पुण्यक व्रत का वर्णन
जन्मदिन के पूछने पर वैसे पहनाने पूर्णिया के वत के बारे में बताएं एनआर श्रेष्ठ सर्वप्रथम शंकर की प्रिय उपमा द्वारा इस पुण्य व्रत को किया था रुकमणी आदि द्वारा पूछे जाने पर नाराज नेताओं ने अपराध के बारे में उनको जो विस्तार से बताया था वह मैं तुमको संजीवनी में बता रहा हूं यह अत्यंत कल्याणकारी व शुभ रात है उसके विषय में मानव योग से सुनो नारद बोले हे निष्पाप सुंदरी हे देवी अपनी 100 तो सही तीज व्रत के बारे में वह सब सुनो प्रीति जो सोम पुत्री अधूरी थी के पूछने पर उसने बताया था उपमा को इस व्रत का उद्देश्य सरो ज्ञात भगवान शिव ने दिया था जिस स्त्री का सात्विक सदा अखंडित है और धर्म आचरण से युक्त है वहीं इस व्रत को करने की अधिकारी होती है पूर्णिया व्रत पूर्ण का फल देने वाले हैं इसलिए इसको पूर्णांक कहा गया है इस व्रत के लिए स्नान व शौच आदि से शुद्ध होकर पति से प्राप्त करने की आज्ञा लेनी चाहिए तांबे के कमंडल में कुछ हुआ क्षेत्र ग्रहण कर सास-ससुर अथवा घर के बड़े उनके चरणों में प्रणाम करना चाहिए गांव के दाहिने सिंह को धोकर उस जल का अपमान करना चाहिए फिर अपने पति को भी हज मानकर अपने सिर पर उसे सीट खा लेना चाहिए इससे तीनों लोकों में स्थित संपूर्ण तीर्थों के स्नान का फल प्राप्त होता है तंत्र उपरांत पति के चरणों को धोकर उज्जवल को ग्रहण करना चाहिए श्वेत वस्त्र तथा कारों को पहनना चाहिए कपट से रोने से कॉलेज से असत्य से अथवा हसरत से प्राप्त हो जाता है इस व्रत में आंजना कास्ट की दातुन महावर उपदान लगाना गंदी तेल तीर्थ होना बेल्ट गधे बाय सादिक इन निष्कर्ष पशुओं से युक्त वाहन में बैठना तथा नंगे होकर स्नान करना वर्जित है आप अपनी क्षमता अनुसार इसे 13 एक हफ्ता ecma6 अथवा 1 वर्ष तक किया जा सकता है दीर्घावधि के व्रत में साबुन आदि के स्थान पर मिट्टी से शुद्धि करें तथा इस सप्ताह में एक बार आओ ले हारे और बेल फल से युक्त जल से सिरपुर होना चाहिए कीर्तन तथा सत्संग दान प्रज्ञा उपवास एवं स्वाध्याय तीज व्रत में नियमित रूप से करना चाहिए 11वां साध्वी स्त्रियों को बुलाकर उसके पतियों को उनका निष्कर्ष मूल्य देकर खरीदना चाहिए और आचार्य को शांत करें बाद में आचार्य को इसका निष्कर्ष मूल्य देकर पुनः खरीदें और उसके पतियों को वापस लौटा दे स्नानादि के बाद अपने पति को अपने हाथ से काटे गए भूत का वस्त्र पहनाने को दें यदि ऐसा हुआ तो उपलब्ध ना हो तो उसे नवीन श्वेत वस्त्र पहनकर पत्र में अपने हाथ से कहता सूट बांध लेना चाहिए अथवा अपने हाथ का पीला या पढ़ा हुआ वस्त्र पहने को देना चाहिए ऐसा करने से पति आपके प्रेम के पास में रहता है तथा ऐसा करने से पत्नी द्वारा रखे गए व्रत का आधा खून पति को मिल जाता है व्रत के अंत में शिव पार्वती की पूजा करें उसकी नामांक मधु या स्वर्ण की प्रतिमाएं दान देना चाहिए पूजा में दही दूध घी विश्वा के पुष्प का उपयोग करना चाहिए तिलका पात्रा कपिला गाय तथा कृष्णा ब्रिक शर्मा भी अवश्य ही दान में देना चाहिए शीशा मोर के पंख आसन आदि भी दान में दिए जा सकते हैं इस व्रत में सभी जीत पदार्थों की प्राप्ति होती है तथा सभी मनोकामना पूर्ण होते हैं इस्त्री अपने शब्दों में अनुकरणीय सौभाग्यवती व सुंदर रूप वाली हो जाती है धन संपदा वैभव ऐश्वर्य तथा सुख की प्राप्ति होती है घर में सुख शांति व कल्याण होता है पति उसके पास में रहता है अथवा आप पुत्री व्रत स्त्री को पुत्र की प्राप्ति होती है व्रत के समापन में शुद्ध हिर्दय वाले ब्राह्मण को खीर अवश्य खिलानी चाहिए तथा इच्छा अनुसार दक्षिण व अन्य दान करना चाहिए दिल घबराता तो शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को व्रत की समाप्ति करना अति सुख व प्रभावशाली होती है इस प्रकार उपमा में अनुत्तरित को पूर्णांक व्रत के बारे में बताएं ने के पश्चात पश्चात स्त्रियों की उपयोगी तथा फलदयक आनिया भी कई श्रेष्ठ रातों के विधान बताए थे मैंने तुम्हें पूर्णिया व्रत का विधान बताता है जैसा कि नारद जी ने रुक्मणी तथा कृष्णा की शेष पत्नियों से कहा था अब और जो जानना चाहते हो वह कहो वैश्य पहनाने राजा जन्म जैसे कहा तब जन्म जाने पास्ट पूर्व के देशों के कृष्ण द्वारा वध के बारे में जानना चाहा क्योंकि पूर्णिया व्रत के वर्णन में वह बात बीच में ही रह गई थी तब वैश्य बनाने पर स्टंट पुर के राक्षसों का कृष्ण द्वारा संघार करने की कथा सुनाई विष्णु पर्व का पूर्वार्ध समाप्त
