श्री हरिवंश पुराण कथा

भानुमति का  अपहरण



तब ऐसे बना जी ने कहा एक समय जब श्री कृष्णा अपनी समस्त रानियां बलराम अपनी पत्नी तथा प्रदुमन आदि महावीर आपने अपने पत्नयों के साथ सागर में जल क्रीड़ा तथा आमोद प्रमोद में मांगने थे तब उचित आओ सर जानकर देव शत्रु निकुंभ ने भानु यादव की सुंदर कन्या भानुमती का हरण कर लिया प्रदुमन के पूर्व समय में निकुंभ के भाई वज्रनाभ आ का वध करके उसकी पुत्री प्रभावती का हरण किया था तब निगम ने इस प्रकार अपना प्रतिशोध लिया था भानुमति के रोने की आवाज सुनकर यादों को चेतना हुई श्री कृष्णा अर्जुन को साथ लेकर गरुड़ पर उस ओर ओर भागे तक प्रदुमन को रात भर पीछे जाने को कहा ब्रांच पूर्व में प्रवेश करते होम को पकड़ लिया तब निकुम माया द्वारा तीन शरीर धारण कर कटीले दादा के साथ भानुमति को कहा कि में दबाकर उन तीनों महारथियों से अलग-अलग युद्ध करने लगा है राजन यदि कृष्णा अर्जुन और प्रदुमन तीनों ही उन नेताओं की हत्या करने में सक्षम थे फिर भी भानुमति उसके कब्जे में होने के कारण वे उस पर दिया तक पूर्वक प्रहार नहीं कर रहे थे उस में खुलकर नहीं लड़ रहे थे ना गोष्टी विधि गाजर आदि उसको लपेट लें तब इस प्रकार बाण मारा ना ख़ून सुरक्षित रहे किंतु अजगर आहत हो यह उन लोगों तीनों ने निकम्मा पर बाण चढ़ाया तब निकम्मा भानुमति के साथ माया द्वारा अदृश्य हो गया बहुत खोजने के बाद वह हरित पक्षी का रूप धारण किया हुआ दिखाई देना अर्जुन ने तब मार्ग पर यदि वास्तविक भाड़ उस पर चलाया सबकी भानुमति आहत ना हो तब वहां प्राण रक्षा के लिए सातों दिन वाली पृथ्वी पर इधर उधर भाग में लगाओ निकुंभ का वध हे राजन कृष्णार्जुन ने उसका पीछा ना छोड़ा भागते भागते गोकर्ण पर्वत को बताते हुए गंगा तट पर रेत में गिरा क्योंकि महादेव शिव के तेज द्वारा रक्षित गोकर्ण पर्वत को कोई देवता दानव अथवा मनुष्य नहीं कर सकता था तब सही समय पाते प्रदुमन भानुमति को छुड़ा लिया कृष्ण भगवान झूम खेती के बाहर कर दूंगा और पोस्ट पूर्व में जा घुसा तब कृष्णा और अर्जुन ने पोस्ट पर पहरा देना शुरू कर दिया प्रदुमन भी तब तक भानुमति को द्वारिका छोड़कर वहीं आ गया था वह तीनों वही पहरा देने लगे उस समय के बाद शत्रुओं का ध्यान बांटा हुआ देखकर अदृश्य होकर फस्टबूट से बाहर निकला और अर्जुन तथा प्रदुमन के सिरों पर पीछे से गधा का प्रहार करके उन दोनों को मुर्शीद कर दिया तब श्री कृष्णा सावधान होकर प्रोमोथ की गदा लेखक और असुर से लड़ने लग गए हे राजन इंद्रजीत देवगढ़ भी वहां आकर उस घोर संग्राम को देखने लगे तब उनको शत्रु का बल देखने के लिए श्री कृष्णा निकम्मा के बहू कटक गधा का वार अपने शरीर पर खाकर लीला दिखाते हुए बेहोश हो गए मनुष्य रूप में होने से मानव की मर्यादा को दिखाने तथा दिनों को निगम बाकी शक्ति का आभास करा कर देने के उद्देश्य से ही लीलाधार श्रीकृष्ण ने ऐसा किया वरना श्रीहरि को भला कौन अहित कर सकता है तब चारों ओर हाहाकार मची हुई थी इंद्र की नृत्य लाकर श्री कृष्णा पर चढ़ा दिया तब महान विचित्र लीला दिखाने वाले के साथ बैठे इंद्रा आदि देवताओं को नेतृत्व तथा चिंतित देख कर मुस्कुराते हुए जनाधार ने तब और विलंब करना उचित समझा और सुदर्शन चक्र द्वारा उस माया सुर का वध कर दिया मरने से पहले भी उस माया ने अपने हजारों रूप बनाए और चेतना को प्राप्त हुए अर्जुन का हरण का प्रयास किया किंतु श्री कृष्णा की योग दृष्टि के आगे उसकी एक न चली और अंता वह अपने दूसरे शरीर में अभी कृष्णा के हाथों मारा गया सहदेव से भानुमति का विवाह हे राजन तब नारद जी ने वहां आकर अर्जुन से इस प्रकार का है पार्थ या कन्या भानुमति पूर्ण पवित्र है दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण ही इस कारण हुआ था तब या श्राप मुक्त हो चुकी है अतः आप इस कन्या को अपने छोटे भाई सहयोग के लिए शिवकुमार कर लो और कृष्णा तुम भी जो शादी होती है क्योंकि पांडू पुत्र वीर धार्मिक धार्मिक प्रताप के शस्त्र निष्ठा और न्याय प्रिय है उनके साथिया कन्या शुरू किया सौभाग्य पुत्र तथा वैभव को प्राप्त करेगी तब श्रीकृष्ण ने ऐसा ही किया

