शेष अवतार बलराम जी के चरित्र
सबवे सर्फर मा जी ने कहा पृथ्वी को अपने 1015 पर धारण करने वाले शेषनाग के अवतार बलराम महावीर या और महा बलवान थे बचपन में उन्होंने प्रबल असुर का एक ही मुक्के में सिर्फ छोड़कर वध कर दिया था गत भाव रसूल को उसके साथियों सहित पर पकड़ कर घुमा कर तमाल वृक्ष पर पटक दिया था वह सब तुमसे पहले ही कह चुका हूं गदा युद्ध के पुराणों तथा इतिहास में दो ही प्रखंड आचार्य का वर्णन द्वापर युग में मिलता है उसमें एक था महाबली जरासंध तथा दूसरा बलराम तथा पिज्जा राशन को पराजित करने पर आकाशवाणी के आदेश अनसार उन्होंने जरा संघ को जीवनदान दे दिया था क्योंकि जरासंध की मृत्यु भीष्म के हाथों निश्चित थी महा बलशाली और शक्तिशाली भीष्म के अभिमान को परस्पर मालखेड़ा के समय खेले खेल में ही बलराम ने तोड़ दिया था जरा संघ के समस्त अनुयायियों को बलराम ने युद्ध में जीत लिया था वारिणी क्रांति तथा रेवती आदि सुंदरियां उनको अपने पराक्रम के कारण ही प्राप्त हुए थे यमुना में स्नान की इच्छा होने पर मदिरा के नशे में होने के कारण उन्होंने हल्की नोट द्वारा यमुना को ही वृंदावन में खींच लिया था मदिरा और वृत्त का उसको बहुत शौक था गणित क्रीड़ा में रुकने के वक्त का प्रसंग मैंने अभी तुमसे कहा है काम से अत्यंत बलवान माल मुस्तिका को उन्होंने हवा में घुमाकर भूमि पर पटक दिया था हस्तिनापुर को हल से उखाड़ना हे राजन् कृष्णा का पुत्र सोमवार को जामवंती से पैदा हुआ था दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा को हरण करने के लिए अकेले ही हस्तिनापुर चला गया था खाने के बाद भी वह दुर्योधन कांड द्रोण भीष्मा अश्वत्थामा कृत जयद्रथ दुशासन आदि महारथियों के बीच अकेले फस जाने के कारण पकड़ लिया गया था तब कृष्णा सामान को छुड़ाने के लिए हस्तिनापुर पर आक्रमण करने को जाने लगे तो बलराम उन्हें रोककर अकेले ही समर को छुड़ाने हस्तिनापुर गए थे दुर्योधन उसका प्रिय शिष्य था अतः वह व्यर्थ का रक्तपत नहीं चाहते थे किंतु हस्तिनापुर में उस में जब उनका अपमान किया जाने लगा तो उन्होंने क्रोधित होकर अपने हाल को ब्रह्मा मंत्र से अभिमंत्रित किया और हस्तिनापुर की चारदीवारी को न्यू में हाल डालकर उसे उखाड़कर गंगा में उलट देने लगा तब भेजना द्रोण आदि बुजुर्ग ने अनुरोध व बीच-बचाव करने पर वह शांत हो गए भयभीत होकर दुर्योधन ने उसे क्षमा मांगी और संघर्ष सांबा के साथ अपनी पुत्री लक्ष्मणा का विवाह कर उन्हें विदा कर दिया
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The remaining incarnations of Balram ji's character
Subway surfer Ma ji said that Balram, the incarnation of Sheshnag, who held the earth on his 1015, was Mahavir or very strong. In childhood, he had killed the dominant Asura in a single punch, leaving behind and killing Rasool along with his companions. I have already told you that I have already told you all that in the Puranas and History of mace war, only two Block Acharyas are described in Dwapar Yuga, one was Mahabali Jarasandha and the other was Akashvani on defeating Balram and Pizza Ration. According to the orders of Jarasandha, he had given life to Jarasandh because Jarasandha's death was certain at the hands of Bhishma. Balaram broke the pride of the great and powerful Bhishma in a game played at the time of Malkheda. He had won Varini Kranti and Revati etc. beauties because of his bravery. was very fond of playing maths I have just told you the context of the time to stop. He had thrown the extremely powerful Mal-mustika in the air to the ground. He had gone alone to Hastinapur for food, even after eating he was caught due to being stuck alone among the Maharathis like Duryodhana Kand, Drona, Bhishma, Ashwatthama, Jayadratha, Dushasan, etc. When Krishna started going to attack Hastinapur to get rid of the goods, Balram By stopping them, Duryodhana had gone to Hastinapur alone to save Samar, he was his favorite disciple, so he did not want bloodshed in vain, but when he was insulted in Hastinapur, he got angry and invoked his condition with Brahma mantra and the boundary wall of Hastinapur After putting Ko in new condition, uprooting it and turning it into the Ganga, then Drona etc. elders calm down after requesting and intervening. Duryodhana, in fear, apologized to him and married his daughter Lakshmana with Sangharsh Samba. and sent them off
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