श्री हरिवंश पुराण कथा

यमला अर्जुन का उद्धार



हे महाराज प्रणाम जय जय श्री कृष्णा बहुत बड़े हुए हैं और घुटनों के बल चलने लगे तो श्री कृष्णा ने सफलता और नटखट से तंग आकर यशोदा ने एक बार उन्हें एक पोखरी में बांध दिया उधर का धाम रस्सी बांधी जाने से कृष्णा का एक नाम दामोदर भी हुआ श्री कृष्णा यशोदा के नाम पर लगते ही वो खली को खींचते हुए बाहर आंगन में निकल आए वाह यमल हुआ अर्जुन नामक दो जुड़वा ब्रिज साथ-साथ यू गए हुए थे वास्तव में शराब ग्रस्त व्यक्ति श्री कृष्णा उन देशों के बीच में से उस पार निकल गए किंतु वह खड़ी दूसरी ओर आ रही गई तब श्रीकृष्ण द्वारा थोड़ा सा जोर लगाने पर वह दोनों वृक्ष उखड़ गए बाद में ही सब अफसर बनो निगाहों से भयभीत होकर नाम बाबा युवराज छोड़कर कहीं और चले जाने के बारे में सोचने लगे

वृंदावन को प्रस्थान हे राम श्री कृष्णा और बलराम ने भी सोचा कि ब्रज की गायों के लिए भरी भरी घास आदि उचित मात्रा में शेष नहीं रहेगा यह इश्क वालों का धंधा कुछ ऐसा किया जाए कि जिसके नाथ जी अपने समस्त राजा हुआ वह गांव सहित प्राची को छोड़कर किसी और के स्थान पर चले जाएं जहां सहयोग के लिए घास आदि प्रचुर मात्रा में प्राप्त हो सके ऐसा सोचकर कृष्णा ने अपने माया द्वारा अपने शरीर से हजारों बड़े आकार वाले मीडिया प्रगट की उन्होंने राज्य में उत्पात मचाना शुरू कर दिया है उससे भयभीत होकर आपस में पढ़ने के बाद नंद जी ने सभी ग्रुपों के साथ ब्रज छोड़कर वृंदावन की और प्रस्थान किया

TRANSLATE IN ENGLISH 

Yamla Arjun's salvation

Hey Maharaj Pranam Jai Jai Shri Krishna has grown up a lot and started walking on his knees, then Shri Krishna, fed up with success and mischievousness, Yashoda once tied him in a pond. As soon as he heard the name of Shri Krishna Yashoda, he came out in the courtyard pulling the Khali. Wow Yamal Hua two twin bridges named Arjuna went side by side. In fact, Shri Krishna, a drunken man, passed through those countries. They went but she kept coming to the other side, then both the trees were uprooted when Shri Krishna exerted a little force, only later all become officers, scared of the eyes, they started thinking of leaving the name Baba Yuvraj and going somewhere else.

Ram, Shri Krishna and Balram also thought that there would not be enough grass left for the cows of Braj, this business of lovers should be done in such a way that the one whose Nathji became the king of all, Prachi along with the village. Leaving and going to someone else's place where grass etc. can be obtained in abundance for cooperation, Krishna revealed thousands of mediums bigger than his body through his illusion. They started creating mischief in the state. After studying in I, Nand ji left Braj with all the groups and left for Vrindavan.

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