चारों वणो की व्यवस्था के विभाग तथा अन्य आदि की उत्पत्ति श्री मैत्री जी बोले हे प्रभु आ…
अविद्या दी विधि संघों का वर्णन श्री मैत्रीय जी बोले हेवी पर आज सर्ग के आरंभ में प्रभु …
ब्रह्मा जी की उत्पत्ति प्रभु द्वारा पृथ्वी का उद्धार और ब्रह्मा जी की लोक रचना श्री मै…
श्री ब्रह्मा जी की आयु और काल का स्वरूप श्री मैत्रेय जी पाराशर जी से बोले हे भगवान जो …
सृष्टि की उत्पत्ति का क्रम से वर्णन और विष्णु जी की महिमा मुनि श्री पराशर जी बोले सर्व…
मुनी मैत्रीय और पाराशर जी का संवाद प्राचीन समय की बात है कि श्री सूक्त जी आपने शिशुओं …
ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे जो ध्यावे फल पा…
आरती बालकृष्ण की जी अपना जन्म सफल कर लियो श्री गोपाराम दुलारो बाबा की अखियन को तारों ग…
ओम कन्हैया कृष्णा केशव चक्रधारी नंदलाल माधव सुंदर श्याम मुरारी राधा वर बंसी बजैया रघुव…
हरिवंश पुराण के सुनने का फल राजा जनमेजय ने यह सुनकर वे के बना जी का धन्यवाद किया और कह…
विष्णु की नाभि कमल का वर्णन हे महाराज एक आवाज में शयन करते हुए नारायण आवा रूप में तपस्…
हरिवंश पुराण कथा का उपसंहार वैसे बना जी ने आगे कहा इसमें प्रथम स्वर्ग आदि स्वर्ग है जि…
त्रिपुरासुर वध तब कैसे बना जी बोले हे राजन् प्राचीन काल में त्रिपुर नामक एक महान असुर …
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