हरिवंश पुराण के सुनने का फल
राजा जनमेजय ने यह सुनकर वे के बना जी का धन्यवाद किया और कहा हे महामुनि कृपया इस हरिवंश पुराण को ना आदि तथा इसके श्रवण प्रभाव के फलों का वर्णन भी मुझे विस्तार से बताएं श्री कृष्ण के विभिन्न चरित्रों का विस्तृत वर्णन करने वाले इस तेजस्वी पुराण को पढ़ने तथा सुनने से मनुष्य को जो जो शुभ फल प्राप्त होते हैं कृपया वह मुझे से विस्तार से कहें तब ऐसे बना जी ने स्वयं इसने पूर्वक इस प्रकार कहा हे राजन हरिवंश पुराण सुनने या पढ़ने से मन के द्वारा सोचे गए मुंह द्वारा बोले गए और शरीर कर्मों द्वारा किए गए संपूर्ण पाठ ठीक उसी प्रकार नष्ट हो जाते हैं जिस प्रकार सूर्य की किरण से अंधेरा नष्ट हो जाता है 18 पुराणों को सुनने से जो फल प्राप्त होता है वह अकेले इस महापुराण को सुनने से ही प्राप्त हो जाता है हरिवंश पुराण के 1 श्लोक का भी कोई श्रद्धा पूर्वक पाठ करता है उसे विष्णु की कृपा प्राप्त होने लगती है फिर पूरे पुराण का पाठ करने से जो कुछ भी प्राप्त होता है असंभव नहीं रहा जाता कलयुग में जम्मू दीप से इस चमत्कारी प्रभाव के बाद भी इस पुराण को सुनने या पढ़ने वाले अति दुर्लभ होंगे क्योंकि कलयुग का प्रभाव ही ऐसा होगा कि मनुष्य श्रेष्ठ व कल्याणकारी कार्यों को छोड़कर नेतृत्व भ्रष्ट और पराजित करने से ले लेंगे राजन सर ग्रंथों का अध्ययन करने के स्थान पर हिंसक अश्लील और उत्तेजक सहित को ही लोग पसंद करेंगे पुत्र की इच्छा रखने वाले दंपत्ति को विशेष रूप से स्त्रियों को इस पुराण को अवश्य विधि पूर्वक पढ़ना सुनना चाहिए श्रद्धा शिवपुराण के संतान गोपाल स्तोत्र को विधिपूर्वक पाठ तथा अनुष्ठान कराना बांध की स्त्री को भी श्रेष्ठ पुत्र प्रदान करने में सक्षम है अत्यंत ही आध्यात्मिक लाभ मोक्ष पाने वालों को सुधारने तथा अन्य सभी प्रकार के मनोकामना ओं की पूर्ति हेतु इस पुराण का विधि पूर्वक पाठ करना चाहिए कथा पुराण सुनने के बाद वादक को स्वर्ण जड़ित सिंह वाले कपिला गायक नवीन वस्त्र उड़ाकर बछड़े सहित दान करनी चाहिए हाथों और कानो का स्वर्ण आभूषण अंगूठी कुंडल आदि विशेष रूप से वक्ता को देना चाहिए अथवा भू दान करना चाहिए क्योंकि भूदान से श्रेष्ठ कोई दान नहीं है यदि ऐसा करने की क्षमता नहीं तो योग्यता अनुसार अधिक से अधिक दान देना चाहिए हे राजन हरिवंश पुराण पूरा तुमने तथा पढ़ने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उनकी 11 हसीनों के पूर्वजों का उद्धार होता है पुराण सुनने के पश्चात श्रोता को मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए विष्णु के द्वारा क्षण मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय आपके दशांश हवन हवन के दसवां तर्पण और तर्पण के दर्शन का दान करना चाहिए इस प्रकार जो कुछ भी आपने मुझसे जाना चाहा और पूछा था वह सब मैंने आपको बता दिया है तेरा जान तुम्हारा कल्याण हो विस्मरण मात्र से ही पवित्र कर देने वाले ही महापुराण को तुम्हारे मध्य से अन्य प्रजा भी पढ़ कर लाभान्वित होंगे इस महान कार्य के लिए हे राजन श्रेष्ठ जन्मदिन तुम्हारा सदा आदर पूर्वक स्मरण किया जाएगा श्री कृष्णा गौतम गौतम श्री हरिवंश पुराण सभा
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Fruit of listening to Harivansh Purana
King Janamejaya thanked Ve Ke Bana ji after hearing this and said, O great sage, please tell me in detail about this Harivansh Purana and the fruits of its auditory effects. Please tell me in detail the auspicious results that a man gets by reading and listening. All lessons done by deeds are destroyed just as darkness is destroyed by the rays of the sun. The result that is obtained by listening to the 18 Puranas is obtained by listening to this Mahapurana alone. 1 of the Harivamsa Purana One recites even a Shloka with devotion, he starts receiving the grace of Vishnu, then whatever is obtained by reciting the entire Purana, it is no longer impossible to listen to or listen to this Purana even after this miraculous effect from the Jammu lamp in Kalyug. Readers will be very rare because the effect of Kalyug will be such that people will leave noble and welfare works and take leadership from corrupt and defeated. The keeping couple, especially the women, must read and listen to this Purana methodically. Recitation and rituals of Gopal Stotra, the child of Shraddha Shivpuran, is capable of providing the best son to the woman of the dam. To improve and fulfill all other wishes, this Purana should be recited methodically. After listening to the Katha Purana, Kapila singer with gold-studded lion, after blowing new clothes, should donate gold ornaments of hands and ears, rings, coils, etc. specially to the calf. The speaker should be given or donated land because there is no charity better than donating land, if you do not have the ability to do so, then you should donate as much as you can, O Rajan, you have completed Harivansh Puran and by reading all the sins of a man are destroyed. and the ancestors of their 11 beauties are saved. After listening to the Purana, the listener must chant the mantra Om Namo Bhagwate Vasudevay through Vishnu. Whatever you wanted to know from me and asked, I have told you all that, may your life be well, the one who sanctifies only by oblivion, other people from among you will also be benefited by reading the Mahapurana, O Rajan Shrestha for this great work. Your birthday will always be remembered with respect Shri Krishna Gautam Gautam Shri Harivansh Puran Sabha
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