण केतु पांच हस्तम निराशा में और पृथ्वी स्ट्रांग आदि दक्ष शारीरिक मनु के पुत्र होंगे है मनु सारणिक दसवें मनु होंगे उनके समय सुदामा और विश्व शुद्ध नामक 100 देवताओं के दो गुण होंगे महाशक्तिशाली शांति जिनका इंद्र होगा उसे समय सप्त ऋषि होंगे आबिद मां इस मृत तथा तपो मूर्ति ना भाग अति प्रिय मौज सत्य केतु उसे समय ब्रह्माण्विक मनु के स्रोत एक मौज एवं पूरी प्रश्न आदि 10 पुत्र इस पृथ्वी की रक्षा करेंगे

TRANSLATE IN ENGLISH 

The description of the origin of Savani Manu and the transfer of Manu along with Manu, the son of Manu, God Indra and the seven sages

Mr. Maithili ji has said, friend, please tell me the story of the upcoming manvantran, Mr. Parashar ji said, Shri Sangya, the daughter of Vishwakarma, was the wife of Surya Dev, she gave birth to three children, Manu, and Yami. She put Chhaya and herself went to the forest for penance. Surya Dev, knowing Chhaya as a noun, gave birth to Shanichara, one Manu and three children from Tapti. So both this Ka and Surya came to know that this is someone else, then Chhaya told the whole story from his own mouth. When the mystery of Sahara was revealed by Chhaya, Surya Dev, situated in the tomb, saw that the noun in the form of a mare was doing penance in the caravan. And Surya Dev took the form of horse Ashoka killed two Ashwani from her womb and produced Har Revat, then Surya Dev brought this noun to his place and Vishwakarma pacified her Tej but he gave her the name of Ashud Tej. Maithili is less of the month of the nation. Vishwakarma's weapon of the Sun, which was teased by Vishwakarma, fell on the earth. Vishwakarma made the son of Shri Hari Vishnu a wheel from the Sun God that fell on the earth, Shiv Shankar's trishul made Kuber's plane. Kartikeya's power was created by this fast and he was with other deities. Time will become Manu and Sukta Amitabh and Mukha Gand will be deities. And by the grace of Bali Prabhu Shri Hari Vishnu, the son of Ran Shirin and Virochan, the resident of Patal Lok, Viraj, the son of the then Indra and the highest Manu, has become the universal and conclusion king. There will be 12 12 deities in the square His hero will be the wonderful hero Indra in Mahaprak He will be the Sapta Rishi of time Savan Geet March Bhav Vasu Medha Tithi Astrology great and expenditure and dead Ketu South Ketu Panch Hastam Disappointment and Prithvi Strong etc. Daksh Physical son of Manu There will be Manu Saranik will be the tenth Manu in his time there will be two qualities of 100 deities named Sudama and Vishva Shuddha superpowerful peace whose time will be Indra he will have seven sages One fun and full question etc. 10 sons will protect this earth

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