15 मुहूर्त का विविक्त दिवस हुआ करता है लेकिन उत्तरायण और दक्षिणायन में क्रमशाह उसके वृ…
इस तरह उत्तर और दक्षिण सीमाओं के मध्य मंडल आकार घूमते रहने से सूर्य देव की गति दिन या …
इसी इस प्रकार है ब्राह्मण दिन के समय अग्नि का तेज सूर्य में प्रविष्ट हो जाता है अतः अग…
सूर्य नक्षत्र और राशियों का प्रबंध तथा कालचक्र लोकपाल और गंगा का आविभाव श्री पराशर जी …
हे मैथिली इस प्रकार मैंने तुमको साथ लोग और साथ पताल का ब्रिटेन कहा है इस ब्रह्मांड का …
भूगोल आदि साथ उधर लोक का वृतांत श्री मैथिली जी बोले हे ब्राह्मण आत्माएं भूलोक आदि समस्…
साहस करने वाला पुत्र मित्र आदि को छोड़कर अकेले ही स्वादिष्ट भोजन करने वाला और लाख मांस…
विभिन्न वर्गों का एवं भगवान नाम के महत्व का वर्णन श्री पराशर जी बोले फिर पृथ्वी और जल …
सात पाताल लोक का वर्णन श्री पराशर जी बोले यह देश मैंने तुमको पृथ्वी का विस्तार कहा उसक…
वहां वक्त मानस और मादक hr1 है इसमें सेवक सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण है मर्द छतरी है मानस वैश…
कुशदीप के अधिपति ज्योतिष महान थे उनके साथ पुत्र हुए जिसके नाम बुधनी व्वे रोमान वैरात र…
प्लक्ष और शाल्मलादि दीपों का वर्णन श्री पराशर जी बोले जिस प्रकार जम्मू दीप को खारे पान…
भारत आदि नौ खंडों का विभाग श्री पराशर जी बोले जो सागर समुद्र के उत्तर और हिमालय पर्वत …
हे मैत्रीय मेरु पर्वत के पूर्व दिशा में केसराचल शीत इस्तम कुमुद पूरी मालवा तथा बैंक आद…
भूगोल का विवरण श्री मैत्रीय जी बोले हे ब्राह्मण आपने मुझसे इस नाउ मनु के वंश कब्रिस्ता…
हे महामुनी किम पुरुष आदि जो 8 वर्ष है उसमें सुख का बहुमूल्य है और बिना प्रयत्न ही भूख …
प्रियव्रत के वंश का वर्णन श्री मैथिली जी बोले हे मुनि संतप्त आपसे मैंने सृष्टि की रचन…
मैथिली जी बोले हे मुन्नी आपने जो प्रभु श्री हरि विष्णु जी का परम पद कब्रिस्तान कहां …
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