श्री हरिवंश पुराण 14 मानव अंतरो का वृतांत

14 मानो अंतरों का वृतांत



जन्म जय बोले हे तपोधन कृपया करके हमें मन्वंतर वनों का काल तथा उसमें होने वाले सृष्टि व पर्ल के बारे में विस्तार पूर्वक बताएं ज्ञान रूपी अमृत जो आपके मुख से बाहर निकल रहा है उसके सुनने और सेवन से परे जानवर बुद्धि तृप्त नहीं हो रही है और अधिक और अधिक ऐसा आत्मा बराबर कह रही है बता कृपा आप हमारी जिज्ञासा का समाधान करें तब वह सपना जी इस तरह बोले एक और जोक तुमने पूछा है उसका विस्तार से वर्णन तो कई शब्दों में भी नहीं किया जा सकता फिर भी तुम्हारी जिज्ञासा की शांति के लिए से संचित प्रकार से कहता हूं आप ध्यान से सुनिए इस अभाव विश्वास नगर उत्तम तमाशा रेड 407 साबरी भौतिक एवं रोचक a10s समय चल रहा है ब्रह्मा इसको आदमी और रूद्र श्रावणी नेहरू श्रावणी और दक्षता मी A4 पर्वत पर तपस्या करके सिद्ध हो जाने के कारण मेरूसरी मनु बताए गए हैं इन प्रकार कुल 14 मनु हमने सुने हैं वैसे तनु वर्तमान काल के इससे पूर्व के मनु के मनु अंतरण खत्म हो चुके हैं इसके पश्चात कहे गए मनु भविष्य में होंगे आप इन लोगों के पुत्र जो देवारी सिंगार हैं उनके बारे में भी वर्णन कर रहा हूं मरीचि अत्रि अंगिरा पुलिस राजपूत एवं वशिष्ठ ए सात्विक शुभागमन वंत्र्ण में ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं जो सदा उत्तर दिशा में निवास करते हैं सप्त ऋषि तारामंडल यामा नामक देवता भी इसी मनोहरण में हुए इस ना बहू के अग्नि अग्नि बहू में देखती थी वसु ज्योतिष पान ध्रूमित हवन सावन तथा पुत्र नाम वाले 10 पुत्र हुए हैं या प्रथम मनुष्य भाभी के मानव अंतरण का संक्षिप्त रूप से वर्णन किया है इसरो चीफ मनुष्य में वशिष्ठ के साथ पुत्र वॉरियर्स तांबा कश्यप प्राण बृहस्पति दत्य तथा सेवानिवृत्त हुए इस मानव अंतरण में दूषित नामक देवता हुए अभी व्रत शुरू ज्योतिष युवा आयुष्मान प्रतीत नाभि स्वरूप नाप हुआ ऊर्जा नामक 10 पुत्र 194 मनु के हुए तीसरे मनु अंतरण के बारे में सोने उत्तम मन्वंतर में वशिष्ठ के ही पूर्व हाथी पुत्र संस्कृत हुए तथा मनु नाम के देवता हुए उत्तम के 10 पुत्र क्रमशाह ईश्वर तनु माधव माधव सुरुचि संघा स न मिश्रा तथा नव हुए चौथे मंत्रण में तामस मनु हुए कहा पृथ्वी अग्नि जय तू दाता काफी दान तथा आपका विधान से संतृप्त एवं सत्य नाम के देवता हुए तामस के पुत्र गृह प्रवेश सुपर तपो मूल तपोधन तपति तंवर परिश्रम तथा आलम स्मार्ट 110 हुए पांचवें दैत्य नामक मनु के 10 पुत्र कर्म सिंह रितमान अध्याय युक्त तत्वदर्शी नीर शुरू अभी प्रकाश नींबू सत वक्र और कवि थे तब रेनू नाम के देवता हुए और उस्मान वंत्र्ण में वेद बहू युद्ध मनु वेद गिरी सुपुत्र अवधूत मनोहारी रूम पर तथा अत्रिपुत्र सत्य मित्र सप्त ऋषि हुए छठवें सुमंत्रण से जस्सू नामक मनु के उप आदि 10 पुत्र हुए भी ना पूरी स्वान सुदामा विराज अति नामा तथा सा ही सुनो ए सप्त ऋषि हुए अंगिरा के पुत्र व नटवर के पुत्र आघात प्रभुत्व स्वीकृत संभव तथा लेख नामक देवता इस मन वंत्र्ण में हुए थे हे राजन सातवां मन्वंतर जो वर्तमान में चल रहा है इसमें ओवैस शाह नामक मनु हुए अत्री वशिष्ठ कश्यप गौतम भारद्वाज विश्वामित्र था ऋषि चक पुत्र अग्नि सप्त ऋषि वशिष्ठ पुत्रों को भी वशिष्ठ ही पुकारा जाता है सानिया रूद्र विश्वदेव मारुत वासु आदित्य तथा अश्वनी कुमार इस निमंत्रण के देवता हैं वे स्वस्थ मनु के इस स्वागत आदि 10 पुत्र हैं इन देशों तथा राजाओं के पुत्र पुत्र ने सारा विश्वंभरा है 49 मारुति in11th वन की