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Description of Punyak Vrat
NR Shrestha was the first to perform this holy fast by Shankar's beloved Upma. On being asked by Rukmini etc., the angry leaders told them in detail about the crime, I am your sanjeevani. I am telling you that it is a very auspicious and auspicious night, listen to Manav Yoga about it, Narad said, O sinless beauty, O Goddess, listen to all that about Teej fast; The purpose of this fast was given by Lord Shiva, known to everyone. The woman whose Satvik is always unbroken and religious conduct, she has the right to observe this fast. After being purified from bath and defecation etc. permission should be taken from the husband to take some water in a copper kamandal and bow down at the feet of mother-in-law and father-in-law or elders of the house and insult the water by washing the right lion of the village. If you want, consider your husband as Hajj and eat him on your head. One should get the result of bathing in all the pilgrimages located in the three worlds. In this fast, applying Datun Mahavar donation of Anjana cast, dirty oil pilgrimage, belt donkey by Sadiq, these conclusions Sitting in a vehicle containing animals and bathing naked is prohibited, according to your ability, it can be done for 13 weeks, ecma6 or for 1 year. In long-term fasting, do purification with soil instead of soap etc. and once in this week, you should drink water containing Aao Le Hare and Bael fruit, Kirtan and satsang, charity, Pragya fasting and self-study should be done regularly during Teej fast. 11th Sadhvi Women should be called and their husbands should be bought by giving their conclusion value and pacify the Acharya, later buy the Acharya again by giving its conclusion value and return it to their husbands. give if so If it is not available, then he should wear a new white cloth and tie a suit on his hand in the letter or wear a yellow or read cloth of his hand and give it to the husband. Half of the blood of the fast kept by the husband gets it. At the end of the fast, worship Shiva and Parvati. Her namesake should donate honey or gold idols. Sharma must also be donated, glass, peacock feathers, etc. can also be donated. In this fast, all the winning substances are obtained and all wishes are fulfilled. There is wealth, prosperity, opulence and happiness, there is happiness, peace and well-being in the house, the husband stays with her or you daughter fast, the woman is blessed with a son. South and other donations should be done according to So ending the fast on the Navami Tithi of Shukla Paksha is very pleasant and effective. In this way, after telling the unanswered about the integer fast, I had also told you the rituals of many best nights, useful and fruitful for women. The law of fasting tells as Narad ji told Rukmani and Krishna's remaining wives, now tell me what else you want to know. In the description of Purniya Vrat, that point was left in the middle, then the story of Krishna killing the demons of Stuntpur to make Vaishya was told. The first half of Vishnu festival is over.
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