श्रीमद् भागवत कथा पुराण दसवां स्कंध अध्याय 26 आरंभ
गवालों का भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करना
श्री सुखदेव जी का आने लगे हे राजा परीक्षित गोवर्धन पर्वत धारण करने से कन्हैया का एक नाम गिरधारी हुआ उस समय समस्त वह वाला आश्चर्यचकित होकर इस प्रकार कहने लगे हे नाथ जी आपके बालक ने गिरिराज को इस प्रकार उठा दिया जैसे गजराज कमल के पुष्प को उठा लेता है 7 वर्ष की अवस्था वाले श्री कृष्ण ने गोवर्धन उठाकर महा आश्चर्य वाला कार्य किया है हम लोग में प्रणाम करते हैं उन्होंने पूतना राक्षसी का स्तनपान कर उसे मार डाला गुरुवार व्रत एवं वात्सल्य सूर को 1 वर्ष की आयु में मार डाला आकाश असुर बकासुर धेनु का ससुर आदि राक्षसों को खेल-खेल में मार डाला अतः यह साधारण मनुष्य नहीं है हम ब्रजवासी इन्हें बारंबार नमस्कार करते हैं जिस समय यशोदा जी ने इन्हें बांधा उन्होंने वह कल से झटका मारकर उन विशाल वृक्षों को काट दिया हेमंत जी सत्य वचन कहो आपने इन्हें कहां पाया वालों के वचन सुनकर नंदराय करने लगे हैं भाइयों कन्हैया मेरा ही पुत्र है उनका नामकरण करते हुए गोगा आचार्य जी ने मुझसे कहा था की इन्हें अपना बालक मत समझना यह परम ब्रह्म परमेश्वर है तुम्हारे पूर्व जन्म के तब का फल देने के लिए तुम्हारे पुत्र के रूप में अवतार लिए हैं इतना ही नहीं अपनी बाल लीलाएं दिखाकर दुष्टों का संहार करके पृथ्वी का भार भी हल्का करेंगे नंद राय जी के कथन को सुनकर समस्त ग्रुप वालों उनके भाग्य की सराहना करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करने लगा श्री सुखदेव जी कहने लगे हे राजा परीक्षित भगवान श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का वर्णन जो प्राणी ध्यान पूर्वक सुनता है वह इस अपार संसार के आवागमन रूपी बंधन से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है
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Shrimad Bhagwat Katha Purana Tenth Skandha Chapter 26 Beginning
Gawals praise Lord Krishna
Shri Sukhdev ji started coming, O King Parikshit wearing the Govardhan mountain, Kanhaiya's name was Girdhari, at that time all the people were surprised and said in this way, Oh Nath ji, your child lifted Giriraj in such a way that Gajraj lifted the lotus flower. Takes that Shri Krishna, who is 7 years old, has done a great miracle by lifting Govardhan, we bow to the people, he killed the demon Putana by breastfeeding him on Thursday fast and killed Vatsalya Sur at the age of 1 year Akash Asura Bakasura Dhenu Ka's father-in-law killed the demons in sports and games, so he is not an ordinary man, we Brajwasi salute him again and again, when Yashoda ji tied him, he cut those huge trees by blowing him from yesterday, Hemant ji, you tell them the truth. Listening to the words of those who found Nandarai, brothers Kanhaiya is my son, while naming him, Goga Acharya ji told me that don't consider him as your child, this is the Supreme Brahman, your son to give the fruits of your previous birth. incarnated as Not only this, he will also lighten the weight of the earth by killing the wicked by showing his child's pastimes, listening to the statement of Nand Rai ji, all the people of the group started praising Lord Shri Krishna, praising his fate, Shri Sukhdev Ji started saying, O King Parikshit, Lord Shri The creature who listens carefully to the description of Krishna's child pastimes, gets liberated from the bondage of this immense world's movement and attains salvation.
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