रक्षा व व्यवस्था का कार्य करते हैं मनु अंतरण के बीत जाने पर उस मंत्रण के ऋषि तथा देवता कार्य संपूर्ण हो जाने के कारण ब्रह्म लोक को चले जाते हैं और नए रिसीव हुआ देवगन उसका कार्यभार संभाल लेते हैं इस प्रकार 49 मारुति में से 28 भी ब्रह्म लोग को चले जाते हैं उनका स्थान लेने के लिए तपस्या द्वारा स्वयं को योग एवं अधिकारी सिद्ध कर चुके नए मारुती आ जाते हैं अब मैं तुम्हें आने वाले मन वंत्र्ण के विषय के बारे में कहता हूं हे राजन 4 जून में रूस में मनु पहले बताया नया है कि वह सपना मनु को मिल देने पर्व 15 हो जाते है 15 सात्विक मनु कहे गए हैं वैसे सोता के अतिरिक्त शेष चार ब्रह्मा जी के पुत्र और पर्वत पर ताप करते रहने के कारण मेरु श्रावणी कहलाते हैं प्रजापति रुचि के पुत्र रोज तथा देवभोग से उत्पन्न होने के कारण पौधे कहलाते हैं भविष्य में इन्हीं मनु के मनु वंत्र्ण होंगी बहुत ही संक्षिप्त रूप में ही मनु मंत्रण के बारे में भी सुनिए सात्विक मन वंत्र्ण में रामविलास अत्रिपुत्र तृप्त मान भारद्वाज गोत्र वितरण के पुत्र अश्वत्थामा गोत्र गौतमी शत्रुघ्न कौशिक गाल संतृप्त होंगे शरीक मनु के 10 पुत्र बिरियान अभियान सामंत धृतिमान वसु सुनो सचिन और धोनी वजह तथा सुमित होंगे दूसरे सात्विक मन वंत्र्ण में पुल स्वत्व गोत्री में तिथि कश्यप गोत्र ई वास उस भार्गव अंगिरा वशिष्ठ गोत्र शिक्षा मंत्री गोत्री आर्यन वाहन तथा पुत्री सत्य सप्त ऋषि होंगे दूसरे शहरों के बीच हेतु निराकृत प्रीत श्रावण भूरी धूमन रुचि पोस्टल और गाय हुआ रोहित होंगे दसवें मंत्रण में हार्दिक समान वृत्तीय मूर्ति अष्टम प्रमित तथा आपके पुत्र सत्य सप्त ऋषि होंगे अग्नि व भूमि दो देवता होंगे मनु सूत निष्पक्ष गिरिवन सच में मेरा मित्र प्रशासन जय द्रव्य पुरी धाम वसूली चाहे दसवें मनु के 10 पुत्र होंगे अगले मन्वंतर में हार्दिक हार्दिक समांतरल अवधानी सर तथा पुलिस संतृप्त होंगे ब्रह्मा के 3 पुत्र तब देवता होंगे उस मनु के पुत्र सावित्री किशोर शर्मा देवा निक पूर्ण दोहन सिंधरा दिल नेहरू आदर्श पांडव नदी होंगे आमंत्रण में धोती तु ता ता को मूर्ति तपस्वी तपो वसंतपुरा भी वरिष्ठ सप्त ऋषि और ब्रह्मा के पांच मानस पुत्र देवता गण होंगे तेरे आमंत्रण में दृष्ट माह हवन तत्वदर्शी निरोधक निष्क्रियता निर्माण तथा सुताब संतृप्त होंगे तथा ब्रह्मा द्वारा बताए 3000 देवता होंगे इन 13 मनु रोचक सामी के 10 पुत्र चित्रसेन विचित्र नाम धर्मप्रीत दुरुद सुरेंद्र छात्रवृत्ति सुकता निर्भय तथा बिगड़ नामक से होंगे 14 में मनोहरण के मनुष्य साध्वी के कारण निर्माण कार्य समान उग्र अभिमानी प्रणवी जीवाणु संक्रांत तेजस्वी तथा प्रबल के 10 पुत्र होंगे तब 5 देवता गढ़ होंगे और भार्गव अति बहू सूरज जी आत्रेय युक्त शुक्रवार जितेश सप्त ऋषि होंगे प्रातः उठते ही सबसे पहले सप्तर्षियों का नाम लेने से ही सुखी आशु आयु की वृद्धि होगी हे राजन 14 में मन वंत्र्ण के बाद या कॉल समाप्त हो जाएगा चारों युगों की अवधि समाप्त हो जाएगी मैंने यह तुम्हें हो चुके तथा होने वाले सभी मानव अंतरण रहे हैं कालगणना जन्म जय द्वारा आगरा करने पर फिर भी सपना जी ने मन मंत्रणा की युगों की संख्या अधिक पर लाने के लिए आगे कहा हे राजन मनुष्य में दिन रात आदि काल विभाजन को सूर्य भगवान कहते हैं पलक झपक ने में जो समय लगता है उसे निमेष कहते हैं 15 निवेश की एक कास्ट 30 कास्ट की एक कला 30 कलाकार एक मूर्ति तथा 30 मूर्ति का एक दिन 15 दिन का एक पक्ष दो पक्षों का 1 माह 2 माह की एक रितु 3 रितु