श्री हरिवंश पुराण कथा

भगवान विष्णु के 12 अवतारों का वर्णन



वैसे पाना जी ने इस प्रकार का है यह राजन आपने यह अत्यंत गंभीर प्रश्न किया है कि मैं सामर्थ्य अनुसार श्री विष्णु की गाथा तथा उनके अवतारों के बारे में मैं आपसे संक्षिप्त में कहूंगा वैसे तो श्री विष्णु सहस्त्र प्रकार से होता ले चुके हैं और आगे भी लेंगे किंतु मैं उनके प्रमुख अवतारों का वर्णन करूंगा अवतार लेने का कारण उद्देश्य तथा अवतार लेने के बाद किए गए कर्मों के बारे में संछिप्त रुप से बताऊंगा आप एकाग्र चित्त होकर सुनने जब जब भी धर्म की हानि होती है तब तक हम धर्म की पूरा स्थापना के उद्देश्य से साधुओं की रक्षा एवं दोस्तों का विनाश हेतु संपूर्ण जगत के पालन करता विश्व पृथ्वी पर जन्म लेते हैं

एक पुष्कर का अवतार

विष्णु भगवान की एक मूर्ति साकेत लोक में सदा ताप में लीन रहती है दूसरी अवसर आने पर अवतार लेते हैं यह दूसरी मूर्ति सृष्टि पालन हुआ संघार के बाद योग निंद्रा से छीर सागर में शयन करती है फिर पहले की अवधि समाप्त होने पर पुनः सृष्टि करती है तब ब्रह्मा लोकपाल सूर्य चंद्र रागनी सप्त ऋषि आदि उन्हीं के तेजस्वी शरीर से प्रगट होते हैं प्रलय काल में नष्ट हो चुके देते सर्प राक्षस आदि भी गुनाहों प्रगट होते हैं मधु और केमठ राक्षस पुणे युद्ध कामना करते हैं तब विष्णु उसकी हत्या कर उन्हें मोक्ष देते हैं सागर में सोते समय उनकी नाभि प्रकट हुए कमल पुष्कर से देवता सर्व आदि पैदा होते हैं वह समय वह भगवान विष्णु का पुष्कर नाम का पहला अवतार कहा जाता है ऐसी स्थितियों में कहा गया है

दूसरा 12 अवतार

पृथ्वी के हर अस्पताल में चले जाने पर पृथ्वी संपूर्ण जलमग्न हो गई थी तब पृथ्वी का उद्धार कर उसे अस्पताल से बाहर लाने के लिए भगवान विष्णु ने 12 का उद्धार धारण किया था आपने दातों नाथून तथा कपकपी द्वारा उन्होंने पृथ्वी को रसातल से बाहर निकाला था उस समय भगवान 12 इस प्रकार सुशोभित हुए कि उनके चारों पैर चारों वेद उनके दांत याग उनकी जीत अग्नि उनके रूम नेत्र दिवस और पलकों का झपकना रात्रि कान वेदा मंत्र स्तुति नासिका घृतम् तथा मुंह इस तरह के सामान रात हुआ उनका कांट स्वर्ग ही मानो सामांगन था वह पूर्ण यज्ञ में थे वह 12 अवतार आदि ने दिया है

TRANSLATE IN ENGLISH 
Description of the 12 Avatars of Lord Vishnu

By the way, Pana ji is like this Rajan, you have asked this very serious question that according to my ability, I will tell you in brief about the saga of Shri Vishnu and his incarnations, although Shri Vishnu has taken 1000 forms and will continue to do so. But I will describe his main incarnations, the purpose of incarnation and the deeds done after incarnation. For the purpose of protection of sages and destruction of friends, the world takes birth on earth following the whole world.

avatar of a pushkar

One idol of Lord Vishnu is always engrossed in heat in Saket Lok, when the second opportunity comes, this second idol incarnates; Then Brahma Lokpal Surya, Chandra, Ragni, Sapta Rishi etc. appear from his body. While sleeping in the ocean, the lotus that emerged from his navel, Pushkar, gave rise to the deities Sarva etc. At that time he is said to be the first incarnation of Lord Vishnu named Pushkar.

second 12 incarnation

When the earth went to every hospital, the earth was completely submerged, then to save the earth and bring it out of the hospital, Lord Vishnu took 12 lives. Time Lord 12 was adorned in such a way that his four legs, four Vedas, his teeth, sacrifice, his victory, fire, eye, day, and blinking of the eyelids, night, ear, Veda mantra, praise, nasika ghritam, and mouth like this night, his thorns were like heaven. Those 12 incarnations etc. were given in full Yagya.

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