हरिवंश पुराण कथा का उपसंहार
वैसे बना जी ने आगे कहा इसमें प्रथम स्वर्ग आदि स्वर्ग है जिससे सृष्टि की उत्पत्ति की प्रक्रिया क्रमशाह पूर्ण किया गया है द्वितीय संवर्ग भूत स्वर्ग जिसमें युवाओं तथा मानव अंतर हाथी का काल अवधि सहित वर्णन किया गया है फिर रेनू पुत्र राजा पृथ्वी का चरित्र कहा गया है उसके पश्चात मनोहर कीर्तन भावेश वाहनों की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है फिर गलवा की उत्पत्ति और शाहरुख वंश का वर्णन है तब मित्र फल्प की व्याख्या के बाद चंद्रमा और मधु की उत्पत्ति का वर्णन है फिर आमा वसु के वंश का वर्णन और इंद्र के स्वर्ग से भ्रष्ट होकर पुनः स्वर्ग को प्राप्त करने की कथा है तब छात्रवृत्ति की संतानों को कहा गया है और आजादी वो दास व त्रिशूल की कथा कही गई है फिर आ जाए इसके पश्चात ही अतीत के चरित्र को उसके आंसर सहित पाकर पूर्व वंश का वर्णन किया गया है श्री कृष्णा के स्वर एवं सायं तक मणि की कथा और संक्षिप्त में विश्व के प्रमुख अवतार का मैं संग्राम ब्रह्मा लोक पश्चात की योग निंद्रा और विष्णु एवं ब्रह्मा के विषयों में वर्णन किया गया है फिर पृथ्वी और देवताओं के अवतारों के साथ नारद के वाक्य तथा स्वप्न अगर विधि का वर्णन है फिर आचार्य तत्व तथा कृष्णा अवतारों को कहा गया है राजन कृष्णा का गोबर आज में जाना सटका सुर का वध पूतना का वध बकासुर का वध श्यामला अर्जुन उद्धार आदि का वर्णन है फिर कृष्ण के वृंदावन जाकर कालिया नाग के मंथन का भला सुर का वध धनु का सुर का वध तथा गोवर्धन पर्वत धारण कर इंद्र का अभिमन नष्ट करने की कथाएं हैं तब गोपियों के साथ कृष्णा की रासलीला और स्टेटस और केवट की कथाएं हैं और गुरुद्वारा वृंदावन जाना कृष्णा का अपने वास्तविक रूप में अंकुर को दर्शन देना किसी व धंधा के वाक्य दादा धनुष तोड़ने की कथाएं हैं फिर पुलवामा प्रिंट हाथी चारों दमोह तक आदि के बाद के बाद का अनुवाद का वर्णन है उग्रसेन का राज्याभिषेक कृष्णा बलराम का गुरुकुल ज्ञान नामक असुर का वध के बाद यमराज से गुरु पुत्र वापस लाने की कथा द्वारा मथुरा नगरी को घेरने और उसके वापस लौट जाने की कथाएं परशुराम दर्शन विकृत से वार्ता पर चढ़ना तथा संघ की अन्य दवाइयों का वृतांत गोवंश पर्वत कर वीरपुर में श्रृंखला का वध राम द्वारा यमुना का भाषण मथुरा नगरी को त्यागकर द्वारिका जाना और कालिया की हत्या का वर्णन इसके पश्चात किया गया है सिर्फ द्वारिकापुरी रुक्मणी हरण में पराजित करने की कथाएं हैं जिसके बाद में राम जी के चरित्रों का वर्णन है फिर नरकासुर वध और रजत हरण कथा इंद्र कृष्णा महासंग्राम की कथा कृष्ण द्वारा शिव की स्तुति तथा विशाल वंश का वर्णन उनके बाद गया है उसका वर्णन होने के बाद भानु की पुत्री भानुमति का अपहरण तथा समरा सुर वध के साथ वासुदेवन इसमें प्रदुमन तथा मायावती का विवाह वर्णन के साथ उषा और अनिरुद्ध के विवाह के साथ बाणासुर का वध भी वर्णन है तुम्हारी शांति और कलयुग का वर्णन करके भविष्य का वर्णन किया गया है तब भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों का वर्णन करते हुए कृष्ण की कैलाश यात्रा तथा पुत्र प्राप्ति हेतु शिव की तपस्या का वर्णन भी है कृष्णा कैलाश पर जाकर शिव की तपस्या करने का यह जो प्रश्न है यह आस्था रहित श्रद्धालुओं तथा धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को नहीं सुनाया ना चाहिए हे राजन फिर प्रमुख तथा हंस हडिंबा केवट का वर्णन आया है इसके बाद तुम्हारे कहने पर त्रिपुर दहन की कथा को कहा गया है कि राजा ने इस प्रमुख आप खाना के साथ साथ चलने वाली अन्य प्रसाद तथा उप कथाएं भी बीच-बीच में कही गई है इस प्रकार यह संपूर्ण पुराण कामनाओं को पूर्ण करने वाला तथा विष्णु लोग की प्राप्ति कराने वाला कहा गया है अंत में तुमसे विष्णु के नाभि कमल के विधान को तनिक विस्तार से कहता हूं जिससे तुम सृष्टि के बुद्ध के बारे में किसी प्रकार की उलझन में ना रहो सुनो
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Epilogue of the Harivamsa Purana