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Kidnapping of Pandora

Then Bana ji said like this, once upon a time when Shri Krishna, all his queens, Balram his wife and Praduman etc. Mahavir, you along with your wives wanted to ask for water sports and fun in the sea, then knowing the appropriate sir, Dev enemy Nikumbh, the beautiful daughter of Bhanu Yadav Abducted Bhanumati In earlier times Praduman had killed Nikumbh's brother Vajranabh Aa and abducted his daughter Prabhavati, then Nigam took his revenge in this way Hearing the cry of Bhanumati the memories awakened Shri Krishna taking Arjuna with him Praduman was told to go back all night until he fled on Garuda, caught hold of Homa while entering the east branch, then Nikum Maya took three bodies and asked Bhanumati with the thorny grandfather to fight separately with those three great charioteers. If Krishna, Arjuna and Praduman were able to kill all three of those leaders, yet because of Bhanumati being in her possession, they were not even attacking her, they were not fighting openly in that. Adi wrap it up, then don't shoot the arrow in this way, the blood will be safe. But if the dragon is hurt, all three of them shot arrows at the worthless, then the worthless with Bhanumati disappeared by illusion, after searching a lot, he appeared in the form of a green bird, Arjuna then on the way, if the real hell fired on him. If Bhanumati does not get hurt, then for the sake of saving her life there, apply here and there on the earth for seven days, kill Nikumbh! No god, demon or human could protect Gokarna mountain, then Praduman rescued Bhanumati at the right time, Lord Krishna would make Jhoom out of farming and the post entered the east, then Krishna and Arjuna started guarding the post, Praduman too. By then Bhanumati had left Dwarka and came there, all three started guarding the same, after that time, seeing the attention of the enemies divided, he came out of the fastboot invisibly and hit the heads of Arjuna and Praduman from behind and killed both of them. Diya then Shri Krishna was careful to promote Shri Gada started fighting with writer and Asura, Rajan Indrajit Devgarh also came there and started watching that fierce battle, then to see the power of the enemy, the daughter-in-law of Shri Krishna Nikamma's daughter-in-law, Cuttack, fell unconscious while showing leela by eating donkey's attack on her body. Leeladhar Shri Krishna did this for the purpose of showing the dignity of human being in form and to make the days feel the rest of the power of the corporation, otherwise who can harm Shri Hari, then there was hue and cry all around. Offered it to Krishna, then seeing Indra etc. deities sitting with the great bizarre Leela show leading and worried, smiling Janadhar then thought it appropriate to delay further and killed that Maya Sur with Sudarshan Chakra, even before death that Maya He made thousands of forms and tried to abduct Arjuna who gained consciousness, but he could not stand before the vision of Shri Krishna and finally he was killed by Krishna in his second body. After coming there Arjuna is like this Partha or daughter Bhanumati is full It is sacred because of the curse of sage Durvasa, it was because of this that the curse has been freed, so you make this girl Shivkumar for your younger brother's cooperation and you also marry Krishna, because Pandu's son is the son of heroic religious glory. Weapon loyalty and justice are dear to them, the daughter started good luck, she will get son and wealth, then Shri Krishna did the same.

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