श्री हरिवंश पुराण कथा

विष्णु द्वारा इंद्र को कैदी बनाने वाले मधु की हत्या

हयगीवावतार



जान मजाक के आगरा करने पर वैश्य पन्ना जी ने श्री विष्णु के कुछ और चरित्र का वृतांत करते हुए आगे कहा एक बार मधु नामक अत्यंत शक्तिशाली राक्षस ने इंद्र के ेश्वरी को प्राप्त करने की इच्छा से उसे युद्ध में हराकर पार्षदों से बांधकर पर्वतों में छिपा दिया तब पहला द्वारा विष्णु का गुणगान सुन कर वह दुर्बुद्धि विष्णु को युद्ध हेतु ललकार ने लगा अन्य दाऊदी मधु को अपना नेता महान कर उसके पीछे चल पड़े तब गंधर्व तथा किन्नर आदि देवताओं के पक्ष में एकत्रित होने लगे विष्णु भगवान भी वहां पहुंच गए विष्णु को देखकर मधु ने उसकी गर्दन पर मुटके का प्रहार किया जिससे विष्णु विचलित हुए बिना ही खड़े रहे तब विष्णु ने मधु की छाती पर मुखी से प्रहार किया जिससे मधु घुटनों केवल भूमि पर गिर कर मुंह से खून निकलने लगा तब उछलकर खड़ा होता हुआ युद्ध करने लगा उस भयानक यूथ को देखकर ऋषि सिद्धि आदि विभिन्न स्रोतों द्वारा विष्णु को मधु के वध के लिए उत्साहित करने लग उन्होंने कहा यह ग्रुप होते हुए भी आप अनेक रूप हैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं सृष्टिकर्ता तथा लाइक करता ही है आप ही देवो दालों तथा मानव आदि का पालन करते हैं आप ही वेदों की उत्पत्ति की स्थान है आप यज्ञ कर्ताओं की पुष्टि को बढ़ाते हैं आप ही काल स्वरूप हैं तथा आप ही प्रलय काल में उपस्थित होकर समूची सृष्टि को लीला जाते हैं सूर्य चंद्र जल वायु अग्नि आदि तो आप ही हैं साथ ही यम हैं आप ही ब्रह्मा और शिव हैं काफी वनस्पतियों औषधियों आकाश नदी सागरों पर्वतों भूमि नक्षत्रों तथा सब चराचर जगत को उत्पन्न करने वाले हैं ना आप के समान कोई दूसरा नहीं है इस प्रकार प्रसन्न चित्त होकर भगवान विष्णु ने हाय गरीब नामक विशाल रूप धारण कर लिया और मधु दैत्य का वहीं पर वध कर दिया तब देवराज इंद्र को स्वतंत्र किया और मधु तथा उसके साथी के आदि जातिय से बेटियों से प्रजा की रक्षा की यह नारायण का हाई ग्रीप किया अस्वस्थीन अवतार कहा जाता है अवतार धारण कर दोस्तों का नाम और सज्जनों की रक्षा ही भगवान विष्णु का प्रमुख कार्य है देवताओं को 1717 देना वैसे पहनाने आगे कहा हे राजन देवताओं को स्वस्थ राष्ट प्रदान करने वाले भी यही हरि विष्णु ही है तब से संयुक्त हुए देवताओं ने विष्णु को देखने की लालसा से यज्ञ रचना था तब उस यज्ञ से 16 भुजाओं वाले शस्त्र अस्त्र अस्त्र से युक्त यज्ञ पुरुष पुराण हो श्री विष्णु अत्यंत के तेजस्वी ब्राह्मणों नामक के आकार से प्रगट हुए धनु तलवार ढाल त्रिशूल शक्ति भाग 35 राज तोमर खड़क सूर्य सोल माहौल चक्र बसवा वध गधा परसों आदि कई हथियारों को यह धारण किए हुए थे तब इंद्र ने ब्रज को वृत्तीय में डंको बलराम संकरण नेहल व मुसल को रूद्र ने त्रिशूल तथा पीनार्क नामक धनुष को वरुण ने पास को काल में शक्ति को स्वच्छता ने परसों को कुबेर ने पर्वत को तथा अन्य देवताओं ने अन्य शास्त्र अस्त्र को उसने लिया सुदर्शन चक्र शान धनुष तथा और मृत नामक गदा को विष्णु ने पक्ष और संघ सहित अपने ही भुजाओं में रखा तब विष्णु ने द्वितीय पुत्र देशों की चतुर आंगन में सेना का संघार भी किया इस प्रकार वे समय-समय पर देवताओं का भला करने के लिए असुरों के सर्वनाश के लिए तथा पृथ्वी के भल के लिए विभिन्न लीलाएं करते हैं अतः उन नारायण श्री विष्णु को लीलाधर भी कहा जाता है

TRANSLATE IN ENGLISH 

Vishnu kills Madhu, the prisoner of Indra

hygivatar

On joking about his life, Vaish Panna ji narrating some more character of Shri Vishnu further said that once a very powerful demon named Madhu, with the desire to get Indra's Eshwari, defeated him in a war and tied him with councilors and hid him in the mountains. Then after hearing the praise of Vishnu by the first one, he challenged Vishnu for a war, the other Dawoodi made Madhu great as their leader and followed him, then Gandharva and Kinnar etc. started gathering in favor of the deities. Lord Vishnu also reached there seeing Vishnu. Madhu hit his neck with a fist, so that Vishnu stood without being distracted, then Vishnu hit Madhu's chest with his face, from which Madhu only fell on the ground and blood started coming out of his mouth, then he started fighting standing up. Seeing the terrible youth, Rishi Siddhi etc. started encouraging Vishnu to kill Madhu through various sources. He said that despite being in this group, you have many forms, you are the almighty God, the creator and likes, you only follow the gods, pulses and humans etc. You are the place of origin of the Vedas, you increase the strength of the sacrificers, you are the form of time and you are present in the holocaust, and you are the whole universe, sun, moon, water, air, fire etc. You are Brahma and Shiva, you are the creator of many plants, medicines, sky, rivers, mountains, land, stars and all the pastures of the world, there is no one like you. Killed the demon on the spot, then freed Devraj Indra and protected the people from the daughters of Madhu and his companions. This high grep of Narayan is called unhealthy incarnation. The main function of Lord Vishnu is to give 1717 clothes to the deities. Further, O king, the one who gives healthy nation to the deities is also Hari Vishnu. Yagya Purush Purana with weapons weapons, Shri Vishnu appeared in the shape of the most stunning Brahmins named Sagittarius, sword, shield, Trishul Shakti Part 35, Raj Tomar, Khadak, Sun, Soul, Atmosphere, Chakra, Basava, Slaughter, Donkey, the day before yesterday, etc. Indra gave Braj a circle; Vishnu kept the bow and the mace named Mrit in his own arms along with the side and union, then Vishnu also organized the army in the clever courtyard of the second son of the country, in this way, from time to time, to do good to the gods, they are responsible for the annihilation of the asuras. He performs various pastimes for himself and for the good of the earth, therefore that Narayan Shri Vishnu is also called Leeladhar.

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