By the way, Bana ji further said that in this there is the first heaven etc. heaven, from which the process of creation of creation has been completed gradually, the second cadre ghost heaven, in which the period of youth and human inter-elephant has been described, then the character of King Prithvi, the son of Renu, has been described. After that Manohar Kirtan, the origin of Bhavesh vehicles is described, then the origin of Galwa and Shahrukh dynasty is described, then after the explanation of Mitra Phalp, the origin of Moon and Madhu is described, then the description of Ama Vasu's dynasty and the heaven of Indra. There is a story of attaining heaven again after being corrupted, then the children of scholarship have been told and the story of freedom, that slave and trishul has been told, only after that the character of the past with its answer has been described. The story of Shri Krishna's voice and Mani till evening and the main incarnation of the world in brief, the battle of Brahma after the world is described in the topics of yoga sleep and Vishnu and Brahma, then Narada's sentences with the incarnations of the earth and gods and If the dream is a description of the method, then Acharya elements and Krishna incarnations have been told, Rajan Krishna's dung going today, killing of Satka Sur, killing of Putna, killing of Bakasur, Shyamla, Arjuna's salvation etc. Then there is a description of Krishna's going to Vrindavan and churning Kaliya Nag. There are stories of Bhala Sur's slaughter, Dhanu's slaughter of Sur's and destroying the pride of Indra by holding Govardhan mountain, then there are stories of Krishna's Rasleela and Status and Kevat with Gopis and going to Gurudwara Vrindavan to see Ankur in his real form. The sentences of some other business are the stories of Dada breaking the bow, then the Pulwama prints, the elephants around Damoh, etc., the description of Ugrasen's coronation; Tales of besieging the city of Mathura by Vishnu and his return Parshuram Darshan Climbing the talks with the deformed and other medicines of the Sangh The slaughter of the chain at Veerpur by Govansh Parvat Ram's speech on the Yamuna leaving the city of Mathura and going to Dwarka and killing Kalia The narration is done after this, only the stories of defeat in Dwarikapuri Rukmani Haran, after which the characters of Ram ji are described, then Narakasura Vadh and Rajat Haran story, the story of Indra Krishna Mahasangram, the praise of Shiva by Krishna and the description of the huge dynasty after him. After the description of Bhanu's daughter Bhanumati's abduction and Samara Sur slaughter with Vasudevan, it describes the marriage of Praduman and Mayavati, along with the marriage of Usha and Aniruddha, the slaughter of Banasura also describes your peace and future by describing Kalyug. has been described, then describing the major incarnations of Lord Vishnu, Krishna's journey to Kailash and Shiva's penance to get a son, the question of Krishna going to Kailash and doing Shiva's penance is a matter of faithless devotees and religious tendency. Shouldn't be narrated to the people of O king, then the description of chief and Hans Hadimba Kevat has come. It has been said in the middle, in this way, this whole Purana has been said to be the fulfiller of wishes and the one who attains Vishnu people. In the end, I tell you the law of Vishnu's navel lotus in a little detail, so that you can know about the Buddha of the universe. don't be confused listen
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