15 मुहूर्त का विविक्त दिवस हुआ करता है लेकिन उत्तरायण और दक्षिणायन में क्रमशाह उसके वृद्धि और - होने लगते हैं इस तरह उत्तरायण में दिन रात का ग्रास करता है और दक्षिणायन में रात दिन का ग्रास करती है सड़क तथा वसंत ऋतु के मध्य में सूर्य देव तुलना या मेष राशि में चले जाने पर 20 अचूक होता है उस समय दिन एवं रात्रि समान होते हैं सूर्यदेव के कर्क राशि में उपस्थित होने पर दक्षिणायन कहलाता है और जब वह मकर राशि पर आते हैं तब उत्तरायण कहलाता है यह ब्राह्मण मैंने तो 30 मुहूर्त वाले 1 दिन रात बताए हैं ऐसे 15 रात्रि दिवस का एक पक्ष माना जाता है दो पक्षों का 1 मार्च होता है 200 माह की एक ऋतु और तीन ऋतु का एक आयन होता है एवं दो आयन ही मिलकर एक वर्क होता है 4 तरह के महीने शौर्य सावन चंद्र नक्षत्र रूप में सांस वक्त आदि पांच प्रकार के वर्क यू कहते हैं या यूं ही समस्त प्रकार के काल निर्णय का कारण कहा जाता है उसमें पहला इस्लामिक दूसरा परिवार तीसरा इंदिरा साथ चौथा अनुष रात रात और पांचवा वात्सल्य है या काल युग नाम से प्रसिद्ध है श्रीमान नामक प्रसिद्ध पर्वत जो श्वेत वर्ष के उत्तर में स्थित है उनके तीन श्रृंग है जिसके कारण यह श्रृंगार कहा जाता है उसमें से एक शृंगार उत्तर में एक दक्षिण में तथा मध्य में है मध्य श्री ज्ञान ही वैश्विक है शरद एवं बसंत ऋतु के मध्य में सूर्य देव इस वैश्विक श्रीग पर आ जाते हैं हे मैथिली अमस्या तुला राशि के आरंभ में सूर्य देव विमुक्त पर स्थित होकर दिन और रात को समान परिणाम कर दिया करते हैं उस दिन यह दोनों 1515 मुहूर्त के होते हैं जिस समय सूर्य देव कृतिका नक्षत्र के प्रथम भाग अर्थात मेष राशि के अंत में और चंद्रमा परीक के आरंभ में हो या जब सूर्य देव तुला के अंतिम अंश को भोग करते हो तब चंद्रमा के मध्य के अंत में स्थित जान पड़े तभी वह बिशप नामक बहुत पावन काल माना जाता है उस समय दान आदि देने चाहिए यह समय दान ग्रहण के लिए मानव देवताओं के खुले हुए मुंह के समान है विपुल काल में दाना दान करने वाला प्राणी कृत क्रिया हो जाता है पूर्णमासी दो प्रकार की होती है जब चंद्रमा पूर्ण प्रकार से विभाजित हो तो वह पूर्णमासी राका होती है जब वह कालीन होती है तो वह अनुमति पूर्णमासी होती है इस तरह अमावस्या में दो प्रकार की होती है सीने वाली यह दुष्ट चंद्रमा अमावस्या है को नष्ट चंद्र को कहो अमावस्या कहते हैं मांग फागुन चेक पैसा तथा जेठ आषाढ़ के छह माह उत्तरायण होते हैं श्रवण भाद्रपद अश्वनी कृतिका घोष A6 मां दक्षिण होते हैं आलोक आलोक पर्वत की चारों दिशाओं में चार ब्रिटफील्ड लोकपाल निवास करते हैं यदि सुदामा कर्दम के पुत्र संवाद और किरण रोमा तथा केतु मान के चारों नील नील भी मान निर्णय और निष्पक्ष लोकपाल ज्ञान लोक आलोक पर्वत की चारों दिशाओं में स्थित है अगस्त के उत्तर और आज हुई थी के दक्षिण में लिक्विड मार्ग है वही प्रीति आन पद है उस प्रीति आन मार्ग में महात्मा मुनि वास करते हैं जो लोग अग्निहोत्री होकर प्राणियों की उत्पत्ति के आरंभ ब्रह्मा की स्तुति करते हुए यज्ञ अनुष्ठान के लिए उधर कर्म का आरंभ करते और प्रीति आज उनका दक्षिण मार्ग है
TRANSLATE IN ENGLISH
15 Muhurta has a distinct day, but in Uttarayan and Dakshinayan, it gradually increases and decreases. In this way, in Uttarayan, day consumes night and in Dakshinayan, night consumes day. And in the middle of spring, when the Sun God moves into Aries, then day and night are equal. At that time, the day and night are equal. Brings this Brahmin, I have told 1 day night with 30 Muhurats, such 15 nights are considered as one side of the day, 1 March of two sides, one season of 200 months and one ion of three seasons, and two ions together constitute one work, 4 types of months, in the form of Shaurya Sawan, moon constellation, breath time, etc. Five types of work are called U or simply called the reason for all types of time decisions, in that the first is Islamic, the second family, the third with Indira, the fourth with Anush, the night and The fifth is Vatsalya or is famous by the name of Kaal Yuga, the famous mountain named Shriman, which is located in the north of the white year, has three horns, due to which it is called Shringar, out of which one Shringar is in the north, one in the south and in the middle. Madhya Shri knowledge is global. In the middle of autumn and spring, the Sun God comes to this global peak. The time when the sun god is at the end of Kritika Nakshatra i.e. the first part of Aries and the moon at the beginning of Parik or when the sun god is at the end of the middle of the moon, then it is considered to be a very auspicious period called Bishop. At that time donations etc. should be given. Full moon is raka when it is carpet then permission is full moon thus there are two types in Amavasya This evil moon in Amavasya is of two types Chest this evil moon is Amavasya Call the destroyed moon is called Amavasya Mang Phagun check money and Jeth Ashadh six months are uttarayan Shravan Bhadrapada Ashwani Kritika Ghosh A6 Maa Alok Alok is south Four Britfield Lokpal resides in four directions of mountain If Sudama Kardam's sons Samvad and Kiran Roma and Ketu Maan Neel Neel Bhi Maan Nirjan and Fair Lokpal Gyan Lok Alok is located in all four directions of the mountain in the north of August and today there is Liquid Marg, there is Preeti Aan Pad, Mahatma Muni resides in that Preeti Aan Marg, those who start the yagya rituals there by praising Brahma, the beginning of the creation of beings, and Preeti is their south route today.
0 टिप्पणियाँ