का एक आयन तथा दो आयन का 1 साल मनुष्यों का यह 1 वर्ष देवताओं के लिए 1 दिन होता है पितरों का दिन कृष्ण पक्ष तथा रात शुक्ल पक्ष होते हैं अतः मनुष्यों का एक माह पितरों का एक दिन रात कहलाता है क्योंकि दक्षिणायन देवताओं की रात व उत्तरायण देवताओं का दिन होता है देवताओं के 10 वर्षों के 1 दिन रात होते हैं इस प्रकार मनु के चार हजारों वर्षों को सतयुग 3000 वर्षों का त्रेता युग 2000 वर्षों का द्वापर युग तथा 1000 वर्षों का कलयुग होता है सतयुग में 400 वर्षों का संज्ञा कालवा इतने ही समय का संध्या अंश होता है त्रेता युग में तीन 300 द्वापर युग में 220 कलयुग में 11 100 वर्ष के संध्या एवं संघर्ष होते हैं इस प्रकार 12000 दिव्या वर्षों का एक महायुद्ध कल आता है ऐसे 71 महायुगा चतुर युवाओं का एक कल्प कहलाता है इसमें भी 284 युग में 182 युग का एक आयन होता है इस प्रकार दक्षिण तथा उत्तर दोनों लाइनों को 284 मिलकर एक कल्प कहलाता है एक आयन बीत जाने पर एक मनु का काल खत्म हो जाता है अतः उसे एक मन्वंतर भी कहते हैं 10000 मन्वंतर अर्थात 5000 कल्पना ब्रह्मा का 1 वर्ष होता है ब्रह्मा का 1 दिन एक कल्प बताया गया है ब्रह्मा का 1 दिन समाप्त होने पर सृष्टि का नाश हो जाता है तब संपूर्ण पृथ्वी जलमग्न हो जाती है उस काल को ब्रह्मा की रात्रि कहते हैं इस प्रकार यह सृष्टि और प्रलय का क्रम हमेशा इसी प्रकार से चलता रहता है या तुम्हें कालगणना मन वंत्र्ण काल तथा कल पौधे व प्रलय के बारे में बताया है अब तुम और जो जानना चाहते हो वह कहो तब जनम जाए जी ने वर्तमान काल में चल रहे वेद स्वास्थ्य मनु एवं उसके वंश के बारे में वृतांत वर्णन ने की इच्छा प्रकट की है जिसे सुनकर महा ज्ञान एवं तथ्यों मूर्ति विश्वनाथ जी इस प्रकार बोले

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14 As if the story of differences

Janma Jai Bole O Tapodhan, please tell us in detail about the period of Manvantar forests and the creation and pearl in it. More and more, the soul is saying the same, please tell me, please solve our curiosity, then Sapna ji said like this, you have asked another joke, it cannot be described in detail even in many words, yet for the peace of your curiosity I tell you carefully listen to this absence Vishwas Nagar Uttam Tamasha Red 407 Sabri physical and interesting a10s time is running Brahma this man and Rudra Shravani Nehru Shravani and efficiency Me A4 Merusari due to being proven by penance on the mountain Totally 14 Manus have been mentioned in this way, we have heard about Tanu, the Manu transfers of Manus before the present time are over, after this the said Manus will be in the future; I am doing Marichi Atri Angira Police Rajput and Vashisht e Satvi In Shubhagaman Vantran, there are Manas sons of Brahma, who always reside in the north direction. The deity named Sapta Rishi Constellation Yama also took place in the same charm. Vasu used to look at the daughter-in-law's Agni daughter-in-law. Or the first human sister-in-law's human transfer has been briefly described ISRO chief man with son Vashishtha Warriors copper Kashyap Prana Brihaspati Datya and retired in this human transfer a deity named Garrit has just started fasting Astrology young Ayushman