श्री हरिवंश पुराण कथा

यदुवंश विष्णु वंश का वृतांत भाग 3



आप तुमसे कोस्टा के पुत्र एवं वंशजों के बारे में कहता हूं जो वैष्णव वंशज का उत्थान करने वाले हुए यदुवंश की उपशाखा विश्नोई वंश में ही कृष्ण अवतार हुआ इस उत्तम वंश का प्रसंग सुनने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं विश्ववानी वंश पोस्ट ने आपने दो रानी गांधारी से अमित रहो को तथा माधुरी से युद्ध जीत और देव मिस पोस्ट को 3 पुत्र पैदा की तीनों में विष्णु वंश को बढ़ाने वाले अलग-अलग तीन पुलों का विस्तार हुआ युद्ध हरजीत के 2 पुत्र विष्णु तथा अदरक हुए विष्णु के स्राव पालक तथा चित्रक नामक दो पुत्र हुए शव फलक जहां रहते थे उसके प्रताप से वहां सूखे आदि कभी प्रकोप नहीं होता अतः काशीराज के देश में जब 3 वर्ष वर्षा नहीं हुई तो उन्होंने गांधी नामक अपनी पुत्री का विवाह श्री फलक के साथ कर दिया श्रीफल एक्वार्गेन धनी से विद्यमान अंकुर हुआ एप्स संघ मृदु आर इमेज आदि छिप ऊपर शत्रुघ्न आर्य मार्ग धर्म जाति धर्म गधों जनक आवा प्रति दा ए सब अंकुर के भाई थे वीरांगना नामक बहन भी अंकुर की थी अंकुर के उग्रसेन से दो पुत्र प्राचीन तथा उपदेश हुए चित्रक की वंश परंपरा में प्रीत विपरीत अशोक गरीब का स्वभाव सुपर सा गवेषणा आर्य ने भी सुधारना सुबाहु तथा बहु बहु नामक पुत्र थे श्रद्धा तथा श्रवण नामक दो पुत्रियां भी हुए पोस्ट के तीसरे पुत्र देव मुथूट ने सुर नामक पुत्र को पैदा किया जिसके भोज वंशी से 10 पुत्र हुए वासुदेव उसमें सबसे बड़ा था उसके जन्म के समय अचानक तथा दीर्घ निक नाम अवध स्वयं बजने लगे थे अतः उन्हें आनंदू भी कहा गया वह बहुत रूपवान था वासुदेव के भाई देव भाग देव श्रावण दृष्ट कनक कौशल्य भाव गाड़ी श्याम सामी तथा पांडुक थे प्रीत प्रीत प्रीत श्रोता देव श्री तथा महाराज आदि देव नामक 5 पुत्रियां भी देव मिश्र की थी राजा कुंतीभोजा प्रीता को गोद लिया हुआ था उसकी दत्तक पुत्री होने से वह उनकी कलाई बाद में यह पांचो पांडव तथा कारण की मां बनी यह प्रसंग तो तुम जानते ही हो कुंती की शेष चार बहने श्रुति देवी को जगीरा नामक तथा श्रुत्वा को शिशुपाल नामक पुत्र हुए यह शिशुपाल पहले जनमेज राज हिरण कश्यप था जो कि बाद में इस जन्म में श्री कृष्णा के हाथों में रितु को प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त हुआ प्रीत प्रीत का पुत्र पुत हुआ गोष्ट के प्रथम पुत्र विषण नंदन अमित से सैनी नामक पुत्र हुआ जो सत्य का पिता सत्य का दादा तथा योगदान का परम दादा हुआ योगदान का पुत्र भूमि तथा पुत्र गंधर्व इस प्रकार इस वंश यहीं खत्म हो जाता है देव भाग के पुत्र उद्धव हुए जो पंडितों में श्रेष्ठ कहे गए देव सरकने अश्मित नामक स्त्री से शत्रुघ्न को पैदा किया यह देवरा वशीकरण बाल्यावस्था में ही त्याग दिया गया था तब निस्पंद ने इसका पालन पोषण किया था यदि यही एकलव्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ वाधवान के कोई संतान न होने से वासुदेव ने अपना और वीर पुत्र उन्हें दे दिया था इसी प्रकार गणों के पुत्र ना होने पर कृष्णा ने अपने चार पुत्रों चारों देवन सुचारू पांचाल तथा प्रीत लक्षण उनको दे दिए थे 4 दिन रुकमणी की कोख से उत्पन्न हुए थे और वे संग्राम जीते बिना कभी वापसी नहीं लौटे थे वासुदेव के भाई गाना के दर वित्त व दलित अजीम के वीर तथा आसन नामक पुत्र हुए श्याम के पुत्र शामिल हुए जिन्होंने आगे भोज वंश का विस्तार किया है राजन अब मैं तुम्हें से वासुदेव के संतान के बारे में बताता हूं

TRANSLATE IN ENGLISH 

History of Yaduvansh Vishnu dynasty part 3

I tell you about the son and descendants of Costa, who uplifted the Vaishnava dynasty, the sub-branch of the Yadu dynasty, Krishna incarnated in the Vishnoi dynasty itself, listening to the story of this great dynasty destroys the sins of a person. Rani Gandhari gave birth to Amit Raho and Madhuri gave birth to 3 sons to War Jeet and Dev Miss Post. In all three different bridges expanding the Vishnu dynasty spread. War Harjit had 2 sons Vishnu and Ginger. Two sons were born named Shav Falak, where he lived, there was no drought etc. due to his glory, so when there was no rain for 3 years in the country of Kashiraj, he married his daughter named Gandhi with Mr. Falak, the present sprout from Shrifal Aquargen Dhani. Shatrughan Arya Marg Religion Caste Religion Donkeys Janak Prati Da All were Ankur's brothers Ankur also had a sister named Veerangana Ankur had two sons from Ugrasen of Ankur, ancient and preached Chitrak's lineage is opposite to Preet Ashok Garib's nature was superbly explored by Arya. Sudharana also had a son named Subahu and Bahu Bahu, two daughters named Shraddha and Shravan. The third son of the post, Dev Muthoot gave birth to a son named Sur, who had 10 sons from the Bhoj dynasty. Vasudev was the eldest among them. The name Avadh started sounding itself, so he was also called Anandu. King Kuntibhoja was adopted by Preeta, being his adopted daughter, she became the mother of the five Pandavas and Karan. You know this incident. This Shishupala was the first Janmeja king Hiran Kashyap, who later in this life attained salvation by receiving Ritu in the hands of Shri Krishna. Grand father of truth and great grandfather of contribution Bhagya's son Bhumi and son Gandharva, thus this dynasty ends here. Dev Bhag's son Uddhav, who was said to be the best among the pundits, gave birth to Shatrughan from a woman named Dev Sarakne Ashmit. It was nurtured by Nispanda, if he became famous as Eklavya. Vasudev gave him his own and heroic son as Vadhavan had no children. Love symptoms were given to them, they were born from Rukmani's womb for 4 days and they never came back without winning the battle. Vasudev's brother Gana's son, Veer and Dalit Azim's son named Asan joined the sons of Shyam, who further feasted. Rajan has expanded the dynasty, now I will tell you about the progeny of Vasudev.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