श्रीमद् भागवत कथा पुराण दसवां स्कंध अध्याय 21

श्रीमद भागवत कथा पुराण दसवां स्कंध अध्याय 21 आरंभ

श्री कृष्णा जी से गोपियों के प्रति करने वाला वृतांत

श्री सुखदेव जी बोले हे राजन्प 1 दिन भगवान श्री कृष्णा चंद्रा अने ग्वाल शाखा के साथ शरद ऋतु में खेलने के लिए चोरी-छिपे वन में गए वहां सरोवर के निर्मल स्वक्ष जेल में खिले हुए कमल पुष्पद देखकर अत्यंत प्रसन्न हुए वहां सुंदर सुंदर पक्षियों के जुड़ जल में किलोल कर रहे थे पुष्पों से भीनी भीनी सुगंध निकल कर वन मंडल को यौन प्रदान कर रही थी या सुंदर दृश्य देखकर वे काम वर्क नामक पर्वत शिखर पर चढ़कर अपनी मर्जी से राग मोहनी का स्वर्ग निकालने लगे बंसी की मधुर रागिनी सुनकर घरों में बैठी गोपियां व्याकुल होने लगी बछड़े दूध पीना छोड़ कर बंसी की मधुर तान सुनने लगी वेगास चराना भूल गई ब्रज के पाचेगाव उड़ना भूलकर वृक्ष की शाखाओं पर बैठकर बंसी की तान सुनने लगे हे राजा परीक्षित माय आपको प्रभु की बंसी की धुन ओं का इतना वर्णन करूंगा प्यासे पानी पीना भूल गए और मार्ग में जाने वाले पथिक आपने गत वित्त जहां पहुंचना था कुबूल जिस स्थान पर थे वही खड़े होकर बंसी की मधुर धुन सुनने लगे हे परीक्षित रा मुरली मनोहर के  की क्या कथा है मुरली मनोहर के बंसी की धुन पर सारा जग मोहित हो गया ऐसे लीलाधारी मुरली मनोहर के चरण कमलों की वंदना करने वाले प्राणी को जीवन मरण के बंधन से मुक्त मिल जाती है और वह भगवान श्री कृष्ण जी असीम कृपा प्राप्त करता है

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Shrimad Bhagwat Katha Purana Tenth Skandha Chapter 21 Beginning

Story from Shri Krishna to the Gopis

Shri Sukhdev ji said, O king, on the first day Lord Shri Krishna Chandra went to the forest secretly to play in the autumn with Ane Gwal branch, there he was very pleased to see the lotus flower blooming in the pure clean prison of the lake, there were beautiful birds joining. They were burning in the water and were giving sex to the forest division by giving out a rich fragrance from the flowers or seeing the beautiful view, they climbed the mountain peak called Kama Vark and started taking out the heaven of Raga Mohani of their own free will sitting in the houses listening to the sweet melody of Bansi. The gopis started getting distraught, the calves stopped drinking milk and started listening to the melodious tone of the bansi, Vegas forgot to feed, forgetting to fly, forgetting to fly, they sat on the branches of the tree and listened to the sound of the bansi, O King Parikshit, I will describe the tunes of the Lord's flute so much to you thirsty. Forgot to drink water and the wanderers on the way, where you had to reach the last finance, you stood at the same place where you were and started listening to the melodious melody of the bansi, O Parikshit, what is the story of Murli Manohar's flute? It has happened at the lotus feet of such a lila-dhari Murli Manohar. The person who worships gets freed from the bondage of life and death and that Lord Shri Krishna ji receives infinite grace.

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