श्री हरिवंश पुराण कथा

कालनेमि युद्ध  व वध



 हे राजन तब देतयो की पराजय की खबर से महा पराक्रमी कालनेमि नामक दैत्य अधिक रूद्र हुआ वाह राव ज़ीरो तथा उतनी ही भुजाओं वाला मद्रासन पर्वत की भांति अति विशाल काया दैत्य था धूम वन की दाढ़ी मूछें लाल रंग की आंखें और हरे रंग के नाथ उससे और भी भयंकर बना देते थे उसकी छोड़ी हुई सांसे बादल छिन्न-भिन्न हो जाते थे तथा उनकी पदचाप से भूकंप पैदा होते थे उस महाशुर माय दानव सहित अन्य दानों को संगठित कर पुनः देवताओं पर पुनः आक्रमण कर दिया तब तो उत्साहित होकर तार वायार हाई ग्रीप विपरीत का पुत्र सुरेश खर रामबली पुत्र अष्टापुर आदि बहुत से प्रक्रम एक दैत्य भी भयंकर उनके साथ मिल गए इंद्र ने यम कुबेर अग्नि वरुण वाया आदि देव के साथ उसका सम्मान किया किंतु कालनेमि के अद्भुत शौर्य के कारण उनको पराजित होना पड़ा काल ने भी ने लोकपाल हुआ देवताओं को बंदी बनाकर अपना दास बना लिया किंतु वेद धर्म सत्य क्षमा तथा लक्ष्मीनारायण A5 काल नेवी के अधिकार में नहीं आए थे अतः भारी विजय और दान द्वारा किए जाने वाले उच्च जयघोष से भी का हाल नेमी तृप्त नहीं हुआ था हे राजन तब घर में सूर्य और हनुमत से मतवाला होकर वहां महाशुर भगवान विष्णु के पास गया विभिन्न अपशब्दों तथा धमकियों द्वारा उनको लाल करने लगा विष्णु भगवान धैर्य ना होकर मुस्कुराते हुए बोले अभिमान सदैव नष्ट करने वाला होता है वीर व्यक्ति सदा शक्ति और गुस्से पर नियंत्रण रखते हैं वाणी से तो स्त्रियां युद्ध करती हैं पुरुष कर्म द्वारा युद्ध करते थे अतः अभिमान मत करो वरना तुम्हारा सर्वनाश निश्चित है कालनेमि यह सुनकर और भी क्रोधित होकर विष्णु पर टूट पड़ा उसने अपनी भयंकर गधा सिंह अरुण सिर पर वार किया जिससे चकरा करवा महाशक्तिशाली पक्षीराज गरुड़ भूमि पर गिर पड़े तब भगवान विष्णु ने क्रोधित होकर अपने अजय सुदर्शन चक्र द्वारा कालनेमि का सिर उसके धड़ से अलग कर दिया तब सभी देवताओं और असुरों आदि ने विष्णु की जय जयकार कि इस प्रकार अवतार लिए बिना दे भगवान बहुत बार अवसर आने पर दुष्टों का विनाश और सज्जनों की रक्षा कर धर्म की स्थापना का कार्य करते रहते हैं

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Kalnemi war and massacre

  O king, then the great-powerful Kalnemi, the demon named Vah Rao Zero, and with the same number of arms as the Madrasan mountain, was a huge-bodied demon, with the beard of Dhoom Vana, the beard of the forest, the moustache, the eyes of red color and the nath of green color. His exhaled breath used to disintegrate the clouds and his footsteps used to create earthquakes. That Mahashur, my demon, organized other demons and attacked the gods again. Son of Suresh Khar, son of Rambali, Ashtapur, etc. Many processes, a fierce demon also joined him. He captured the gods and made them his slaves, but the Vedas, Dharma, Satya Kshama and Lakshminarayan A5 Kaal had not come under the control of the Navy, therefore, the situation was not always satisfied, O king, then the sun in the house And being intoxicated by Hanumat, Mahashur Lord Vishnu Lord Vishnu went near and started making them red by various abuses and threats. Don't be proud, otherwise your apocalypse is certain. Kalnemi became even more angry after hearing this and broke down on Vishnu. Kaalnemi's head was severed from his torso, then all the deities and asuras etc. hailed Vishnu that without incarnating in this way, God keeps on establishing religion by destroying the wicked and protecting the gentlemen many times when the opportunity arises.

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