श्री ब्रह्मा जी की आयु और काल का स्वरूप
श्री मैत्रेय जी पाराशर जी से बोले हे भगवान जो ब्रह्मा निर्गुण आप बना जा सके शुद्ध और निर्मल आत्मा है उसका शर्मा आदि का करता होना कैसे सीधा किया जा सकता है श्री मैत्रीय जी का प्रश्न सुनकर श्री पराशर जी बोले ma3 जी संपूर्ण भाव पदार्थों की शक्ति और चिंतित जो समझ में ना आए ज्ञान का मार्ग होती है उसमें कोई योजना कार्य नहीं करती अतः आदमी की शक्ति उसको आता है की तरह ब्रह्मा को भी सर्वांगी रचना स्वरूप की स्वभाविक प्राकृतिक है जिस तरह नारायण नामक जगह पिता प्रभु श्री ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना करते हैं वह मैं तुम्हें सुना रहा हूं हे जगत् पिता ब्रम्हा जी सदा उपचार से ही उत्पन्न हुए कहलाए जाते हैं उनके आपने परिणाम से उसकी आयु 100 वर्ष की मानी जाती है उनका नाम पर है उसका आधार पर आधार चलाया जाता है हे मैथिली मैंने तुम्हें जो प्रभु श्री हरि विष्णु जी का हाल स्वरूप कहा था उसी के द्वारा भूत ब्रह्मा जी की एवं और जो भी पृथ्वी धरती पर्वत पहाड़ समुद्र सागर आदि चराचर जीव हैं उसकी आयु का परिणाम होता है एम मैत्रीय 15 मिनट को काट कहते हैं तीसरा काट की एक कला होती है तथा 30 कला का एक मुहूर्त होता है उस 30 मुहूर्त का मनुष्य एक दिन रात 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात कहा जाता है और उतने ही दिन रात का अर्थ 30330 रात का दो पक्षी युक्त एक महीना होता है 6 महीना का एक अन्य और दक्षिण दक्षिण आयाम कथा उत्तरायण और दक्षिणायन देवताओं की रात होती है और देवताओं का दिन होता है सतयुग त्रेता द्वापर युग होते हैं उनका अलग-अलग परिणाम तुम्हें सुनाता हूं पराशर जी बोले वार्ता के ज्ञाता यूपी का परिणाम 4 दिन हो एक हजार दिव्य वर्ष कहा जाता है प्रत्येक युग के पूर्व उतने ही समझा बताए जाते हैं और युग के अंत में इतने ही परिणाम मैं तुम्हें सुनाता हूं पराशर जी बोले फिर उसको अथवा के ज्ञाता सत्यवादी का परिणाम क्रम 7432 और 1000 दिव्य वर्ष कहा जाता है प्रत्येक युग के पूर्व उतने ही संवर समझा बताए जाते हैं और युग के अंत में उसने ही प्रमाण वाले संध्या होते हैं अर्थात सत्य आदि के पूर्व प्रमुख 44 32 और 108 दिव्या वर्क की संख्याएं और इतने ही वर्ष की समान होते हैं हे मुनि श्रेष्ठ मैथिली इन संख्याओं और संविधान के मध्य का जितना भी काल समय होता है उसे सतयुग के नाम से जाना जाता है कि मुनि सतयुग त्रेता द्वापर और कलियुग के मिलकर चतुर लायन कहलाते हैं ऐसे हजार चतुर योजन का ब्रह्मा जी का 1 दिन होता है फिर भी प्राप्त ब्रह्मा जी के 1 दिन में 14 मुनि हुए करते हैं उनका कलाकृति परिणाम बताया जान लगाकर सुनो सप्त ऋषि देवगढ़ इंद्रमणि तथा मनु के पुत्र एवं राजाओं की रचना एक ही में की जाती है और एक ही काल में उनका संघार किया जाता है कि मुनीम 71 हजार चतुर्भुज से पूछ आदिकाल का एक मन्वंतर होता है यदि मनु और देवताओं आदि का हाल है इस तरह दिव्यवड़ना से एक मन्वंतर में 852000 वर्ष होते हैं हे महामुनि मानव की वर्क गाना अनुसार मन्वंतरा का परिणाम पूरे ₹306720000 इस साल समय का 14 जगतपिता ब्रह्मा जी का 1 दिन होता है उनके नियंत्रण में वित्त नामक वाला ब्रह्माजी पर पर लाए होता है उस समय वह लोग एक फूलों की कथा सरवर ले तीनो लोग जलने लगते हैं तथा महा लोक में निवास करने वाले शुभ मुहूर्त बहुत सक्रिय होकर जनलोक को चले जाते हैं इस तरह के तीनो लोक तीनो लोक में जल मग्न हो जाने पर अनजान लोग वासी गोपयों द्वारा इस मरण दिए जाने वाले प्रभु श्री हरि विष्णु की रूप कमल योनि ब्रह्मा जी की लौकी के गिलास से तृप्त होने के पश्चात दिन के बारंबार ही परिणाम वाले उस रात्रि में शेष शैया पर चयन करते हैं और उन समय के व्यतीत हो जाने पर फिर से इस सृष्टि की रचना करते हैं इस तरह वक्त महादी गाना से ब्रह्मा जी का 1 वर्ष होता है और फिर इसी प्रकार से 100 वर्ष होते हैं ब्रह्मा जी के 100 वर्ष उच्च महात्मा ब्रह्मा जी की पूर्ण आयु है हे मुनीश्वर उस जगतपिता ब्रह्मा जी की का एक पुरवार बीत चुका है उसके अंत में पदनाम का एक विख्यात महाकाल या हुआ था खेत विच इस समय यह वर्तमान काल उनके दूसरे पर आश्रित का यह 12 नाम का पहला कल्प कहा जाता है
