श्री विष्णु पुराण कथा दूसरा स्कंध अध्याय 4 का भाग 2



कुशदीप के अधिपति ज्योतिष महान थे उनके साथ पुत्र हुए जिसके नाम बुधनी व्वे रोमान वैरात रामबाण खरीद प्रभाकर और कपिल है उनके नाम के अनुसार ही वहां के वर्षों के नाम पड़े उसमें दैत्य दानव मनुष्य तथा देव गंधर्व यक्ष और किन्नर आदि निवास करते हैं हे महामुनि उस दिन में ब्राह्मण की तरह डमी छतरी की तरह सूचना वैश्य कि तरह इसने एवं सूत्र की तरह मध्य नामक चार ही वर्ड है हे महामुनि उस दिन में बेडरूम हिमसेल्फ विद महान पुरुष भगवान उसे हरी तथा मंदराचल नामक इस 7 वर्ष पर्वत हैं तथा उनमें सात नदिया बहती है उनके नाम भूत पापा शिवा पवित्रा विद्युत अंबा और माही है यह नदिया संपूर्ण पापों को कारण वाले हैं यहां पर और भी हजार छोटी-छोटी या नदियां और पर्वत स्थित है पूछ दीप में एक उसका एग्जाम है इसलिए उसका नाम पूछती पड़ा है यह दीप आपने ही बराबर विस्तार वाले की के समुद्र से घिरा हुआ है तथा वह भी का समुद्र पहुंच दीप से घिरा हुआ है हे मैत्रीय अब इसके अगले कोच नाम के महाद्वीप के विषय में सुनो जिसका विस्तार पूछ दीप से दूदू साइड पोज दीप के अधिपति महात्मा विद्वान थे महात्मा विद्वान के 7 पुत्र हुए उनके नाम के अनुसार ही महात्मा गीत मान ने उनके वर्षों के नाम रखे हे मुनि उनके कुशल मंगल घोष ना पियो और अधिक कारक मुनि और रूबी नामक 7 पुत्र थे वहां भी देवता और गंधर्व से सेवित अत्यंत मनोहारी 7 वर्ष पर्वत है उनका नाम और वहां मन अंधी कारक घोड़ी के मुख के समान इस माही पर्वत दिव्या वृत्त पुंडरी काम 1 तथा दूध भी है वह दिन एक दूसरे से दूर हैं और उन्हीं की तरह उनके पर्वत भी हे महामुनि वहां के निवासी ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र क्रम से पुष्कर पुष्कल धनिया और तृप्त कहलाते हैं हे मैत्री वैसे तो उस दिन में सैकड़ों नदियां हैं किंतु प्रधान साथ ही हैं गौरी कुमुदिनी संध्या रात्रि मनोज या छत्रिय और पुण्य का वहां भी प्रभु श्री हरि विष्णु जी का ही यज्ञ आदि से पूजा की जाती है या कुछ दीप चारों तरफ से अपने आकार दही मंडल मट्ठे के सागर समुद्र से घिरा हुआ है हे महामुनी यह मट्ठे का सागर भी शादी से गरा हुआ है जो विस्तार में पहुंच दीप से मैं कुछ दीप से दुगना है शार्क दीप के अधिपति महात्मा भव्य थे उनके साथ पुत्र थे उनको भी उन्होंने भिन्न-भिन्न 7 वर्ष दिए जिसके नाम लव कुमार सुकुमार मारी चक पूसुम मौत मौत आज की और महा दुरुस्ती उन्हीं के नाम के अनुसार वहां 7 वर्ष है और वहां भी वर्षों का विभाग करने वाले सात पर्वत हैं वहां के पर्वत यह हैं उधर आंचल जलाधर रोहतक श्यामक अस्ताचल अंबिके एवं केसरी वहां सीट और गंधर्व से प्रेरित एक अति महान सा वृक्ष है वहां चतुर वाणी से युक्त अत्यंत पवित्र देश तथा संपूर्ण पाप एवं भय का नाश करने वाली सुकुमारी कुमारी नलिनी धनुका इच्छुक वडी का और गम मस्ती के साथ अत्यंत महा पवित्र नदियां हैं इनके अतिरिक्त यहां सैकड़ों छोटे-छोटे पर्वत और नदियां हैं

TRANSLATE IN ENGLISH

Kushdeep's ruler Jyotish was great, with him there were sons whose names are Budhni Vave Roman Vairat, Prabhakar and Kapil. 7 years are mountains and seven rivers flow in them, their names are ghost, father, Shiva, holy electricity, Amba and Mahi, these rivers are the cause of all sins, there are thousands of other small rivers and mountains located here, one in Pooch Deep is its exam, hence it has been named Pooch. From dudu side pose Deep Mahatma scholar was the ruler of Mahatma scholar Mahatma scholar had 7 sons according to their names Mahatma Geet Maan named their years O Muni their skilled Mangal Ghosh na peyo and more Karak Muni and Ruby had 7 sons there also very beautiful 7 year mountain served by deity and Gandharva their name and mind blind Karak mare's face like this Mahi Parvat Divya Vritta Pundari Kam 1 and milk also those days are far from each other and like them their mountains too O great sage, the inhabitants of that place are known as Pushkar, Pushkal, Coriander and Tripta in order of brahmins, kshatriyas, vaishyas and shudras. The one who has fallen from marriage is twice as deep as the Deep. The Lord of Shark Deep was Mahatma Bhavya. He had a son with him. The apostle is a very great tree, there is a very holy country with clever speech and Sukumari Kumari Nalini Dhanuka, who destroys all sin and fear, and there are very holy rivers with sorrow and fun, besides these there are hundreds of small mountains and rivers.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