हे राजन लिंग में एक बार मिट्टी लगने से गुदा में तीन बार मिट्टी लगने से बाई हाथ में 10 …
गृहस्थ के सदाचार का वर्णन सागर बोले है मनी मैं आप गृहस्थ के उन सदाचारों को सुनना चाहता…
इसके पश्चात यदि विवाह करना हो तो अपने द्वितीय यश अवस्था स्वयं से तिहाई कम उम्र वाले …
जातकर्म नामकरण एवं विवाह संस्कार की विधि सागर बोल दिज श्रेष्ठ आपने मुझे चारो आश्रम और …
गृहण के लिए अतिथि का अपमान करना अहंकार तथा गृह घमंड का आचरण करना उसे देखकर पछताना उसे …
ब्रह्मचर्य आदि आश्रमों का वर्णन और वह बोल ही भोंकते बालक को चाहिए कि उपनयन संस्कार के …
ब्राह्मण का कर्तव्य है कि वह दान दे यज्ञों से देवताओं का व्यंजन करें स्वामी सेल ब्राह्…
श्री विष्णु जी की आराधना एवं चारों वर्ण का धर्म वर्णन श्री मैथिली जी बोले हे भगवान जो …
हे दूध जिनकी पाप राशि यम तथा नियम से दूर हो गए हैं उनका ह्रदय निरंतर प्रभु श्री हरि वि…
यम गीता का वर्णन श्रीमाली जी बोले हे गुरु मैंने आपसे जो कुछ पूछा था वह आप मुझे बता चुक…
सामवेद की शाखा 18 पुराण और 14 विधाओं के विभाग का वर्णन श्री पाराशर जी बोले ही मैथिली व…
शुक्ल यदुवेद तथा यजु शाखों का वर्णन श्री पाराशर जी बोले हैं मुनीश्वर बिहार जी के शिष्य…
ऋग्वेद की शाखाओं का विस्तार श्री पाराशर जी बोले सृष्टि के आराम में प्रभु से अमृत वेद ऋ…
चतुर योगा अनुसार विभिन्न व्यासो के नाम एवं ब्रह्म ज्ञान का महत्व श्री मैथिली जी बोले …
धर्मशान्विक 11वां मनु होगा उसे समय देवताओं के मुख गांड भी हम काम म तथा निर्वाण रति हों…
सवानी मनु की उत्पत्ति और साथ मनु अंतरण क मनु मनु पुत्र देवता इंद्र तथा सप्त ऋषि यों का…
है मैथिली किस्मत की उत्तम तमाशा औरत के चार मनु राजा प्रियव्रत के वंश उधर कहे जाते हैं …
पहले साथ मनोवांतरणों के मनु इंद्र देवता सप्त ऋषि तथा मनु के पुत्रों का वर्णन श्री मैथि…
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