श्री मैथिली जी बोले हे ब्राह्मण आत्माएं भूलोक आदि समस्त लोगों के विषय में सुनना चाहता हूं आप ग्राहक ग्रहण की स्थिति तथा उसके परिणाम आदि का विस्तार से वर्णन कीजिए श्री पराशर जी बोले हैं मैथिली सूर्य और चंद्रमा की किरणों प्रकाश जितनी दूरी तक जाता है सागर समुद्र नदी और पर्वत पहाड़ हदीस से युक्त उतना प्रदेश ही पृथ्वी कहलाता है जिनका पृथ्वी का विस्तार अधिकारी मंडल गिरा है उतना ही विस्तार एवं परिमंडल मूल्यों का है पृथ्वी से 100000 किमी दूर सूर्य मंडल है तथा सूर्य मंडल से भी एक लाख योजन की दूरी पर चंद्र मंडल है चंद्रमा से एक लाख योजन ऊपर समस्त नक्षत्र मंडल प्रकाशमान है यह ब्राह्मण नक्षत्र मंडल से दो लाख योजन ऊपर बुद्धि स्थिति है तरबूज से दो लाख योजन ऊपर सुपर स्थिति है सुपर से दो लाख योजन दूरी पर मंगल स्थित है और मंगल से भी दो 200000 योजन ऊपर बृहस्पति जी हैं यदि जो बृहस्पति जी से 200000 ही योजनाओं पर की और शनि है और सनी से एक लाख योजन पर सप्त ऋषि मंडल है और सप्त ऋषि यों से भी एक लाख योजन ऊपर समस्त ज्योति चक्र की नाभि स्वरूप ध्रुव मंडल स्थित है यह महामुनि मैंने तुमसे दिलों की की उत्साह के संबंध में वर्णन किया यह तीनों की यज्ञ फल की भोग भूमि और यज्ञ अनुष्ठान की स्थिति इस भारतवर्ष में ही है ध्रुव से एक करोड़ योजनाओं पर के ऊपर महा लोक है जहां काल पनत तक रहने वाले ब्रिंग हदी सिद गांड रहते हैं ए मैथिली उससे भी 20000000 यू जान ऊपर जनलोक है जिसमें श्री ब्रह्मा जी के विख्यात पुत्र निर्मलजीत शंका आदि निवास करते हैं 1 लोग में आठ करोड़ योजनाओं पर सब लोग हैं वहां वे राज्य नामक देवता का निवास है तब लोग से 12 करोड़ योजन की दूरी पर सतलोक स्थित है जिससे ब्रह्म लोग भी कहते हैं इसमें फिर नाम मरने वाले अमरगढ़ वास करते हैं फूलों का विस्तार मैंने बता चुका हूं हैं मुनि श्रेष्ठ पृथ्वी और सूर्य के मध्य में जो सिद्धगड़ मुनि गार्ड द्वारा पूजित इस्थान है वहीं दूसरी भूलोक है सूर्य होमवर्क के बीच में जो 14 लाख योजन की दूरी है उसकी को स्वर्ग लोग कहते हैं हे मैथिली एक ऋतु गोस्वामी के लोग कहते हैं तथा जनता और सत्य दिनों अवैध लॉक है इनक्रीस और हरप्रीत ढिल्लों के मध्य में महा लोग जो कल्पनाथ में जन्म हो जाता है अनंत अधिक नष्ट नहीं होता इसलिए इसको कृत कृत कहते हैं
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geography etc.
Mr. Maithili ji said O Brahmin souls, I want to hear about all the people like Bhulok etc. Please describe in detail the condition of customer eclipse and its consequences etc. Mr. Parashar ji has said Maithili The distance that the sun and moon rays light travels, that much region consisting of oceans, seas, rivers and mountains and hadiths is called earth whose extension of the earth's official circle has fallen, the same is the extension and circle values. But there is the lunar circle, one lakh yojanas above the moon, all the constellations are illuminated, this Brahman is two lakh yojanas above the constellation Buddhi, two lakh yojanas above the melon, the super is located, two lakh yojanas away from the super, Mars is located and two 200000 yojanas above Mars, Jupiter ji, if Saturn is only 200000 yojanas from Jupiter and one lakh yojanas from Sun, there are seven Rishi Mandals and One lakh Yojanas above the Dhruv Mandal, which is the navel of the entire Jyoti Chakra, this great sage, I have described to you in relation to the enthusiasm of the hearts, this is the land of sacrifice and the performance of the Yagya rituals of all three. It is only in this Bharatvarsh that above the Dhruva, at one crore Yojanas, there is Mahalok, where Bring Hadi Sid Gand, who lives till Kaalpanat, resides, a Maithili; Shanka etc reside in 1 people on eight crore yojanas, there is the abode of the deity called Rajya, then at a distance of 12 crore yojanas from the people, there is Satlok, which is also called Brahma, then the dead dwell in it, I have already told about the expansion of flowers. The people of Ritu Goswami say and Janta and Satya days have illegal lock between Incris and Harpreet Dhillon the great people who are born in Kalpanath do not destroy infinite more so it is called Krit Krit
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