श्री हरिवंश पुराण कथा

विष्णु के अवतार रूप में संग्राम



हे राजा हुए सौरव सामर्थ विष्णु अव्यक्त होते हुए भी शरीर धारी हैं वह नारायण होते हुए भी अंतरात्मा है अर्थात स्वयं ही सृष्टि कर जीव भाव को स्वयं ही प्राप्त होते हैं और स्वयं ही उसका हरण भी करते हैं अतः हुए हरि हैं उन्हीं के विभिन्न रूपों से यह जगत बहू रूप हो गया है मैं तुमसे उनकी कीर्ति का वर्णन करता हूं ध्यान से सुनो

देवासुर संग्राम अमृता सूर की हत्या के बाद प्रीति युग में तार का मियां नामक महा संग्राम हुआ था उस देव दानव संग्राम में जब सूर्य और चंद्रमा अधिग्रहण लुप्त हो गए आकाश विद्युत गर्जना बाबा दाल की गड़गड़ाहट से भर गया और पृथ्वी भयानक भूकंप से पीड़ित होने लगी गरुड़ध्वज विष्णु ने देवों को अपने दर्शन दिए जिस से प्रेरित होकर देवगढ़ दुगुने उत्साह से युद्ध के लिए चले पड़े इससे पूर्व अध्यक्षों के तमा शास्त्रों तथा माया के कारण देवता पराजय हुआ आतंक को प्राप्त हो रहे थे किंतु विष्णु दर्शन से उत्साहित देवगढ़ ओके सूर्य में वृद्धि हो जाने पर राक्षसों में भारी भय व्याप्त होने लगा इंद्र ने राज्य द्वारा तमाशा अस्त्रों से पैदा हुए अंधेरे को दूर किया वरुण हुआ चंद्र ने भारी जल वर्षा तथा हिमपात द्वारा मायावी अग्नि को शांत कर डाला राक्षसों की यह दुर्दशा देखकर माय दानव ने अपने पुत्र कोच द्वारा बनाए गए पर्वत अस्त्र का प्रयोग किया जिससे देवताओं पर भारी सिलाव प्रश्नों तथा बड़े-बड़े वृक्षों की वर्षा होने लगी तब देवगढ़ भयभीत हो उठे या देखकर विष्णु ने व युवा वाहिनी द्वारा उसी राक्षसी माया को खत्म कर दिया अंततः दानव पराजित हुए और धर्म की रक्षा हुई तथा देवता विजय हुए तब चारों और विष्णु की जय जयकार होने लगी अज्ञान रूपी अंधकार दूर हो गया

TRANSLATE IN ENGLISH 

Sangram as an incarnation of Vishnu

O king, Saurav Samarth Vishnu, despite being unmanifested, has a body, yet being Narayan, he is the inner soul, that is, by creating himself, he himself attains the soul and also abducts it; This world has become many forms, I describe his fame to you, listen carefully

Devasur Sangram After the murder of Amrita Sur, there was a great war called Tar Ka Miyan in Preeti Yuga. In that Dev-Danav Sangram, when the Sun and the Moon lost possession, the sky was filled with the thunder of Baba Dal, the thunder of lightning and the earth began to suffer from terrible earthquakes. Garudhwaj Vishnu gave his darshan to the gods, inspired by which Devgarh went to war with double enthusiasm. Before this, due to Tama Shastras and Maya of the presidents, the deities were defeated. Terror was being received, but Devgarh, excited by Vishnu's darshan, increased in the sun. When this happened, great fear spread among the demons. Indra dispelled the darkness created by the spectacle weapons by the kingdom. The moon became Varuna and pacified the illusory fire with heavy rain and snow. Used the mountain weapon made by Vishnu, which started raining heavy questions and big trees on the gods, then Devgarh got scared or seeing this, Vishnu and Yuva Vahini destroyed the same demonic illusion, finally the demon Para Victory was won and Dharma was protected and the Gods were victorious, then there was chanting of Vishnu all around, the darkness of ignorance was dispelled.

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