श्री हरिवंश पुराण का पुराण महत्व

पुराण का महत्व

ओम नमो नारायणा



नारों में उत्तम नारायण को प्रणाम है देवी सरस्वती और महर्षि वेदव्यास को प्रणाम है ज्ञान प्रदान करने वाले गुरु को भी प्रणाम है इसके पश्चात जय का पाठ करते हुए पुराण शुरू करता है राजा जन्मेजय के निवेदन करने पर वह श्याम जी ने इस प्रकार कहा ब्रह्मा विष्णु महेश हरिवंश युक्त शब्द ब्रह्म विद्युत हरिवंश संताप सहदेव ब्राह्मण निरपट्टा पर अमृता गति श्री हरिवंश पुराण 26 राज शतम कायम वचन पापम मानस यादव जी तब तक स्वर नाथ मायावती तम सूर्य देवता अर्थात हरिवंश पुराण को ज्ञानियों ने ब्रह्मा विष्णु महेश का स्वरूप बताया है अतः इसे 57 शब्द ब्रह्म में ही समझाना चाहिए हे राजन सर्य के उदय होने से जिस प्रकार अंधेरे का नाश हो जाता है ठीक उसी प्रकार हरिवंश पुराण का श्रवण पाठ मानव के सभी पापों को खत्म कर देता है इस पुराण में नियम पुरुष परम ब्रह्मा को प्राप्त कर लेते हैं सूर्य चंद्रमा अग्नि व गुरु की ओर मुख करके पेशाब किया वीर्य त्यागने वाले व्यक्ति संतान उत्पत्ति में असमर्थ हो जाता है वाले फल फुले ब्रिज की लता को काटने वाले का गर्भ नष्ट कर देने वाली बालकों की हत्या कर देने वाली मां बाप की सेवा ना करने वाले अमृता सैया कनकावती स्त्री वादा तथा मासिक धर्म की अनियमितता से पीड़ित स्त्री एवं संतान उत्पत्ति में असमर्थ पुरुष इन सभी के पास इस पुराण 20 से नष्ट हो जाते हैं तथा उन्हें पुत्र व संतान अवश्य ही प्राप्ति होती है यह इस पुराण को सुनने का अति विशिष्ट फल है जो किसी दूसरे पुराण को सुनने से नहीं प्राप्त होता है हे राजन इस पुराण को पढ़ने और सुनने वाले व्यक्ति को 18 पुराण सुनने का फल एक साथ प्राप्त होता है तथा उसे जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है इस पुराण को 9 दिनों में पढ़ना या सुनना उत्तम 21 दिनों में मध्यम तथा है कि जनरल कास्ट है अतः मैं तुम्हें इस पुराण को नवा पाठ या सुनाने की विधि बताता हूं आप एकाग्र चित्त होकर सुनो

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Importance of Purana

Om Namo Narayana

Among the slogans, salutations to Goddess Saraswati and Maharishi Ved Vyas, salutations to the Guru who imparts knowledge. After this, the Purana begins by reciting Jai. On the request of King Janmejaya, Shyam ji said Brahma Vishnu. Mahesh Harivansh yukta word Brahma Vidyut Harivansh Santap Sahdev Brahmin Nirpatta Par Amrita Gati Shri Harivansh Puran 26 Raj Shatam Kayam Vachan Papam Manas Yadav Ji Till then Swar Nath Mayavati Tam Surya Devta i.e. Harivansh Purana has been described by the wise as the form of Brahma Vishnu Mahesh. The word should be explained in Brahman only, O king, just as darkness is destroyed by the rising of the sun, in the same way, listening to Harivansh Puran destroys all the sins of human beings. The person who urinates facing Sun, Moon, Agni and Guru becomes incapable of progeny; The one who cuts the creeper of the Phule Bridge; The one who destroys the womb; The one who kills the children; The one who does not serve the parents. amrita sai Or Kankavati women promise and women suffering from irregularity of menstruation and men who are unable to produce children, all of them are destroyed by this Purana 20 and they definitely get sons and children. This is a very special result of listening to this Purana. Which is not achieved by listening to any other Purana, O king, the person who reads and listens to this Purana gets the result of listening to 18 Puranas simultaneously and gets freedom from the cycle of birth and death. Read this Purana in 9 days. Or listening is best in 21 days, medium and that is general cast, so I tell you the new lesson or method of reciting this Purana, listen with concentration.

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