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Nature of age and time of Shri Brahma ji
Shri Maitreya ji said to Parashar ji, O Lord, the Brahma Nirguna who can become you is a pure and pure soul, how can his behavior of shyness etc. be straightened? And worried that there is a path of knowledge that is not understood, no plan works in it, so man's power comes to him. I am telling you that O father of the world, Brahma ji is always said to be born from healing, because of his results, his age is considered to be 100 years. Where was the condition of Lord Shri Hari Vishnu ji, through him the ghost of Brahma ji and all other living creatures like Earth, Earth, Mountain, Sea, Sea, etc. are the results of their age. There is and there is a Muhurta of 30 arts, a man of that 30 Muhurta is called a day and night of 12 hours and 12 hours of night and the same number of days and nights means a month with two birds of 30330 nights is of 6 months. Another South-South Dimension Story Uttarayan and Dakshinayan is the night of the gods and the day of the gods Satyuga Treta Dwapar Yuga there are different results I will tell you Parashar ji said the knowledgeable of the conversation the result of UP should be 4 days one thousand divine It is said that before each era, the same number of years are explained and at the end of the era, I tell you the same result. The same number of vows are understood and at the end of the era, there are evenings with the same proof, that is, the numbers of 44, 32 and 108 Divya Varka, the former heads of Satya etc. Whatever period of time is in the middle, it is known as Satyug, that Muni Satyug, Treta Dwapar and Kaliyug together are called clever lions; 14 sages tell the result of their works of art, listen carefully, Sapta Rishi Devgarh Indramani and Manu's sons and kings are created in the same time and they are created in the same period that the accountant asked 71 thousand four-armed Manvantar happens if the condition of Manu and Gods etc. is like this in one Manvantar from Divya Vadana there are 852000 years O Mahamuni Manav ki Vark Gana result of Manvantra is full ₹306720000 this year 14 of Jagatpita Brahma ji's 1 day is under his control At that time, the one named Finance is brought to Brahmaji, at that time they take a story of flowers to the lake, all three people start burning and the auspicious time, the people living in Maha Lok become very active and go to Janalok. After being satisfied with the glass of gourd of Lord Shri Hari Vishnu, the form of Lord Shri Hari Vishnu, who was given death by the Gopis, the ignorant people choose the rest of the bed in that night with the repeated results of the day and After that time is over, they create this universe again. In this way, time is 1 year of Brahma ji from Mahadi song and then it is 100 years in the same way. O Munishwar, one Purwar of that father of the world Brahma ji has passed, at the end of that there was a famous Mahakal or Khet Vich, at the end of which this present period is dependent on his other, this is called the first Kalpa of 12 names.
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