श्री हरिवंश पुराण कथा संतान गोपाल स्रोत 5 आरंभ
जगन्नाथ रामा नथ भूमि नाथ दयानिधि बासु देवेश सर्वस्य देहि में तन्मय प्रभु हे जगरनाथ हे रामा नाथ हे भूमि नाथ हे दयानिधि यह बासुदेव ईशा है सर्वेश हे प्रभु आप मुझे पुत्र दीजिए श्रीनाथ पदम पत्रक वासुदेव जगत्पते देहि तन्मय कृष्णा तमाम शरणम गतम हे लक्ष्मीनाथ कमलनयन वासुदेव जगत्पते श्री कृष्णा आप मुझे पुत्र दीजिए क्योंकि मैं आपकी शरण में आया हूं दास मदार गोविंद भक्तचिंतामणि प्रभु देहि में तन्मय कृष्णा तम शरणं गता हे दास प्रिय हे गोविंद हे भक्तचिंतामणि हे प्रभु और श्री कृष्णा मुझे पुत्र दीजिए क्योंकि मैं आपकी शरण में आया हूं गोविंद पूरी रिक्शा रमानाथ महाप्रभु देहि में तन्मय कृष्णा जन्मा शरणं गता हे गोविंद हे पुंडरीकाक्ष आए कमलनयन लक्ष्मीपति प्रभाव मुझे पुत्र दीजिए मैं आपकी शरण में आया हूं श्रीनाथ कमल पत्रक गोविंद मधुसूदन सत पुत्र फल सिद्धनतम भजमी दम जनदर्शन हे लक्ष्मी नाथ के कमल पत्र के समान नेत्रों वाले हे गोविंद हे मधुसूदन हे जनार्दन मैं पुत्र के फल की सिद्धि हेतु आपका भजन करता हूं इसका नाम प्रियतम जन्म मुथंबी रोकनी मुलक्कम इस प्रीतम तन्मय स्तन मुख निंबी वादे यशोधन उन्नाव एक ही स्थान का दूध पीते हुए और दूसरे को इंग्लिश से छूटे हुए हंसते हुए ऐसे उज्जवल अंगों वाले कृष्णा की जानने के द्वारा देखे जाने वाले मुकमल की एवं यशोदा की गोद में खेलते हुए मुस्कान कि मैं वंदना करता हूं या चंदा हम पुत्र संतान भगवनतम पदमालोचन देहिमेदन में कृष्णा तम्मा शरणं गता हे पदमालोचन मैं आपसे पुत्र मांगता हूं हे कृष्णा मैं आपकी शरण में आया हूं आप मुझे पुत्र दीजिए अस्माकं पुत्र संपत्ति चिंता यादी जगत्पते शीघ्रम में से ही तन्मय भावता मुनि व जीते हे जगत पत्ते आप हमारे पुत्र की संपत्ति है हम आपका चिंता करते हैं यह मुनि व दीप मुझे मेरा दायित्व शीघ्र दीजिए वासुदेव जगरनाथ श्री पत्ते पुरुषोत्तम पुरुषोत्तम कृष्णा देवेंद्र पूज्यते हे वासुदेव जगरनाथ लक्ष्मीपति पुरुषों में उत्तम कृष्णा के देवेंद्र पूजिते आप मुझे पुत्र दीजिए कुरूमा पुत्र रत्न यशोदा प्रिय वंदन महावीर पुत्र संतान दायित्व गौतम हरि ओम यशोदा के प्रिय पुत्र मुझे पुत्र दीजिए यह अरे आप मुझे पुत्र संतान देने की कृपा करें वासुदेव जगरनाथ गोविंद देवकीसुत देहि में तन्मय राम कौशल्या प्रियनंदन वासुदेव जगरनाथ गोविंद देवकी पुत्र कौशल्या नंदन श्री राम आप मुझे पुत्र दीजिए
TRANSLATE IN ENGLISH
Shri Harivansh Puran Katha Santan Gopal Source 5 Beginning
Jagannath Rama Nath Bhumi Nath Dayanidhi Basu Devesh Sarvasya Dehi Mein Tanmaya Prabhu O Jagarnath O Rama Nath O Bhoomi Nath O Dayanidhi This Basudev Isha O Sarvesh O Lord you give me a son Shrinath Padam Patrak Vasudev Jagatpate Dehi Tanmaya Krishna Tamam Sharanam Gatam O Laxminath Kamalnayan Vasudev Jagatpate Shri Krishna you give me a son because I have come under your shelter Ramanatha Mahaprabhu Dehi me Tanmay Krishna Janma Sharanang Gata O Govind O Pundrikaksha Aaye Kamalnayan Lakshmipati Prabhav Give me a son I have come to your refuge Shreenath Kamal Patraka Govind Madhusudan Sat Putra Phal Siddhantam Bhajmi Dum Jandarshan O Govind with eyes like Lakshmi Nath's lotus leaf O Madhusudan, O Janardan, I worship you for the accomplishment of the fruit of a son. Its name is dearest birth muthambi rokani mulakkam is pritam tanmaya breast mouth nimbi vade Yashodhan Unnao Milk from one place Drinking and laughing the other one freed from English Krsna with such bright limbs seen by the knowledge of perfect and playing in Yashoda's lap smile that I worship ya chanda hum putra santan bhagavantam padmalochan dehimedan me Krishna Tamma Sharanam Gata he padmalochan I ask you for a son O Krishna I have come to your shelter you give me a son asma kam son property chinta yadi jagatpate shdayam se tanmaya bhavta muni wa jeete he jagat patte you are our son's property we worry about you Muni and Deep give me my responsibility soon Vasudev Jagarnath Shri leaves Purushottam Purushottam Krishna Devendra Pujyate O Vasudev Jagarnath Lakshmipati Devendra worship of Krishna best among men You give me a son Kuruma Putra Ratna Yashoda Dear Vandan Mahavir Son Progeny Obligation Gautam Hari Om Dear son of Yashoda Give me a son, hey, please give me a son Vasudev Jagarnath Govind Devkisut Dehi me Tanmay Ram Kaushalya Priyanandan Vasudev Jagarnath Govind Devki Putra Kaushalya Nandan Shri Ram, you give me a son Give it
0 टिप्पणियाँ