श्री हरिवंश पुराण कथा

श्याम मन तक मणि का हरण



हे महाराज श्याम मन तक मणि पराग रूरकी भी दृष्टि थी उसे सत्य दुआ द्वारा सत्रजीत का वध कर स्यमंतक मणि छीन ली और सत्य द्वाने से वचन ले लिया कि वह गुरु के पास माली के होने का भेद नहीं खोलेगा ससुर की हत्या तथा स्यमंतक मणि की चोरी हो जाने की बात से श्री कृष्ण बलराम आदि यादों के साथ सत्य वृत्त पर चढ़ दौड़े सत्यवीर युद्ध में पराजित होकर भाग निकला किंतु कृष्णा ने उसका पीछा कर उसका वध कर दिया स्यमंतक मणि तो अक्रूर के पास थी अतः सत्य दूध का वध करने पर भी मणि नहीं मिली कृष्णा ने वापस आकर मणि ना मिलने की बात बलराम से कहीं बलराम ने सोचा कि कृष्णा ने सत्य दुआ से मणि को छीन लिया है किंतु अब वह लोग वह झूठ बोल रहा है लता बलराम रूठ कर मिथिला नगरी की और चले गए वही दुर्योधन न्यूज़ से गदा युद्ध की शिक्षा ली है गुरु माई के प्रताप से धन लेकर 60 वर्षों दान दक्षिणा देकर ब्राह्मणों को प्रसन्न करते रहे तब तक बलराम मिथिला नगरी में ही रहे यज्ञ हेतु धन कहां से आ रहा है कृष्ण द्वारा अक्रूर पर आयश संदेह होने पर आक्रोश द्वारिका से भाग निकले तब श्याम मन तक मणि के चले जाने के कारण 9 वर्षों तक द्वारिका में वर्षा नहीं हुई आखिर अक्रूर को मना कर वापस लाया गया तब जाकर द्वारिका में वर्षा हुई कृष्ण ने जब योग बल से जान लिया कि मणि वास्तव में का गुरूर के ही पास है तो कृष्णा ने महासभा के सामने अक्रूर को भयभीत कर के उसे मणि ले ली बाद में पुनः उसी को परखने के लिए दे दिया इस प्रकार कृष्णा ने प्रमाणित कर दिया की मणि उसके पास नहीं थी ना ही मणिका उन्हें लालसा है तब सभी यादव बलराम को मना करो वापस द्वारिका नगरी ले आए बलराम भी अपना भ्रम दूर हो जाने के कारण वापस लौट आए श्याम अंतक मणि का यह प्रसंग सुनने वालों को कृत प्रदान करने वाला है तब जन्म जय ने कहा कि प्रभु श्री कृष्ण के वर्णन को सुनकर मेरे मन में विष्णु भगवान के अवतारों के बारे में जानने की तीव्र इच्छा हो रही है कृपया भगवान विष्णु के सभी अवतार का भी मुझसे वर्णन कीजिए तथा उसकी महानता कर्मों को मुझसे कहे

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The abduction of the gem till the dark mind

Hey Maharaj, Shyam Man Tak Mani Parag Rur had a vision, he killed Satrajit and snatched the Syamantaka gem by Satya Dua and took a promise from Satya Dua that he would not reveal the secret of being a gardener to the Guru. Murder of father-in-law and theft of Syamantaka Mani Satyaveer ran away after being defeated in the war but Krishna chased him and killed him. Didn't get Krishna told Balram about not getting the gem after coming back Balram thought that Krishna had snatched the gem from Satya Dua but now he is lying Having learned mace war from Guru Mai's majesty, he pleased the brahmins by donating dakshina for 60 years. Dwarka did not rain for 9 years due to the departure of Mani to Shyam Mana. However, Akrura was brought back after refusing, then it rained in Dwarka. When Krishna came to know by yoga force that the gem was actually with Gurur, Krishna frightened Akrura in front of the Mahasabha and took the gem from him, later again. Gave it to him to test, thus Krishna proved that he did not have the gem, nor did he crave for it, then all Yadavs refused Balram and brought him back to Dwarka city. This episode of Shyam Antak Mani is going to give gratitude to the listeners, then Janma Jai said that after listening to the description of Lord Shri Krishna, I have a strong desire to know about the incarnations of Lord Vishnu, please all the incarnations of Lord Vishnu describe to me also and tell me about his great deeds

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