श्री हरिवंश पुराण कथा

यदुवंश वृष्ण वंश का वृतांत भाग एक 



पूर्व वंश जन्म जय की प्रार्थना और वैसे अपना जी ने पहले पूर्व वंश का वृतांत किया वैश्य पन्ना जी ने कहां पूर्वक ए पुत्र पुत्र आदि का क्रम इस प्रकार है जन्म जय प्राची वन प्रवीण मनुष्य अभद्र शुद्र बहू वर्ग समप्रीत रहा युक्ति रूद्र शॉप तथा रिश्वत रिश्वत सपने वह भाई ट्रेन में शुरू क्षेत्रों स्थान गुरु सनातनी दर्शना जलवे स्थान धनुष तथा वाहनों के साथ भूत 4 नामक अप्सरा से पैदा हुआ था घृत 4 से रो दृश्य की 10 पुत्रियां भी हुई थी जिनके नाम रूद्र रूद्र भद्र मल मल अर्थ अलग-अलग सुरभि गांव तथा चपले थे इन दसों का विवाह आतरी के साथ हुआ अत्री ने यश यश यश को रूद्र से पैदा किया था तथा 10 और पुत्र भी पैदा किए थे वह सभी इस रात्रि के नाम से प्रसिद्ध हुए कुछ क्षेत्रों के सामान नार चश्मा प्रमुख तीन तीन पुत्र हुए सामना के पुत्र काला लाल पुत्र श्रुति तथा पर पुत्र पूजनीय पूरी के पुत्र जन्म जय द्वितीय हुए जन्म जय जय महाकाल महामानव शान आरती सुनो पुत्र पुत्र आदि के क्रम में हुए उस नार के नग क्रीम सुपुत्र तथा शिव नामक पुत्र भी हुए शिव के 4 पुत्र वृद्धों वृद्धों और कैकई हुए उसके नाम से उनके देश में कहलाते हैं अब त्रिशूल के पुत्रों के बारे में सुनो आवाज उपद्रव महाबहू प्रभु के पुत्र और फैन के पिता थे फेम पुत्र सुताब बलि के पिता हुए एबली पूर्व जन्म में दान वेदर थे बली के 5 पुत्र अंग-अंग चुनाव पूर्व तथा कलिंग हुए अंग सबसे बड़ा था और वाले भी कहलाता था अतः इस के वंशज बाल के कह लाए इन अंग आदि राजाओं के नाम पर उनके देश भी क्रमशाह अंग अंग शुभांग पूर्ण अंक तथा कॉलिंग नामक से प्रसिद्ध हुए उनके पुत्र पत्र के क्रम में दहिवाद दिव्य रथ धर्म रथ चित्ररथ दशरथ लोग वाद के नाम से भी प्रसिद्ध है आदि हुए दशरथ की पुत्री संतान ऋषि विश्वंभर उनकी पत्नी हुए निशान ग्रुप के आशीर्वाद से दशरथ के चतुर रंग नामक पुत्र हुआ जो प्रीत लक्ष का पिता चंपू का पितामह तथा उद्योग का प्रति माह हुआ श्रम पक्का नगर चंपा नगर के नाम से विख्यात हुआ हाय डूड के पुत्र पुत्र आदि का क्रम इस प्रकार है भद्र औरत ब्रिज कर ब्रिज ब्रिज ब्रिज नवा जय द्रव्य ग्रीन ब्रिज पुत्र विद मना की दो पत्नियां के कारण वंश भेद हो गया चेक गेराज की पुत्री यशोदा तथा सत्य यह दोनों पत्नियां उनकी थी यशोदा से जय द्रव्य पैदा हुआ था उसका वंश आगे कहां की है सत्य स विजय उत्पन्न हुआ विजय के धातु धातु व्रत सत्कर्म तथा अधिरथ पुत्र पुत्र आदि के क्रम में हुए अधिरथ रथ हांकने वाला हुआ क्योंकि छतरी द्वारा ब्राम्हण की कन्या से पैदा हुए थे अतः इन्हें सूट भी कहा गया है कान्हा को अपनाने के कारण कारण को सूत पुत्र भी कहा जाता था महाबली कांड जो कुंती के से पैदा होकर त्याग दिए गए थे उनके बारे में तो तुम जानते ही हो कान के पुत्र क्रिश्चियन तथा पुत्र विजय