श्री हरिवंश पुराण कथा संतान गोपाल स्तोत्र 7

श्री हरिवंश पुराण कथा संतान गोपाल स्रोत सात आरंभ



दीया तुम वासुदेव नाम तन्मय मत प्रियम सूतम कुमाराम नंदन सीता नयन के ना सदा मम हे वासुदेव भगवान मुझे परम प्रिय संतान पुत्र दीजिए सीता नायक भगवान श्री रामचंद्र जी मुझे सदैव आनंददयक सुंदर पुत्र दीजिए दीवाना राम राघव गोविंद देवकी सोनी माधव देहि में तन्मय श्री गोपालक नायक हे श्री राम राघव गोविंद देवकीसुत माधव श्री गोप बालकों के नायक आप मुझे पुत्र दीजिए वंशम विस्तारक कम पुत्रम देहि में मधुसूदन सुथम देही सुथम देही धनवान शरणम् बता हे मधुसूदन मुझे वंश वर्धक पुत्र दीजिए ऐसा मैं आपकी शरण में हूं मुझे पुत्र दीजिए ममम बेस्टम सुथम देही संसार माधव अच्युतम सुथम देही सुथम देही तन्मय शरणम बता हे माधव अच्युतम मेरी अभीष्ट की सिद्धि के लिए पुत्र दीजिए हे ईश्वर मैं आपकी शरण में आया हूं आप मुझे पुत्र दीजिए चंद्रा और काल परिवर्तन देहि माधव से सूतम सुथम देही सुथम देही तन्मय शरणं गता हे माधव चंद्र और सूर्य के कल्प तक मुझे पुत्र दीजिए मैं आपकी शरण में आया हूं आप मुझे पुत्र दीजिए विद्या वनम बुद्धि ममता श्रीमंता तन्मय सदा देही तन्मय कृष्णा देवकीसुत सर्वदा हे कृष्णा देवकी पुत्र आप मुझे सदैव बुद्धिमान विद्वान एवं श्रीमान पुत्र दीजिए नामा अभी तमाम पद्मन नेत्र उत्तम ला भायंदर में मुकुंडम पुंडरीकाक्ष आए गोविंदम मधुसूदन हे कमलनयन भगवान पुत्र कामना को देने वाले मुकुंद पुंडरीकाक्ष आए गोविंद वासुदेव मैं आपको सदैव नमस्कार करता हूं भगवान कृष्ण गोविंद सर वह काम हरिपदा देहि में तन्मय शुभम तन्मय शरणं गता हे भगवान कृष्ण गोविंद समस्त कामनाओं के फलदयक स्वामी मैं आपकी शरण में आया हूं मुझे पुत्र दीजिए इस स्वामित्व भगवान राम कृष्ण माधव का दाखिल देवी मैदान में नित्यम तमाहा शरणं गता हे भगवान राम कृष्ण माधव रे कामनाओं के देने वाले स्वामित्व मैं आपकी शरण में आया हूं मुझे पुत्र दीजिए तन्मय देहि गोविंद गंज अक्षम कमाल पते सुखदेवी सुखदेवी तनवा शरणं गता हे गोविंद कमल नयन कमल पते मैं आपकी शरण में हूं मुझे पुत्र दीजिए पद्मावती पद्मने त्रमं पद्मासन का माधव सुतं देहि चाह में विधियां तम्मा शरणं गता हे लक्ष्मी पते है कमल नेत्र पद जनक हे माधव मुझे विद्यमान पुत्र दीजिए मैं आपकी शरण में हूं सक्षम चक्र गदा खंडाकपार ओके प्राणिया रामपति देहिमेदन में कृष्ण तम्मा शरणं गता शंख चक्र गदा एवं पदमा को धारण करने वाले खेत गणपति श्री लक्ष्मी पते मैं आपकी शरण में आया हूं मुझे पुत्र दीजिए 

TRANSLATE IN ENGLISH

Shri Harivansh Puran Katha Santan Gopal source seven beginnings

Diya Tum Vasudev Naam Tanmay Mat Priyam Sutam Kumaram Nandan Sita Nayan Ke Na Sada Mam Hey Vasudev God give me the most beloved child son Sita Nayak Lord Shri Ramchandra ji always give me a beautiful son who is very happy O Shri Ram Raghav Govind Devkisut Madhav Shri Gopa the hero of the children you give me a son vansham vastram kam putram dehi me madhusudan sutham dehi sutham dehi dhanwan saranam tell me O Madhusudan give me a dynasty increasing son as I am in your refuge give me a son mamam bestam sutham dehi sansara madhav achyutam sutham dehi sutham dehi tanmaya sharanam tell me madhav achyutam give me a son for the fulfillment of my desire oh God I have come to your refuge you give me a son chandra and time change from dehi madhav to sutam sutham dehi sutham dehi tanmaya sharanam gata he madhav Give me a son till the cycle of the moon and the sun, I have come under your shelter, you give me a son, Vidya Vanam Buddhi Mamta Shrimanta Tanmaya sada dehi tanmaya Krishna Devkisut Sarvada O son of Krishna Devaki, you always make me a wise scholar and a devotee. Right son give me the name now all the Padman netra uttam la bhayandar mein mukundam pundarikaksha aaye govindam madhusudan hey son of Kamalanayaan mukund pundarikaksha who giver of wishes come govind vasudev I always salute you lord krishna Govind sir that work Haripada dehi me tanmaya shubham tanmaya sharanam gata O Lord Krishna Govind, the fruitful master of all desires, I have come to your shelter, give me a son, Lord Rama Krishna Madhav's entry into the Devi Maidan, Lord Rama Krishna Madhav, the owner of wishes, I have come to your refuge. Give me a son Tanmaya dehi Govind Ganj Aksham Kamal address Sukhdevi Janak O Madhav give me the present son I am in your refuge Saksham Chakra Gada Khandakpar Ok Prania Rampati Dehimedan Mein Krishna Tamma Sharanang Gata Shankha Chakra Gada and Padma Khetra Ganapati Shri Lakshmi Addresses I have come to your shelter, give me a son

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