श्री हरिवंश पुराण कथा

श्याम तक मणि की कथा



सूर्य द्वारा दी गई श्याम मन तक मणि अत्यंत तेजस्वी धन्य धन्य तथा बहुत ही सुख थी कृष्णा द्वारा मांगे जाने पर भी सत्रजीत ने वह मणि कृष्णा को नहीं दिया दी थी वही स्वयं अपने गले में धारण कर उसका प्रदर्शन कर रहा एक बार प्रसनजीत अपने भाई की वह हमारी पहनकर शिकार पर गया वहां पर सिंह ने प्रसनजीत को मारकर श्याम मन तक मणि छीन ली सिंह के बाद वह मणि ऋषि राज जामुन ने छीन ली थी तब सत्रजीत ने सत्य ना जानते हुए श्रीकृष्ण पर आरोप लगाया कि उसे प्रसनजीत को मारकर मणि छीन ली है क्योंकि कृष्ण ने बहुत से लोगों के सामने एक बार सत्रजीत से मणि मांगी थी अतः लोगो ने भी सत्रजीत के आरोप को सत्य ही माना तब कलंक धोने के लिए कृष्णा स्वयं मणि की खोज में निकल पड़े सीमा तथा जामवंत के पैरों के निशान नो के सहारे अत्यंत वह रिजवान पर्वत जामुन की गुफा के पास पहुंच गए गुफा के द्वार पर बलराम आदि यदुवंशियों को खड़ा कर कृष्ण गुफा में प्रवेश कर गये वहीं जामवंत के पुत्र को उन्हें स्यमंतक मणि से खेलते हुए देख लिया तब मणि प्राप्त करने के लिए जामवंत श्री कृष्णा ने एक किस दिन तक युद्ध किया इस प्रकार त्रेता युग में राम अवतार के समय जामवंत से युद्ध करने का अपना दिया हुआ वजन पूरा कर दिया पराजित जामुन ने श्रीकृष्ण को राम के रूप में पहचान करा और अपनी पुत्री जामवंती से उसका विवाह कर दिया इस प्रकार स्यमंतक मणि सत्रजीत को वापस कर कृष्णा ने अपना कलम धो डाला हे राजा ने इस सत्यजीत के 10 पत्नियों से 100 पुत्र हुए उसमें से तीन भाड़ा कारी हो बात पति तथा उस वाहन अधिक प्रसिद्ध है सत्रजीत की 3 पुत्रियां भी थी सद्भावना दृढ़ता और प्रवासिनी श्यामू तक मणि मिल जाने पर खुश होकर सत्रजीत ने सद्भावना का विवाह श्री कृष्णा सेट कर दिया सद्भावना आपने सौंदर्य के लिए अधिक प्रसिद्ध थी मैं सपना जी ने आगे कहा भाड़ कारी के नारे व नरोत्तम नामक दो पुत्र हुए मात्री पुत्र युद्ध जीत के पुरुषों नामक पुत्र हुआ जो फलक का पिता था फलक का भाई चित्र की था फलक को श्रम फलक के भी पा नाम से जानते हैं इसी ने काशीराज की पुत्री गधा ने के साथ विवाह किया था रानी ने अंकुर नामक पुत्र हुए जो उपासक मांगू मधुर अधीर में गिरी 6 उपेक्षा इमारत धर्मप्रीत यदि धर्म विद भोज अधिक सुबाहु प्रतिभाओं नामा पुत्रों व सुंदरी नामक पुत्र के पिता बने उग्रसेन नामक स्त्री से अंकुर के सुखदेव व उप देव नामक दो पुत्र हुए चित्र के पुत्र प्रीत विपरीत अश्व ग्रीन आज सुबह-सुबह शेख व गणेश हुए बारिश ट्रेनी के पुत्र आश्वास सुधार मा धर्मप्रीत साहू गणित तथा बहू बहू साथ ही श्रेणी व श्रवण नामक दो पुत्रियां भी हुई इनके बारे में मैं पहले बता भी चुका हूं हे राजन कृष्ण को झूठा कलंक लगाने वह उसके उसे समाप्त होने की कथा श्याम तक मणि का प्रसंग सुनाने वाले को झूठ कलंक कभी नहीं लगता है

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Shyam Tak Mani Ki Katha

The black gem given by the sun was very bright, blessed, blessed and very happy, Satrajit did not give that gem to Krishna even after being asked by Krishna, he himself was demonstrating it by wearing it around his neck. He went on a hunt wearing ours, there Singh killed Prasanjit and snatched the gem till Shyam Man, after Singh that gem was snatched by Rishi Raj Jamun, then Satrajit, not knowing the truth, accused Shri Krishna that he snatched the gem by killing Prasanjit. This is because Krishna once asked for a gem from Satrajit in front of many people, so people also accepted Satrajit's allegation as true, then Krishna himself went out in search of the gem to wash away the stigma with the help of the footprints of Seema and Jamwant. Extremely he reached the cave of Rizwan Parvat Jamun, standing Balram etc. Yaduvanshis at the entrance of the cave, Krishna entered the cave, while Jamwant's son saw him playing with the Syamantaka gem, then Jamwant Shri Krishna went to get the gem. How many days did one fight like this in Treta Yug at the time of Ram's incarnation, Jamwant The defeated Jamun recognized Shri Krishna as Rama and married his daughter Jamwanti, thus returning the Syamantaka gem Satrajit, Krishna washed his pen O king, this Satyajit Satrajit had 100 sons from 10 wives, out of which three were mercenary husbands and that vehicle is more famous. Satrajit also had 3 daughters. You were more famous for your beauty, Sapna ji further said, 'Bhad Kari ke Naare' and two sons named Narottam. It is known by name that he had married Gadha, the daughter of the king of Kashi. The queen had a son named Ankur, who fell in worshiper Mangu Madhur Adhir. Sukhdev and sub-dev of Ankur from a woman named Chitra's son Preet opposite Ashwa Green this morning, Shaikh and Ganesh were born; Trainee's son Ashwas Sudhar, Ma Dharmpreet Sahu, Mathematics and daughter-in-law, as well as two daughters named Sangiri and Shravan, I have already told about them. Hoon O Rajan, the one who narrates the story of Mani till Shyam, who falsely slanders Krishna, never gets falsely slandered.

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