हुई सब मेरे अंग कि वासु को कहा अब रूद्र अवश्य के पुत्र ऋषि उसका वंश कहलाता फिर उस वंश के बारे में बताऊंगा जिससे महाराज जन्म जाए अपने जन्म लिए हैं यह भी बहुत यशस्वी है तथा प्रसिद्ध वंश हैं भारत वंश वैश्य पना ने आगे कहा ऋषि उसने अपनी रानी जालना से तक्षक नामक पुत्र को जन्म दिया और पटरानी से मतीन आर नामक पुत्र पैदा हुआ मतीन आर के 3 पुत्र हुए 10% तथा शुरू गौरी नामक की एक पुत्री भी हुई जो राजा माता की मां थी प्रति रथ के पुत्र महर्षि गण हुए कर्ण के पुत्र ऋषि मेधातिथि थे मेधातिथि के पुत्र व वंशज का नियम कहलाए पीलिया राजा की पुत्री लीनिया सेतु का विवाह हुआ तशु के पुत्र रूद्र तथा इरल हुए रल के 4 पुत्र दुष्ट सुमत प्रवीण व अधर थे दृष्टि पुत्र भारत 10 हजार हाथियों केबल वाले हुए जो कड़वी कृषि की दत्तक पुत्री कुंतला की कोख से पैदा हुई थी इन्हीं चक्रवर्ती सम्राट भारत के नाम पर आर्य विथ नाम भारत पड़ा माताओं द्वारा पुत्र जन्म में विफल होने पर मारो थ्रू नेमा भारद्वाज को भरत का दत्तक पुत्र बनाया भरद्वाज का पुत्र पांच पुत्रों सोत्र सोत्र गर्व तथा कपिल वाला हुआ शुद्र के दो पुत्र हुए आशिक और इसके बारे में मैं पहले ही बता चुका हूं हे राजन का पुत्र तू शांति पुत्र पूर्व जाति व पुत्र रामनिवास के पांच पुत्र मृदंग सृजन विद्यानगर तथा क्रीमी लासूर थे इन पांचों के मिल हुए राज को पंचाल कहा जाता है आज कल यह पंजाब पहला आ जाता है वृद्ध काल के वंशज मृदुल कलाईमगल के जेष्ठ पुत्र इंद्रसेन हुए जो वर्धक सदस्य के पुत्र थे वर्धक के पुत्र देवदास तथा पुत्री अहिल्या के गर्भ से उत्पन्न हुए अहिल्या महर्षि गौतम के साथ की थी गौतम का पुत्र तथा पुत्र अधूरी था जो धनुर्वेद में पारंगत था हे राजन एक अप्सरा को देखकर सत्यजीत का वीर्य सर स्तंभ में स्थित हो गया था जिसमें 2 क्षमता में हुए इसको स्वीकार कर निकले महाराज शांतनु ने अपना लिया था शांतनु की कृपा से ही उसका जीवन बच सका था पता उसमें से लड़के को तथा लड़की को कृति कहा गया यदि कृत बाद में गुरु कृपा कहलाए ए सब गौतम गोत्री शास्त्र कह लाए हैं अब मैं उनका पुत्र दशा की संतानों के विषय में भी सुनो अहिल्या का भाई था देवदास के मित्रों मैतृण सोम पुत्र तथा पर पुत्र हुए मैदान के वंशज मैत्रीय का लायन के पुत्र पंचांग तथा पुत्र सोमदत्त है सोमदत्त के पुत्र सहादेव तथा सोमक थे सोमा का पुत्र जंतु सौ पुत्रों का पिता था उनमें सबसे छोटा ब्रिंट था जो द्रुपद का पिता था द्रुपद के 2 पुत्र दृष्ट्वा तथा दृष्ट केतु हुए तथा अग्नि से उत्पन्न हुए कन्या भी उसकी पुत्री बनी जो दुख पथ पुत्र होने के कारण द्रुपद का हाल आई जिसके विषय में तुम जानते ही हो है राजेंद्र ऊनी नामक तीसरी स्त्री से अजमेरा के श्रावक नामक पुत्र हुआ स्राव का पुत्र श्रवण तथा पुत्र गुरु ठाकुरों ने ही कुरुक्षेत्र की स्थापना की तथा कुरुवंश का रावण चलाया

