श्री विष्णु पुराण कथा दूसरा स्कंध अध्याय 3

भारत आदि नौ खंडों का विभाग



श्री पराशर जी बोले जो सागर समुद्र के उत्तर और हिमालय पर्वत के दक्षिण दिशा में स्थित है वह देश ही भारतवर्ष कहलाता है उस भारतवर्ष में ही भारत की संतान निवास करती है यह महामुनि इस देश का विस्तार नाम हजार योजन है यह देश स्वर्ग और आप वर्ग प्राप्त करने वाले की कर्म भूमि है इस में महेंद्र मलाई शाह शक्तिमान ऋषभ बिंदिया और परिवार के साथ पर्वत हैं हे मुनि इस देश में मनुष्य अपने शुभ कर्मों के द्वारा स्वर्ग तथा मोक्ष प्राप्त करते हैं तथा पाप कर्म करके मनुष्य धारक एवं त्रियुगी योनि प्राप्त करते हैं यहीं से कर्म अनुसार सर्वोच्च अंतरिक्ष या पताल आदि लोगों को प्राप्त कर लेते हैं पृथ्वी पर यहां के अतिरिक्त और कहीं भी मनुष्य के लिए कर्म विधि नहीं होती है भारतवर्ष के नाम भाग हैं उसके नाम इंद्रदीप के शुरू ताम्रपट गतिमान महाद्वीप सुंदर गंधर्व और वरुण धवन या सागर समुद्र से घिरा हुआ दीप है यह दीप उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा तक सहस्त्र योजन है इस के पूर्वी भाग में की रात रोग और पश्चिम भाग में यमन बस रहे हैं किंतु यज्ञ युद्ध और व्यापक आदि अपने अपने कर्मों के अनुसार आचरण करते हुए ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य तथा शुद्र गाना विभाग अनुसार मध्य में रहते हैं हे मुनि इसमें अनेक नदियां हैं हिमाचल पर्वत की तलहटी से सख्त रूट और चंद्रभागा नदिया बहती है पर याद पर्वत से स्मृति विंध्याचल से सुरसा नर्मदा आदि तथा रेसिंग गिरी से तपस्वी पर्व एवं निबंध यादी नदी गिरती है गोदावरी भागीरथी एवं कृष्ण बेदी आदि पाप हरणी नदियां पर्वत से उत्पन्न हुए कहीं जाती है माल आया चल पर्वत से त्रिपाठी और प्रीत माल निकलती है फिल्म आशा और आर्य ओला महेंद्र गिरी से निकलती है शक्तिमान पर्वत से ऋषि पुलिया तथा कुमारी आदि नदियां निकलती हैं इनकी और भी हजार शाखाएं नदियां तथा उप नदियां के रूप में है नदियों के पुल पर पूर्व पताल तथा मध्य देश आदि के निवासी हैं पूर्व देश तथा कामरूप के निवासी पौड़ी का लिंग और दक्षिण लोग अपर्याप्त देशवासी सर्वर राष्ट्रगान और अमीर तथा आबूद वासी का रुख माला और पर्याप्त निवासी समीर सैन्य गुरु चाल तथा कौशल के निवास स्थान द्वारा महा जस्ट और परासरण रहते हैं हम महा भाग वे लोग सदैव आप में मिलजुल कर रहते हैं वह सदैव हष्ट पुष्ट रहते हैं हे मुनि इस भारतवर्ष में ही सतयुग त्रेता द्वापर तथा काली धाम के चार युग हैं यह चारों युग अन्य स्थानों पर कहीं नहीं होते इस देश में ही परलोक प्राप्त करने के लिए मुनि जन तपस्या करते हैं यहां कि लोग अनुष्ठान करते हैं और दानी जैन दान देते हैं जम्मू दीप में यज्ञ पुरुष प्रभु श्री हरि विष्णु जी का सदैव योगियों द्वारा आयोजन किया जाता है इसके अलावा अन्य डिपो में प्रभु श्री हरि विष्णु जी की अन्य प्रकार से उपासना होती है यह महामुनि इस जम्मू दीप में भारतवर्ष सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि यहां कर्मभूमि है और इसके अतिरिक्त दूसरा देश भोग भूमिया है यह मनीष रेट जिओ को सहस्त्र जन्म देने के पश्चात महान पूनियों का उदय होने पर इस देश में मनुष्य जन्म प्राप्त होता है जो लोग इस कर्मभूमि में जन्म लेकर आपने फल आकांक्षा से रहित कर्मों को परमात्मा स्वरुप प्रभु श्री हरि विष्णु जी को अर्पण करते हैं निर्मल पाप पुण्य से रहित होकर उन अनंत में विलीन हो जाते हैं हे मैथिली इस तरह लाख युवाओं के विस्तार वाले ही जम्मू दीप का मैंने तुमसे विस्तार से वर्णन किया है यह जम्मू दीप 12 बाहर चारों तरफ से एक लाख योन के विस्तार वाले वाला कारखने

पानी के सागर समुद्र से घिरा हुआ है

TRANSLATE IN ENGLISH 

department of nine divisions of india etc.

Shri Parashar ji said that the ocean which is situated to the north of the ocean and to the south of the Himalayan mountain, that country is called Bharatavarsha, in that Bharatavarsha only the children of India reside. Karma is the land of the achiever, in this there are mountains with Mahendra Malai Shah, Shaktiman, Rishabh, Bindiya and family. O sage, in this country, humans attain heaven and salvation through their auspicious deeds, and by doing sinful deeds, humans attain the holder and Triyugi vagina. It is from here that according to one's actions one attains the Supreme Space or Patal, etc. Except here on earth, there is no Karma method for human beings. The names of Bharatavarsha are parts of it; Sagar is a lamp surrounded by the sea. This lamp has a thousand plans from north to south. Diseases are living in the eastern part and Yemen is living in the western part. Vaishyas and Shudras live in the middle according to the Gana department, O Muni, there are many rivers in it, from the foothills of Himachal mountain, the hard route and Chandrabhaga river flows, but from Yaad mountain, Smriti Vindhyachal, Sursa Narmada etc. and from Racing Giri, Tapasvi festival and Essay Yadi river fall. Godavari, Bhagirathi and Krishna Bedi etc. Sin Harni rivers originated from the mountain and go somewhere, Mal Aaya Chal Parvat, Tripathi and Preet Mal originate, Film Asha and Arya Ola originate from Mahendra Giri, Rishi Pulia and Kumari etc. rivers originate from Shaktiman Parvat, their and There are also thousand branches in the form of rivers and tributaries, on the bridge of rivers, the residents of East Patal and Madhya Desh, etc., residents of East Desh and Kamrup, Pauri's Linga and South people, insufficient countrymen, servers, national anthem, and the attitude of Amir and Abud Vasi, Mala and Adequate The resident Sameer Military Guru moves and stays great by the abode of skill. These four yugas do not exist anywhere else, in this country itself sages perform penance to attain the hereafter, here people perform rituals and donors give donations. Apart from this, Lord Shri Hari Vishnu ji is worshiped in other ways in other depots, this Mahamuni is the best in this Jammu Deep, India is the best because here is Karmabhoomi and in addition to this, the other country is Bhog Bhoomi, this Manish rate gives 1000 births to Jio. After the rise of great pious people, a human being is born in this country. Let's get merged O Maithili, in this way, I have described in detail to you Jammu Deep, which has the expansion of lakhs of youths.

ocean of water surrounded by sea

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