appears navel form Measured 10 sons named Urja 194 About the third Manu transfer of Manu In gold Uttam Manvantar, Vashishtha's first elephant son became Sanskrit and the 10 sons of Uttam became gods named Manu. In the fourth mantra, Tamas Manu said Prithvi Agni Jai Tu Daata, a lot of charity and your law satiated and the son of Tamas became the deity named Satya, home entry super tapo original tapodhan tapati tanwar hard work and alam smart 110 10 sons of fifth demon named Manu Karma Tatvadarshi Neer, containing Singh Ritman Adhyay, Abhi Prakash, Lemon, Sat Vakar and Poet, then became a deity named Renu and in Usman Vantran, Ved Bahu Yuddh Manu Ved Giri, son of Avdhoot, on Manohari Room and Atriputra Satya Mitra, Sapt Rishi, from the sixth Sumantra of Manu named Jassu. Upa etc. 10 sons were not completed, Swan Sudama Viraj Ati Nama and listen to the same, O son of Angira, the son of Sapta Rishi and the son of Natvar, the trauma dominance was accepted possible and the deity named Lekh was born in this mind, O king, in the seventh Manvantar, which is going on at present. Owais Shah is the name of Manu, Atri, Vashishtha, Kashyap, Gautam Bhardwaj, Vishwamitra, Rishi Chak, son of Agni, Sapta, Rishi Vashishtha, the sons are also called Vashishtha, Saniya, Rudra, Vishwadev, Marut, Vasu, Aditya and Ashwani Kumar are the deities of this invitation, they welcome healthy Manu. Adi 10 sons are the sons of these countries and kings, the son is the whole world. are and The newly received Devgan takes charge of him, thus out of 49 Marutis, 28 also go to Brahmins, to take their place, new Marutis who have proved themselves Yoga and Adhikari through penance come, now I wish you the upcoming Mana Vantran. Let me say about the subject O Rajan, in Russia on June 4, Manu has been told earlier that there are 15 festivals to meet Sapna Manu, 15 are called Satvik Manu, except Sota, the remaining four sons of Brahma ji and on the mountain Meru is called Shravani because of keeping heat Prajapati's son is called Rose and due to being born from Devbhog, they are called plants. Atriputra Tript Man Bhardwaj Gotra distribution son Ashwatthama Gotra Gautami Shatrughna Kaushik Cheeks will be saturated 10 sons of Sharik Manu Biriyaan Abhiyan Samant Dhritiman Vasu Suno Sachin and Dhoni will be the reason and Sumit will be the reason and Sumit in the second Satvik Man Vantran Mein Tithi Kashyap Gotra E Vas Us Bhargava Angira Vashishtha Gotra Education Minister Gotri Aryan Vahan and daughter Satya Sapta Rishi will be among other cities Preet Shravan Bhuri Dhuman Ruchi Postal and Cow Rohit will be hearty equal circular idol Ashtam Pramit in the tenth mantra and your son Satya Sapta Rishi will be Agni and Bhoomi Deities will be Manu Sut fair Girivan really my friend administration jai dravya puri dham recovery whether the tenth Manu will have 10 sons in the next manvantar hearty hearty parallel avadhani sir and police will be saturated 