श्रीमद् भागवत कथा पुराण नवा स्कंध अध्याय 5

श्रीमद् भागवत कथा पुराण नवा स्कंध अध्याय 5 आरंभ

दुर्वासा ऋषि की प्राण रक्षा का वर्णन श्री सुखदेव जी बोले राजा परीक्षित श्री नारायण की बात मानकर ऋषि दुर्वासा वापस लौट कर आजा अमृता के पास आ गए और उनके चरणों में गिर पड़े और विनती करते हुए बोले हे भक्तराज मेरी प्राण रक्षा करो मैं आपकी शरण में हूं उनकी यह दशा देखकर अमृता को अत्यंत कष्ट हुआ और दया भाव से ओतप्रोत होकर सुदर्शन चक्र की स्तुति करने लगे ही  चक्र सुदर्शन आप साक्षात् अग्नि है आप सूर्य चंद्रमा एवं पानी भूत इंद्रियों के स्वामी है यह देव आप ऋषि दुर्वासा को ब्राह्मण ज्ञान इनके अपराधों को क्षमा करें तुम्हारी प्राण ही लक्ष्मी पति ब्राह्मणों का आदर करते हैं मैं भी ब्राह्मण भक्त हूं आप मुझ पर प्रसन्न होकर ऋषि राज को छमा दे राजा अमरीसा द्वारा स्तुति के जाने पर सुदर्शन चक्र ने अपना देश शांत कर लिया तत्पश्चात राजन ने ऋषिराज से प्रेम पूर्वक भोजन कराने का आग्रह किया दुर्वासा जी ने अपने भोजन कराने के उपरांत नहीं आशीर्वाद देते हुए कहा हे राजन मायने भागवत भक्तों का प्रभाव आज देख लिया मेरा अपराध भयंकर था किंतु फिर भी प्राण दान देकर मुझ पर कृपा किया सचमुच भगवान के भक्तों का एक दिल बहुत उदास होता है आप धन्य हैं राजन आम धन्य हैं इस तरह राजा अमृता की प्रशंसा करते हुए दुर्वासा ऋषि चले गए

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Shrimad Bhagwat Katha Purana Nava Skandha Chapter 5 Beginning

Describing the life of Durvasa Rishi, Shri Sukhdev ji said, following the advice of King Parikshit Shri Narayan, Rishi Durvasa came back and came back to Amrita and fell at her feet and pleaded, O devotee, save my life, I am in your shelter. Seeing this condition of hers, Amrita was deeply pained and started praising Sudarshan Chakra after being filled with pity; Sorry, your soul is Lakshmi, husband respects the brahmins, I am also a brahmin devotee, please forgive the sage Raj after being praised by King Amrisa, Sudarshan Chakra pacified his country, after that Rajan had a loving meal with Rishiraj. Requested to get it done, Durvasa ji did not give his blessings after having his food and said, O Rajan Mean Bhagwat, saw the effect of the devotees today, my crime was terrible, but still, by donating my life, it was really a heart of the devotees of God very sad. Would You are blessed Rajan Mango is blessed, thus praising King Amrita, the sage Durvasa went away.

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