काली नाग मंथन
एक और हो वृंदा में कुछ नींद गाय चराते हुए आनंद से बेदी थोड़े ही दिन वाला बालकों के साथ खेलते हुए अगेन यमुना में गिर जाने पर श्री कृष्ण यमुना में उसी स्थान पर कपड़े जहां बहुत भयंकर पांच मुख वाले काली नाग का वास था वह काली आंखों को लाल कर मुंह से आग और जहर उगलता हुआ श्रीकृष्ण की बोर लगता कृष्णा तो वह होते ही प्रजा को उसके आतंक से मुक्त दिलाने के लिए थे काली का जहर यमुना के पवित्र जल को प्रदूषित करता था इसलिए कृष्णा ने काली मर्दन योजना बनाई थी उन्होंने मुख्य मार-मार कर काली को लहूलुहान कर दिया और उसकी रस्सी से उसे नाथ कर उसके सिर पर नृत्य करने लगे यह देखकर कृष्णा के अनिष्ट की आशंका से रोते चिल्लाते को प्रॉब्लम भागवताचार्य नेतृत्व क्षमता हुई तब का लीवर उसकी पत्नी द्वारा क्षमा मांगने पर कृष्णा ने काली से सपरिवार यमुना नदी को छोड़ देने का वचन दिया और उसे छोड़ दिया साथ ही वहां ने कहा कि उनके काली करने से काली के सिर पर अंकित हुए गाय कृष्णा के पद चिन्हों के कारण नगर से भी नहीं होगा उन तीनों को पहचान कर उन्हें सदा आभारी दिया करेगा वानर गरुड़ सांपों का परम शत्रु है
धेनुकसूर का वध
इसी तरह एक दिन कृष्णा बलराम के साथ गोवर्धन पर्वत चले गए वहां पर तालिबान में रहने वाली भयानक इन दिनों का सूट में बल पर आक्रमण कर दिया नहीं नुपासु गधे के रूप में आया हुआ था किंतु महा बलशाली बलराम ने उसको पैरों से पकड़कर हवा में घुमाया और इतनी जोर से पटका किन्नरों का सूट की सभी हड्डियां चूर चूर हो गई बाद में बलराम ने उसके धनुका उसके अनुवाई अन्य आशूर गंधर्व को भी इस प्रकार पटक-पटक कर मार दिया
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black snake churning
Another ho some sleep in Vrinda Cows grazing with joy Bedi playing with children for a few days Again after falling in Yamuna Shri Krishna clothed in Yamuna at the same place where the very fierce five faced black snake resided with black eyes Spewing fire and poison from the mouth of Lord Krishna, Krishna was bored as soon as he was there, he was there to free the people from his terror. Kali was beaten to death and began to dance on her head by tying her with a rope; The family promised to leave the Yamuna river with the family and left it, as well as said that because of the footprints of the cow Krishna marked on the head of Kali, the city would not be able to identify those three and be eternally grateful to them. Diya Karega Vanar Garuda is the ultimate enemy of snakes
slaying of dhenuksur
Similarly, one day Krishna went to Govardhan Parvat with Balram, where the terrible in the suit of these days, Nupasu came in the form of a donkey and attacked him, but the great strong Balram caught him by the legs and made him spin in the air. And it slammed so hard that all the bones of the suit of the eunuchs were shattered. Later, Balram killed his Dhanuka, his follower and other Ashura Gandharva by smashing them like this.
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