3 sons of brahma then deities will be that manu's son savitri kishore sharma deva Nik Purna Dohan Sindhara Dil Nehru Ideal Pandav river will be the idol in the invitation Dhoti Tu Ta Ta Ko idol Tapasvi Tapo Vasantpura will also be the senior Sapta Rishi and Brahma's five Manas sons deities There will be 3000 deities told by these 13 Manu Rochak Sami's 10 sons Chitrasen Vichitra name Dharmapreet Durud Surendra scholarship Sukta fearless and bad nameIn 14 there will be 10 sons of Manoharan due to man Sadhvi construction work like fierce arrogant Pranavi bacteria Sankrant Tejasvi and Prabal then 5 gods will be strongholds and Bhargava super daughter-in-law Suraj ji Atreya yukta Friday Jitesh Sapt Rishi will be the first name of the Saptarishis as soon as they wake up in the morning Happy tears will increase the age only by taking it O Rajan after 14 years of mind or call will end the period of four ages will end Sapna ji further said to increase the number of yugas of Man Mantrana O Rajan, the division of day and night etc. in man is called Surya Bhagwan, the time it takes in the blink of an eye is called Nimesh 15 casts of investment 30 casts One art of 30 artists, one idol and 30 idols one day, 15 days, one side of two sides, 1 month, 2 months, one season, 3 seasons, one ion, and two ions, 1 year, 1 year for humans, 1 day for gods The day of the ancestors is Krishna Paksha and the night is Shukla Paksha, therefore one month of human beings is dedicated to the ancestors. A day is called night because Dakshinayan is the night of the deities and Uttarayan is the day of the deities. 1 day is night for the 10 years of the deities, thus the four thousand years of Manu, the Satyuga of 3000 years, the Tretayuga of 2000 years, the Dwaparayuga of 1000 years Kalyug is of 400 years in Satyug, noun Kalva of 400 years, in Treta yuga there are three 300 evenings, in Dwapar yuga 220, in Kaliyuga there are 11 100 years of evenings and conflicts, thus a great war of 12000 divine years comes tomorrow Such 71 Mahayugas is called a kalpa of clever youth, in this also there is an ion of 182 yugas in 284 yugas, in this way both south and north lines together 284 is called a kalpa, when one ion passes, one Manu's period ends. It is also called a Manvantar. 10000 Manvantar means 5000 Kalpana is 1 year of Brahma. 1 day of Brahma is said to be a kalpa. At the end of 1 day of Brahma, the creation is destroyed, then the whole earth gets submerged. This is called the night of creation and annihilation. continues in the same way or have told you about the time-calculation, the mind, the Vantran period, and tomorrow's plants and holocaust, now you say whatever else you want to know, then Janam Jaye ji has told about the Vedas health Manu and his descendants in the present time. The description of the story has expressed the desire to listen to which Vishwanath ji spoke like this

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