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History of Yaduvansh Vrishna dynasty part one

Prayer for the birth of the former dynasty and by the way Apna ji narrated the story of the former dynasty first Vaishya Panna ji where in the past the order of son and son etc. is as follows Janma Jai Prachi Van Praveen Man indecent Shudra daughter-in-law class Sampreet Raha Yukti Rudra Shop and Bribery Bribery Sapne that brother started in the train Kshetras place Guru Sanatani Darshana Jalve place Dhanush and vehicles with a ghost 4 was born from an Apsara named Ghrit 4 Cry scene also had 10 daughters named Rudra Rudra Bhadra Mal Mal meaning different Surabhi village And they were clever, these ten were married to Atri. Atri gave birth to Yash Yash Yash from Rudra and also gave birth to 10 more sons, all of whom became famous by the name of this night. Saamana's son Kala Lal son Shruti and son Pujniya Puri's son Jai second birth Jai Jai Mahakal Mahamanav Shan Aarti Suno son son etc. The elders and Kaikai are now called Trishu in their country by his name. Listen about the sons of L. Voice Nuisance Mahabahu was the son of Prabhu and the father of Fan Fame son Sutab became the father of Bali Bali had 5 sons in his previous birth Dan Vedar His descendants were also known as Baal. In the name of these Anga etc. kings, their country also became famous by the name Ang Ang Shubhang Purna Anka and Calling. Rishi Vishwambhar, the daughter of Dasharatha became famous from Adi. With the blessings of Nishan Group, Dasharatha had a son named Chaturrang, father of Preet Laksh, grandfather of Champu and every month of labor, the city of industry became known as Champa Nagar. The order of the sons of Hua Hi Dude etc. is as follows: Bhadra Aurat Brij Kar Brij Brij Nava Jai Dravya Green Brij Son Vid Mana Due to two wives, there was a difference in the lineage, Yashoda, the daughter of Check Garage and Satya, both of these wives were from Yashoda. Jay Dravya was born, where is his lineage going? Adhirath became a charioteer because he was born from a Brahmin's daughter by an umbrella, hence he is also called Sut. You already know about the scandals that Kunti's son was born and abandoned, Kan's son Christian and Vijay's son were all my parts. From whom Maharaj is born, his birth is also very famous and famous dynasty of India Vaishya Pana further said that sage he gave birth to a son named Takshak from his queen Jalna and a son named Matin R was born to Patrani Matin R's 3 sons 10% and there was also a daughter named Gauri, who was the mother of Raja Mata, the son of Prati Rath, Maharishi Gana, the son of Karna, the sage Medhatithi, the son and descendant of Medhatithi, the rule of the king's daughter, Liniya Setu, was married to Tashu. Son Rudra and Irala Ral had 4 sons evil Sumat Praveen and Adhar Drishti son Bharat 10,000 elephants were cabled which were born from the womb of Kuntala, the adopted daughter of bitter agriculture. In the name of this Chakravarti emperor Bharat, Arya with the name Bharat. Son of five sons Sotra Sotra Garv and Kapil Wala Shudra had two sons Aashik and I have already told about this O son of Rajan you are Shanti son of former caste and son of Ramnivas five sons were Mridang Srijan Vidyanagar and Creamy Lasur. The combined kingdom of the five is called Panchal. Nowadays this Punjab comes first. Indrasen, the eldest son of Mridul Kalaimagal, the descendant of old age, who was the son of Vardhak member, Ahilya Maharishi Gautam was born from the womb of Devdas, son of Vardhak and daughter Ahilya. Had done with the son of Gautama and the son was incomplete who was well versed in Dhanurveda O Rajan seeing an Apsara Satyajit's semen was located in the head pillar in which Maharaj Shantanu came out accepting this in 2 capacity had adopted Shantanu's grace only saved his life It was known that the boy was called Kriti and the girl was called Kriti. If Krit was later called Guru-Kripa. Maitreya's son was the son of Maidan, Lion's son was Panchanga and Somadatta. And the girl who was born from fire also became his daughter, which caused Drupad to suffer due to being a son, about which you already know that a third woman named Rajendra Uni had a son named Shravak of Ajmera, Shravan's son and Guru Thakur's son. established Kurukshetra and ran Ravana of Kuruvansh

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