श्री हरिवंश पुराण कथा

भगवान विष्णु का परशुराम का अवतार



जमदग्नि ऋषि के पुत्र के रूप में भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार लिया करती वीरवार जून से अहंकारी होकर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने पर परशुराम ने उसकी सारी भुजाओं को काट दिया छतरी जो निर्गुण अभिमानी तथा शक्ति के नशे में चूर होकर ब्राह्मणों तथा संतों का अनादर करने लगे थे ऋषि यों को लज्जित करने लगे थे तब प्रजा पर अत्याचार करने लगे थे उसका वध कर परशुराम ने एक किस भार पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन किया अश्वमेध यज्ञ कर संपूर्ण पृथ्वी को जीता और कश्यप को दान कर दिया तथा स्वयं महेंद्र पर्वत पर तपस्या करने के लिए चले गए क्योंकि अवतार लेने का मुख्य उद्देश्य पूरा हो चुका था रामचंद्र के अवतार के बाद उसका सारा मनोरथ पूर्ण हो गया था

सातवां वान विष्णु का रामचंद्र अवतार

महा तेजस्वी महा प्रक्रम में त्रिलोक विजय महा विद्वान रावण जब अहंकारी हो गया और देवताओं ऋषि यों तथा संपूर्ण प्रजा को भयभीत करने लगा रावण को उसके पुल सहित नष्ट करने अन्य ताड़का मारी जीत का मंदा आदि राक्षसों से रिसीव की रक्षा करने के लिए तथा प्रजा में मर्यादाओं और आदर्शों की स्थापना करने के उद्देश्य से शेषनाग शंख चक्र लक्ष्मण भरत व शत्रुघ्न सहित भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया तब अयोध्या नगरी पर 11000 वर्ष तक उन्होंने आदर्श राजकीय हे राजन इस अवतार के विषय में प्रयास सभी भली-भांति जानते हैं अतः इससे अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है उसकी संपूर्ण लीलाओं के वर्णन के लिए तो एक अन्य ग्रंथ आवश्यक होगा

भगवान विष्णु का कृष्णा अवतार

द्वापर युग में वासुदेव तथा देवकी के पुत्र के रूप में कृष्ण अवतार लेकर भगवान विष्णु ने कर्मयोग का प्रचार प्रसार किया तथा कंस पूतना बकासुर केसी वाली पीढ़ियां चारों मुट्ठी वाडा सूचना कृष्ण शिशुपाल कली अरिष्ट में धूल पहलवान आदि देशों तथा दूसरी स्त्रियों की हत्या कर दी तथा शेष दुष्ट क्षत्रियों को अर्जुन के हाथों मरवा दिया योग और वह दोनों ही के आदर्श प्रजा के सामने रखे गए तथा धर्म की स्थापना की इस अवतार में शेष अवतार रूप में बलराम भी उसके सहयोगी बने

TRANSLATE IN ENGLISH 

Parshuram incarnation of Lord Vishnu

Lord Vishnu incarnated as Parshuram as the son of Rishi Jamadagni, who used to abuse his power by being arrogant since Thursday, Parshuram cut off all his arms. By killing the sages, they started torturing the people, Parshuram made the earth devoid of Kshatriyas, won the whole earth by performing Ashwamedha Yagya and donated it to Kashyap and himself did penance on Mahendra mountain. Because the main purpose of taking the incarnation was fulfilled. After the incarnation of Ramchandra, all his wishes were fulfilled.

Ramachandra Avatar of the Seventh Van Vishnu

Trilok victory in Maha Tejasvi Maha Prakram, when Ravana, the great scholar, became arrogant and began to frighten the deities, sages and the entire people, to destroy Ravana along with his bridge, to protect the receiver from the demons etc. For the purpose of establishing norms and ideals, Lord Vishnu incarnated Rama along with Sheshnag, Shankh Chakra, Lakshman, Bharat and Shatrughan, then he ruled the city of Ayodhya for 11000 years. There is no need to say more, then another book will be necessary to describe his complete pastimes.

Krishna Avatar of Lord Vishnu

In the Dwapar Yuga, Lord Vishnu took the incarnation of Krishna as the son of Vasudev and Devaki and spread the propaganda of Karmayoga and killed all the four generations like Kansa, Putna, Bakasur, etc. and other women. Yoga got the rest of the evil Kshatriyas killed by Arjuna and both of them were placed in front of the ideal subjects and in this incarnation of establishing religion, Balram also became his ally in the form of the rest of the incarnations.

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