श्रीमद् भागवत कथा पुराण 12वा स्कंध अध्याय 2 आरंभ
काली युग में धर्म एवं काली योगी जीवो के कर्म का वर्णन
श्री सुखदेव जी बोलिए राजा परीक्षित कलयुग का आगमन हो चुका है किंतु जीव जीव घोर कलयग आता जाएगा इस दिन क्यों संसारी मनुष्य के हृदय से दया प्रेम त्याग आदि की भावना समाप्त होती जाएगी उसकी स्थान पर कोट गिरना आपसी मतभेद धन की लालसा आदि बढ़ेगा हे राजन जब मनुष्य में अहंकार अथवा लोग बढ़ जाता है तो धर्म के लिए स्थान नहीं बचता क्योंकि धर्म के विषय में विचार करने के लिए उस प्राणी के पास समय नहीं बचता जिससे कि वह शुभ कार्य करें शुभ कर्म से ही प्राणी को लंबी आयु प्राप्त होती है जो सत्यवादी एवं धार्मिक स्वभाव के मनुष्य होंगे उन्हें भूख मारना होगा इसलिए कि चारों और असत्य युवा धार्मिकता का राज होगा धनी मनुष्य की देवताओं के सामान पूजा होगी कलयुग में धन-संपत्ति की प्रधानता होगी निर्मल एवं धन ही का पेट भरना कठिन होगा छल कपट एवं कूटनीति से परिपूर्ण मनुष्य की सर्वोच्च जय जयकार होगी कलयुग में विवाह आदि जैसे शुभ कार्य में धार्मिकता की प्रधानता नहीं होगी विवाह कार्य युक्त एवं युक्ति की रूचि के अनुसार संपूर्ण पूर्ण होगा मनुष्यों द्वारा अत्याधिक पाप किए जाने के कारण वर्ष कम होगी जब वर्ष कम होगी तो फसलें खेतों में सूख जाएंगे इस प्रकार की उपज कम होगी तब चोरी एवं लूट का सूट बढ़ेगा ब्राह्मण अपना धर्म त्याग कर याद मान को ठगने का कार्य करेंगे हे राजा परीक्षित और कलयुग में मनुष्य की औसत आयु 30 वर्ष अधिक संख्या में लोग अकाल मृत्यु के मुख में चले जाएंगे कलयुग में मनुष्य आकार में छोटे एवं दुबले हो गए हुए बकरियां के समान छोटी एवं कम दूध देने वाली होगी ब्राह्मण अपना ब्राह्मण व त्याग कर तन पर जनेऊ धारण कर ब्राह्मण होने का ढोंग करेंगे लोग याचिकाओं के द्वार से डांट कर भगा देंगे हे राजन इस तरह जब पृथ्वी पाप के बाहर से धरने लगेगी तो उस समय भगवान श्री नारायण कलयुग के अंत में अवतार लेंगे धर्म की रक्षा के लिए काल की भगवान का अवतार विष्णु यश नामक ब्राह्मण के घर होगा देवदत्त नामक नीले रंग के घोड़े पर चढ़कर हाथ में नंगी तलवार लेकर पापियों का संघार करेंगे जो शक्तिशाली राजा धर्मी करेगा अथवा जोधानी मनुष्य निर्मल प्राणी को सताएगा गार्लिक भगवान अपनी तलवार से प्राणियों का वध करके पूर्ण धर्म की स्थापना करेगा उनकी श्री का दर्शन कर जब प्राणियों को ज्ञान प्राप्त होगा तब वहां धर्म का पद त्याग कर धर्म की शरण में आएंगे और कलिंग भगवान की दया प्राप्त करेंगे हे राजा परीक्षित जिस समय चंद्रमा सूर्य एवं बृहस्पति एक ही समय में एक ही साथ पूर्णिया नक्षत्र प्रथम चरण के प्रथम पल में प्रवेश करते हैं वह सतयुग का आरंभ काल कहलाता है सतयुग के आने पर कलयुग के पाप समाप्त हो जाएंगे और भगवान श्री नारायण की इच्छा से धर्म की स्थापना होगी एक हजार दिव्य वर्ष व्यतीत होने के पश्चात कालिक भगवान अवतार लेंगे
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Shrimad Bhagwat Katha Purana 12th Canto Chapter 2 Beginning
Description of Dharma and Karma of Kali Yogi Jivas in Kali Yuga
Mr. Sukhdev ji tell Raja Parikshit Kalyug has arrived, but the fierce Kalyug will continue to come, why on this day the feeling of mercy, love, sacrifice etc. will end from the heart of the worldly man, in its place coat will fall, mutual differences, longing for money etc. will increase O Rajan When ego or pride increases in a man, then there is no place left for religion, because that creature does not have time to think about religion, so that it can do good deeds, only by doing good deeds, the creature gets a long life. There will be people of truthful and religious nature, they will have to starve because there will be rule of untruthful youth and righteousness, rich man will be worshiped like gods, in Kalyug wealth will be pure and it will be difficult to fill the stomach of money, deceit and diplomacy. There will be supreme victory of a man who is full of love, there will be no predominance of religiousness in auspicious work like marriage etc. in Kalyug, marriage will be complete according to the interest of work and tact, due to excessive sins committed by humans, the year will be short, when the year is short, then the crops in the fields This type of produce will dry up, then the suit of theft and loot will increase, Brahmins will leave their religion and work to cheat Yad Maan, O King Parikshit, and in Kalyug, the average age of man will be 30 years, more number of people will face premature death. In Kalyug, human beings will become small in size and lean like goats and will give less milk; Brahmins will give up their Brahmins and pretend to be Brahmins by wearing sacred thread on their bodies. At the end of Kalyug, when the earth will begin to dharna from sin, then Lord Shri Narayan will incarnate at the end of Kalyug. To protect Dharma, the incarnation of God of Kaal will be in the house of a Brahmin named Vishnu Yash, mounted on a blue horse named Devdutt with a naked sword in his hand. The mighty king who will kill the sinners will do the righteous or the Jodhani man will torture the pure creature Garlic God will kill the creatures with his sword and establish the complete religion, when the creatures will get knowledge after seeing his Shri, then there they will give up the post of religion. Will come to the shelter and Kalinga O King Parikshit, when the Moon, the Sun and Jupiter enter the first phase of Purnia Nakshatra at the same time, it is called the beginning of Satyuga, O King Parikshit. Dharma will be established by the will of Lord Shree Narayan. After one thousand divine years, Kalik God will incarnate.
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